Sunday, December 22, 2024
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‘हिन्दू काफिर और मुशरिक, बहुदेववादियों को मिलेगी सजा’: बिहार सरकार से फंडिंग पा रहे मदरसों में पढ़ाई जा रहीं पाकिस्तान में छपी किताबें, UN से हस्तक्षेप की माँग

प्रियांक कानूनगो ने बिहार मदरसा बोर्ड के हवाले से आगे बताया कि मदरसे का पाठ्यक्रम यूनिसेफ ने तैयार किया है। उन्होंने इसे यूनिसेफ और मदरसा बोर्ड द्वारा किए जा रहे तुष्टिकरण की पराकाष्ठा करार दिया है।

बिहार के कुछ मदरसों में मज़हबी कट्टरपंथ की शिक्षा दिए जाने का मामला सामने आया है। रविवार (18 अगस्त, 2024) को यह खुलासा राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग (NCPCR) के अध्यक्ष प्रियांक कानूनगो ने किया है। उन्होंने बताया कि इन मदरसों में हिन्दुओं को काफिर बताया जाता है। यहाँ पढ़ाई जाने वाली कई पुस्तकें तो पाकिस्तान में छपी पाई गईं हैं। खास बात तो ये है कि इन मदरसों को राज्य सरकार पैसे भी दे रही है। प्रियांक कानूनगो ने मदरसा बोर्ड को भंग करने की भी माँग उठाई है।

प्रियांक कानूनगो ने रविवार को अपने ‘X’ हैंडल पर कई स्क्रीनशॉट शेयर किए। इन स्क्रीनशॉट के साथ उन्होंने कैप्शन के तौर पर लिखा, “बिहार राज्य में सरकारी फ़ंडिंग से चलने वाले मदरसों में तालिमुल इस्लाम व ऐसी ही अन्य किताबें पढ़ाई जा रहीं हैं। इस किताब में ग़ैर इस्लामिकों को काफ़िर बताया गया है। इन मदरसों में हिंदू बच्चों को भी दाख़िला दिए जाने की सूचना मिली है परंतु बिहार सरकार संख्या अनुपात की अधिकारिक जानकारी नहीं दे रही है।”

प्रियांक कानूनगो ने बिहार मदरसा बोर्ड के हवाले से आगे बताया कि मदरसे का पाठ्यक्रम यूनिसेफ ने तैयार किया है। उन्होंने इसे यूनिसेफ और मदरसा बोर्ड द्वारा किए जा रहे तुष्टिकरण की पराकाष्ठा करार दिया है। बकौल प्रियांक बच्चों के संरक्षण के नाम पर दान और सरकारों से मिले अनुदान से कट्टरवादी पाठ्यक्रम बनाना यूनिसेफ़ का काम नहीं है। उन्होंने यह हरकत भारत के संविधान के खिलाफ बताते हुए मामले की जाँच और निगरानी संयुक्त राष्ट्र द्वारा कराए जाने की माँग उठाई है।”

प्रियांक कानूनगो के मुताबिक बिहार में मौजूद मदरसों के पाठ्यक्रम में शामिल अनेक किताबें पाकिस्तान में छपवाई जाती हैं। उन्होंने कहा कि मदरसा किसी भी रूप में बच्चों की बुनियादी शिक्षा की जगह नहीं हैं। बच्चों की पढ़ाई स्कूलों में कराए जाने की वकालत करते हुए उन्होंने कम से कम हिन्दू बच्चों को मदरसरों में न पढ़ाने की अपील की है। अंत में प्रियांक कानूनगो ने मदरसा बोर्ड भंग करने की माँग की है। अपने इस ट्वीट में उन्होंने प्रधानमंत्री और गृहमंत्री के साथ उनके कार्यालयों व संयुक्त राष्ट्र संघ को टैग किया है।

क्या छपा है किताबों में

प्रियांक कानूनगो ने जो स्क्रीनशॉट शेयर किए हैं उसके ऊपर तालीम उल इस्लाम (इस्लाम की शिक्षा) हेडलाइन दी गई है। इसके पहले सवाल में ‘तुम्हें किसने बनाया है’ के जवाब में लिखा है ‘अल्लाह ने मुझे और दुनिया की हर चीज बनाई’। एक अन्य सवाल था कि अल्लाह ने दुनिया कैसे बनाई जिसके जवाब में लिखा गया है कि अपनी ताकत और हुक्म से। जो अल्लाह को नहीं मानते उन्हें इस किताब में ‘काफिर’ और किसी और को पूजने वाले लोगों को मुशरिक बताया गया है।

इसी किताब में एक और सवाल कर के पूछा गया है कि क्या बहुदेववादी (एक से ज्यादा देवताओं को मानने वाले) मोक्ष को प्राप्त होते हैं? इसके जवाब में लिखा गया है कि ‘कभी नहीं’। साथ ही कहा गया है कि बहुदेववादियों को सजा मिलती है। इसके अलावा किताबों के कई पन्नों पर इस्लामी प्रतीक छपे हुए हैं। इन प्रतीकों में सऊदी अरब की मस्जिद अल नवाबी भी शामिल है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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