Saturday, November 2, 2024
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भारत बना WHO के ‘पारंपरिक चिकित्सा पद्धति’ का केंद्र, दी ₹1900 करोड़ की सहायता: PM मोदी ने कहा- विश्व का होगा कल्याण

डब्ल्यूएचओ का कहना है कि दुनिया की लगभग 80% आबादी पारंपरिक चिकित्सा का उपयोग करती है। दुनिया भर में कई लाखों लोगों के लिए पारंपरिक चिकित्सा कई बीमारियों के इलाज के लिए पहली प्राथमिकता है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार (26 मार्च 2022) को कहा कि भारत विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के वैश्विक पारंपरिक औषधि केंद्र (Global Centre for Traditional Medicine) का घर होने पर सम्मानित महसूस कर रहा है।उन्होंने कहा कि भारत की पारंपरिक औषधि और बेहतर स्वास्थ्य के तरीके दुनिया भर में लोकप्रिय हो रहे हैं और लोगों के स्वस्थ रखने में मदद करेगा।

अभी एक दिन पहले ही आयुष मंत्रालय ने गुजरात के जामनगर में विश्व स्वास्थ्य संगठन के ग्लोबल सेंटर फॉर ट्रेडिशनल मेडिसिन की स्थापना के लिए संयुक्त राष्ट्र की इस स्वास्थ्य एजेंसी के साथ एक समझौता किया है। इसका अंतरिम कार्यालय गुजरात में इंस्टीट्यूट ऑफ ट्रेनिंग एंड रिसर्च इन आयुर्वेद (आयुर्वेद शोध एवं प्रशिक्षण संस्थान) होगा। इस संस्था में भारत सरकार द्वारा 1900 करोड़ रुपए का निवेश किया जाएगा।

पीएम मोदी ने ट्वीट में कहा, “यह केंद्र एक स्वस्थ ग्रह बनाने और वैश्विक भलाई के लिए हमारी समृद्ध पारंपरिक पद्धतियों का लाभ उठाने में योगदान देगा। भारत से पारंपरिक दवाएँ और स्वास्थ्य पद्धतियाँ विश्व स्तर पर बहुत लोकप्रिय हैं। यह @WHO केंद्र हमारे समाज में कल्याण को बढ़ाने में एक लंबा सफर तय करेगा।”

डब्ल्यूएचओ का कहना है कि दुनिया की लगभग 80% आबादी पारंपरिक चिकित्सा का उपयोग करती है। दुनिया भर में कई लाखों लोगों के लिए पारंपरिक चिकित्सा कई बीमारियों के इलाज के लिए पहली प्राथमिकता है। संस्था ने कहा कि संस्था के 194 में से 170 देश इस चिकित्सा पद्धति का इस्तेमाल करते हैं।

WHO के महानिदेशक ने कहा, “यह सुनिश्चित करना WHO के मिशन का अनिवार्य हिस्सा है कि सुरक्षित और प्रभावी उपचार तक सभी लोगों की पहुँच हो। यह नया केंद्र पारंपरिक चिकित्सा के आधार को मजबूत करने के लिए विज्ञान की शक्ति का उपयोग करने में मदद करेगा। मैं इसके समर्थन के लिए भारत सरकार का आभारी हूँ।”

वर्तमान में इस्तेमाल होने वाला 40% फार्मास्युटिकल उत्पाद प्राकृतिक रूप से प्राप्त किए जाते हैं। जैसे, एस्पिरिन की खोज विलो पेड़ (Willow Tree) की छाल और गर्भनिरोधक गोली जंगली Yam (सूरन जैसा) पौधों की जड़ों से तैयार की गई थी। वहीं, बच्चों में कैंसर का इलाज Rosy Periwinkle फूल पर आधारित है। कहा जाता है कि मलेरिया के इलाज प्राचीन चीनी चिकित्सा ग्रंथों के शोध पर आधारित है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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