Tuesday, November 19, 2024
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सैफ, सरवर आजम, सैफुर्रहमान और सलमान को फाँसी की सजा: जयपुर बम ब्लास्ट के थे ये दोषी

जयपुर में साल 2008 में हुए सिलसिलेवार बम धमाकों के चारों दोषियों को स्पेशल कोर्ट ने फाँसी की सजा सुनाई है। इन बम धमाकों में 71 लोगों की जान चली गई थी, वहीं 185 लोग घायल हो गए थे।

जयपुर में साल 2008 में हुए सिलसिलेवार बम धमाकों के चारों दोषियों को स्पेशल कोर्ट ने फाँसी की सजा सुनाई है। इन बम धमाकों में 71 लोगों की जान चली गई थी, वहीं 185 लोग घायल हो गए थे। गुरुवार (दिसंबर 19, 2019) को विशेष अदालत ने दोषियों की सजा को लेकर बहस सुनी थी। 13 मई, 2008 को पिंकसिटी को सीरियल बम ब्लास्ट से दहलाने वाले गुनाहगारों को विशेष कोर्ट के जज अजय कुमार शर्मा प्रथम ने शुक्रवार (दिसंबर 20, 2019) को फाँसी की सजा सुनाई।

बता दें कि स्पेशल कोर्ट ने बुधवार को मोहम्मद सैफ, मोहम्मद सरवर आजम, सैफुर्रहमान और मोहम्मद सलमान को दोषी करार दिया था। इस ब्लास्ट के 2 अन्य आरोपित दिल्ली के बटला हाउस में 2008 में हुए एनकाउंटर में मार गिराए गए थे। एक आरोपित शाहबाज हुसैन को अदालत ने साक्ष्यों के अभाव में बरी कर दिया है। धमाकों के सि​लसिले में जयपुर पुलिस ने पॉंच आरोपितो को गिरफ्तार किया था। तीन आरोपित दिल्ली के तिहाड़ जेल में बंद हैं। ये तीनों देश के दूसरे हिस्सों में भी धमाकों के आरोपित हैं। लिहाजा इनके खिलाफ एटीएस जॉंच नहीं कर पाई है।

उल्लेखनीय है कि मामले में कुल 13 लोगों को पुलिस ने आरोपित बनाया था। इनमें से 3 अब भी फरार हैं। इस मामले की सुनवाई में बीते एक साल से तेजी आई थी। सुनवाई के दौरान 1,296 गवाहों के बयान दर्ज किए गए। जानकारी के मुताबिक दोषियों ने शहर में बम धमाके करने के लिए जिन जगहों व दुकानदारों से साइकिलें खरीदी थीं, उन दुकानदारों ने उनकी पहचान की थी। 13 मई 2008 की शाम परकोटा इलाके में 12 से 15 मिनट के अंतराल में चांदपोल गेट, बड़ी चौपड़, छोटी चौपड़, त्रिपोलिया बाजार, जौहरी बाजार और सांगानेरी गेट पर बम धमाके हुए थे। पहला ब्लास्ट खंदा माणकचौक, हवा महल के सामने शाम 7:20 बजे हुआ था। फिर एक के बाद एक 8 धमाके हुए थे।

इन धमाकों के बाद काफी देर तक जयपुर शहर की मोबाइल और टेलीफोन लाइनें जाम हो गईं थीं। जिससे दूसरे शहरों में मौजूद लोग अपने परिजनों और रिश्तेदारों की खैरियत जानने के लिए परेशान होते रहे थे। बताया जाता है कि हनुमान मंदिर के निकट बम निरोधक दस्ते ने एक बम को निष्क्रिय कर दिया था। लेकिन, जो धमाके हुए थे, वो इतने शक्तिशाली थे कि कुछ लोगों के जिस्म तो कुछ फुट ऊपर तक उड़ गए थे। हमले की साजिश काफी सावधानी से रची गई थी। राजस्थान के तत्कालीन पुलिस महानिदेशक ए.एस. गिल ने कहा था कि यह आतंकवादी हमला था।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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