बेंगलुरु के इन्फोसिस में काम करने वाला मुजीब मोहम्मद, जिसे पुलिस ने पिछले दिनों गिरफ्तार किया था, वो कट्टरपंथी इस्लामी उपदेशक जाकिर नाइक का बड़ा प्रशंसक निकला। बता दें कि पुलिस ने मुजीब को कोरोना वायरस फैलाने के लिए उकसाने के आरोप में गिरफ्तार किया था। डेक्कन हेराल्ड की खबर के मुताबिक मुजीब ने अपनी फेसबुक पोस्ट के माध्यम से लोगों से अपील की थी कि आओ घर से बाहर निकलो, कोरोना को फैलाने में हाथ मिलाएँ और पब्लिक के बीच मुँह खोल कर छींकें जिससे कि यह कोरोना वायरस और फैल सके। इसके बाद उसे कंपनी से भी निकाल दिया गया।
मुजीब के खिलाफ आईपीसी की धारा 153A, 505, 270 और 109 के तहत कार्रवाई की गई। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि मुजीब मोहम्मद ने सोशल मीडिया पर कट्टरपंथी इस्लामी उपदेशक जाकिर नाइक को फॉलो कर रखा है, वो उसके भाषण को देखता और उसे लाइक और शेयर भी करता है। पुलिस अधिकारी ने दावा किया कि ऐसे पोस्ट करना उसकी आदतों में शुमार है, जो अन्य समुदाय की धार्मिक भावनाओं को आहत करती है। मुजीब मोहम्मद ने अपनी एक अन्य फेसबुक पोस्ट में लिखा है, “मेरी बंदूक कुत्तों को मारने के लिए तैयार है।”
बता दें कि हाल के दिनों में जाकिर नाइक कई कट्टरपंथियों का प्रेरणास्रोत है। राष्ट्रीय जाँच एजेंसी (NIA) ने पिछले साल अक्टूबर में कहा था कि संदिग्ध आईएसआईएस लिंक के लिए भारत में सुरक्षा एजेंसियों द्वारा गिरफ्तार किए गए 127 लोगों में से अधिकांश आतंकवादी कट्टरपंथी इस्लामी उपदेशक जाकिर नाइक के भाषणों से प्रेरित थे, जो कि फिलहाल मलेशिया में रह रहा है।
मुजीब मोहम्मद के पोस्ट को लेकर ट्विटर यूजर्स की प्रतिक्रिया बेहद आक्रामक और गुस्से से भरी थी। कुछ लोगों ने इसे जहाँ जिहाद का एक फॉर्म बताया, तो कुछ ने इसके जरिए मीडिया गैंग की पुअर हेडमास्टर संस थ्योरी को याद किया। लोगों ने इसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की माँग की थी।
उल्लेखनीय है कि कोरोना वायरस को लेकर इस तरह की नफरत फैलाने वाली बात कहने का यह कोई पहला मामला नहीं है। इसके पहले भी चरमपंथी इस्लामिस्ट्स राणा अयूब ने भी कोरोना के संबंध में पूरे देश को बद्दुआ देते हुए कहा था कि जो देश इतना नैतिक रूप से पतित हो चुका हो उसका कोरोना भी क्या करेगा? जिस पर मीडिया गैंग की भी तरफ से काफी तीखी प्रतिक्रिया आई थी। लेकिन बरखा दत्त की जिहादिनों ने जिसका समर्थन किया था।