यूनिवर्सिटी ऑफ सिडनी के एसोसिएट प्रोफेसर सोशियोलॉजिस्ट सैल्वाटोर बेबोनेस ने कहा है भारत का बुद्धिजीवी वर्ग मोदी और भाजपा विरोधी के साथ-साथ देश विरोधी भी है। उन्होंने कहा कि भारत को फासीवादी दर्शाने के पीछे भारत का बुद्धिजीवी वर्ग और ग्लोबल मीडिया है। उन्होंने कहा कि वैश्विक मीडिया और दुनिया के पास के पास भारत के बारे में सही जानकारी नहीं है।
इंडिया टुडे के वरिष्ठ पत्रकार राजदीप सरदेसाई द्वारा देशभक्ति को लेकर पूछे गए सवाल पर प्रोफेसर बेबोेनेस ने कहा कि भारत में सांप्रदायिक हिंसा की खूब बातें होती हैं, खासकर उत्तर प्रदेश के बारे में। उन्होंने कहा कि रवांडा और बुरुंडी में भी उतनी ही सांप्रदायिक हिंसा हुई है, जितनी यूपी में हुई है। उन्होंने कहा कि इन सांप्रदायिक घटनाओं में यूपी का नाम जोर-शोर से लिया जाता है।
.@sbabones has ruffled quite a few in @IndiaToday summit. @sardesairajdeep is clearly upset. @aroonpurie is glum, like who invited this guy here?
— Ratan Sharda 🇮🇳 रतन शारदा (@RatanSharda55) November 5, 2022
Some plain speaking there by Salvatore. 😊 https://t.co/5wPhjOX56B
प्रोफेसर बेबोनेस ने कहा कि जो स्थिति बिहार की है, वही स्थिति कॉन्गो की है, लेकिन बिहार की बात ज्यादा होती है। उन्होंने कहा कि भारत को लेकर एक छवि गढ़ ली गई है, जो कि बेहद खतरनाक बात है। उन्होंने कहा कि गलत जानकारी के आधार पर भारत की छवि प्रभावित करने की कोशिश की जाती है।
हंगर इंडेक्स में भारत की स्थिति को लेकर प्रोफेसर बेबोेनेस ने कहा कि यह गलत तरीके से तैयार किया गया है। दरअसल, इन रैंकिंग्स को सर्वे के आधार पर तैयार किया जाता है। उन्होंने कहा कि अब सवाल ये है कि ये सर्वे किन लोगों पर किए जाते हैं। इनमें बुद्धिजीवी वर्ग के लोग, विदेश और भारत के छात्र, एनजीओ और मानवाधिकार संगठनों से जुड़े लोग होते हैं। इन रैंकिंग्स में भारत को गलत आँका जाता है।
इंडिया टुडे कॉन्क्लेव में शामिल होने के लिए भारत पहली बार आए प्रोफेसर बेबोनेस ने कहा कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा और सफल लोकतंत्र है। उन्होंने कहा कि भारत ने उपनिवेशवाद से निकल कर पर ग्लोबल स्तर पर खुद को साबित किया है।