क्या कोलकाता के पूर्व पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार फरार हो गए हैं? यह सवाल हम नहीं पूछ रहे बल्कि सीबीआई भी इसकी तह तक जाने में लगी है। सीबीआई ने राजीव को शनिवार (सितम्बर 14, 2019) को पेश होने के लिए समन जारी किया था। राजीव कुमार ने समन को धता बताते हुए सीबीआई के समक्ष अपनी उपस्थिति दर्ज नहीं कराई। सीबीआई अधिकारियों का कहना है कि शारदा चिट फंड घोटाले में आरोपित राजीव कुमार का फोन भी स्विच ऑफ है।
बता दें कि ये वही राजीव कुमार हैं, जिन्हें गिरफ़्तार करने गई सीबीआई के काम में कोलकाता पुलिस ने बाधा पहुँचाई थी। बंगाल पुलिस ने उल्टा सीबीआई अधिकारियों को ही शिकंजे में ले लिया था। इसके बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अपनी पार्टी के तमाम नेताओं के साथ धरना दिया था और केंद्र सरकार पर राजीव कुमार को परेशान करने का आरोप लगाया था। मामला हाईकोर्ट तक पहुँचा, जिसने राजीव कुमार को सीबीआई के समक्ष पेश होने को कहा था।
कलकत्ता काईकोर्ट ने राजीव कुमार से अपना पासपोर्ट सीबीआई को जमा कराने को कहा। हाईकोर्ट से उनकी गिरफ़्तारी पर लगी रोक ख़त्म होने के बाद शुक्रवार को कोलकाता में उनके पार्क स्ट्रीट स्थित आवास पर सीबीआई की टीम पहुँची लेकिन वह नहीं मिले। हाईकोर्ट ने कहा था कि सीबीआई जब चाहे तब उन्हें पूछताछ के लिए बुला सकती है। सीबीआई द्वारा उन्हें गिरफ़्तार किए जाने की भी आशंका है, लेकिन एजेंसी इसका निर्णय इस आधार पर लेगी कि वह जाँच में सहयोग करते हैं या नहीं।
सीएम ममता बनर्जी ने अपने क़रीबी पुलिस अधिकारी का बचाव करते हुए कहा कि वह दुनिया के सर्वश्रेष्ठ पुलिस अधिकारियों में से एक हैं। ममता ने कहा कि राजीव कुमार की वीरता, ईमानदारी और सत्यनिष्ठा सवालों से परे है। उन्होंने उन पर लगे आरोपों को झूठा बताया। राजीव कुमार पर आरोप है कि उन्होंने सबूतों से छेड़छाड़ कर शारदा चिट फंड घोटाले में फँसे आरोपितों को बचाने की कोशिश की। इस मामले में तृणमूल के कई नेता भी आरोपित हैं।
#Breaking | Trouble mounts for ex Bengal top cop Rajeev Kumar. Day after High Court withdraws shield, ex top cop skips CBI summons. Cops deployed outside his residence.
— TIMES NOW (@TimesNow) September 14, 2019
Sources: CBI to move Kolkata HC. pic.twitter.com/1BVHoVbkIQ
सुप्रीम कोर्ट पहले ही राजीव कुमार के ख़िलाफ़ सीबीआई के आरोपों को गंभीर बता चुकी है। राजीव कुमार राज्य सरकार द्वारा गठित उस स्पेशल इन्वेस्टीगेशन टीम का हिस्सा थे, जो शारदा चिट फंड घोटाले की जाँच कर रही थी।