कोरोना वायरस के प्रसार के साथ ही हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन (HCQ) की माँग दुनिया भर में बढ़ती जा रही है। इसकी आपूर्ति के लिए दुनिया के अधिकतर देश भारत की तरफ देख रहे हैं। भारत भी अपनी जरूरतों को देखते हुए और इसे पूरा करने के बाद दुनिया के अधिकतर देशों की मदद कर रहा है। भारत ने 55 देशों में मलेरिया की दवा हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन भेजने का फैसला किया है।
भारत की ओर से जिन 55 देशों को मलेरिया की दवा कोरोना संक्रमण के लिए भेजी जा रही है, उनमें प्रमुख रूप से अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, रूस, अफगानिस्तान, भूटान, बांग्लादेश, नेपाल, मालदीव, श्रीलंका, म्यांमार, सेशेल्स, ओमान, संयुक्त अरब अमीरात, दक्षिण अफ्रीका, नाइजीरिया, डोमिनिकन गणराज्य, युगांडा, मिस्र, आर्मेनिया, सेनेगल, अल्जीरिया, जमैका, उज्बेकिस्तान, कजाखस्तान, यूक्रेन, नीदरलैंड, स्लोवेनिया, उरुग्वे, इक्वाडोर समेत अन्य देश शामिल हैं।
बताया जा रहा है कि 55 देशों के आवेदनों को तीन चरणों में मँजूरी दी गई है। पहले दो चरणों के लिए जिन देशों का चयन किया गया है, उन्हें इसकी खेप भी पहुँचा दी गई है। दक्षिण एशिया में पाकिस्तान को छोड़ कर अन्य सभी देशों को HCQ की खेप भेजी जा चुकी है। अभी भारत में इन दवाओं का निर्माण सीमित स्तर पर हो रहा है, इसलिए माँग के मुकाबले आपूर्ति कम की जा रही है। जैसे-जैसे निर्माण तेज होगा, वैसे-वैसे आपूर्ति भी बढ़ाई जाएगी।
इससे पहले भारत ने हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन के निर्यात पर पूरी तरह से पाबंदी लगा दी थी लेकिन बाद में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील करने के बाद अमेरिका समेत दूसरे देशों को भी भारत ने मानवीय आधार पर HCQ की आपूर्ति शुरू की। अमेरिका को भारत 36,00000 टेबलेट भेज चुका है। इसी के साथ 15 से ज्यादा देशों को ये दवा अब तक भेजी जा चुकी है।
इनमें अमेरिका और ब्रिटेन से लेकर रूस, दक्षिण अफ्रीका समेत यूरोप लैटिन अमेरिका, अरब और अफ्रीकी देश शामिल हैं। हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन दवा मलेरिया के अलावा आर्थराइटिस और ल्यूपस जैसी बीमारी के इलाज में इस्तेमाल होती है। हाल में अमेरिका, चीन व दक्षिण कोरिया समेत कई देशों में इस दवा से ही कोरोना वायरस संक्रमण का इलाज हुआ है। इसके बाद से ही हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन की माँग विदेशों में बढ़ गई है।
हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन का सबसे बड़ा उत्पादक
भारत दुनिया में हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन का सबसे बड़ा उत्पादक है। यही वजह है कि अब विदेशों से ही इस दवा की अचानक माँग बढ़ गई है। हालाँकि प्रधानमंत्री मोदी साफ कर चुके हैं कि भारत की जरूरत को देखते हुए ही अन्य देशों को इस दवा की सप्लाई की जाएगी।
कोरोना वायरस से निपटने के लिए हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन को काफी उपयोगी माना जा रहा है। यही कारण है कि अमेरिका व ब्राजील के राष्ट्रपति और इजराइल के पीएम ने पीएम मोदी की प्रशंसा की। ब्राजील के राष्ट्रपति ने पीएम मेादी की तुलना हनुमान भगवान से की, जिन्होंने कष्ट के समय लोगों को संजीवनी उपलब्ध कराई।