Monday, November 18, 2024
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जालौन में दलित लड़की के हत्यारे भी उसी जाति के, पुलिस एनकाउंटर के बाद अस्पताल में भर्ती है एक हत्यारा: उधर सोशल मीडिया पर जातिवादी चला रहे प्रोपेगंडा

ये दोनों मिलते-जुलते भी थे, लेकिन 2 माह पूर्व विवाद होने के कारण लड़की ने राज से बातचीत बंद कर दी थी। राज ने कई बार प्रयास किया, लेकिन लड़की ने उससे बात नहीं की।

उत्तर प्रदेश के जालौन में एक दलित लड़की की हत्या के बाद सोशल मीडिया पर इसे जाति का रंग देते हुए कहा जा रहा है कि उत्तर प्रदेश में दलित सुरक्षित नहीं हैं। इस घटना का वीडियो और तस्वीरें भी सामने आईं, जिनमें देखा जा सकता है कि बीच सड़क पर लड़की का शव पड़ा हुआ है। हत्यारे बाइक से आए थे। लड़की बीए की परीक्षा देकर लौट रही थी। बीच चौराहे पर सिर पर सटा कर गोली मारी गई। स्थानीय कोतवाली से 200 मीटर की दूरी पर पल्सर सवार युवकों ने इस घटना को अंजाम दिया।

20 वर्षीय रोशनी अहिरवार ऐँधा गाँव की है। राम लखन पटेल महाविद्यालय में बीए सेकेंड ईयर की छात्रा की हत्या सोमवार (17 अप्रैल, 2023) को दोपहर 11:40 बजे हो गई। आसपास के लोग दौड़े, तब तक युवक भाग चुके थे। उसकी बहन शीलम भी इसी कॉलेज में फाइनल ईयर में पढ़ती थी और साथ आती-जाती थी, लेकिन छुट्टियों की वजह से वो इस बार साथ नहीं थी। परिजनों ने राज अहिरवार का नाम आरोपित के रूप में लिया है, कदौरा थाना क्षेत्र के जमरेही गाँव का रहने वाला है।

पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए उसे गिरफ्तार भी कर लिया है और उसके साथी की तलाश जारी है। इस हत्याकांड के बाद दुकानदारों ने अपनी दुकानें बंद कर ली थीं। घटनास्थल से छात्रा का मोबाइल फोन और एडमिट कार्ड मिला। पुलिस कॉल डिटेल्स निकलवा रही है। एसपी ने बताया है कि पुलिस के पास पुख्ता सबूत हाथ लग गए हैं। हमलावर तमाचा छोड़ कर फरार हुए थे। यूपी पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए 4 टीमें गठित की, ताकि हत्यारों की धर-पकड़ की जा सके।

अब सोशल मीडिया पर कैसे इस घटना को लेकर प्रोपेगंडा फैलाया जा रहा है, वो देखिए। एक लड़की की दुःखद हत्या हो गई और एजेण्डाबाज इसके सहारे अपनी राजनीति चमकाने में लग गए हैं। ‘दलित टाइम्स’ नामक प्रॉपगैंडा हैंडल ने लिखा, “यूपी में नहीं रुक रहे हैं दलितों पर अत्याचार। उत्तर प्रदेश के जालौन में बाइक सवार दो युवकों ने दिन दहाड़े एक दलित छात्रा की गोली मारकर हत्या कर दी।” ये सब तब किया जा रहा है, जब हत्यारे भी ‘अहिरवार’ ही हैं, जो सरनेम मृतका और उसके परिवार का है।

‘दलित टाइम्स’ का एक लड़की की लाश पर प्रोपेगंडा

इसी तरह, ‘Molitics’ नामक मीडिया संस्थान ने भी इस घटना को जाति का रंग दिया। उसने लिखा, “यूपी के जालौन में 22 वर्षीय दलित बेटी रोशनी अहिरवार की कॉलेज से घर लौटते वक़्त बाइक सवार 2 बदमाशों ने गोली मारकर हत्या कर दी।” अगर उसने थोड़ी और जानकारी जुटाने की कोशिश की होती तो पता चलता कि रोशनी अहिरवार का हत्यारा राज अहिरवार है। इसे जातिवादी मानसिकता के सहारे दंगे भड़काने की कोशिश नहीं तो और क्या कहा जा सकता है?

‘Molitics’ नामक ट्विटर हैंडल ने भी इसे दिया जातिवादी रंग

कुछ अन्य मीडिया संस्थानों और सोशल मीडिया के एजेंडाबाजों ने भी कैसे इस घटना पर प्रोपेगंडा फैलाने की, वो देखिए नीचे आप देख सकते हैं। इन सभी में एक बात कॉमन थी कि तंज कसने के लिए इनमें से अधिकतर ने ‘रामराज्य’ शब्द का इस्तेमाल किया। साथ ही ‘उत्तर प्रदेश में जंगलराज’ होने का भी दावा किया। ये वही गिरोह है, जो अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्या पर इन दोनों के महिमामंडन में जुटा हुआ है।

जालौन पुलिस ने भी इस संबंध में बयान जारी किया है। पुलिस ने बताया है कि राज और रोशनी एक वर्ष से भी अधिक समय से एक-दूसरे के संपर्क में थे और उनकी आपस में बातचीत भी सोशल मीडिया के माध्यम से होती थी। ये दोनों मिलते-जुलते भी थे, लेकिन 2 माह पूर्व विवाद होने के कारण लड़की ने राज से बातचीत बंद कर दी थी। राज ने कई बार प्रयास किया, लेकिन लड़की ने उससे बात नहीं की। इसके बाद राज ने अपने ममेरे भाई के साथ बाइक से इस हत्याकांड को अंजाम दिया।

राज अहिरवार ने घटनास्थल से कुछ दूरी पर गाड़ी की नंबर प्लेट फेंक दी थी। पुलिस उसे लेकर जब घटनास्थल पर उस नंबर प्लेट को रिकवर करने पहुँची तो उसने एक पुलिसकर्मी की पिस्टल छीन कर गोली चलाया और भागने का प्रयास किया। आत्मरक्षा में पुलिस ने भी गोली चलाई, जिसके बाद वो घायल हुआ है। दोनों एक ही जाति के थे, ऐसे में दोनों के घर वाले भी पहले शादी के लिए तैयार थे। अब बताइए, इस घटना को लेकर ‘दलित सुरक्षित नहीं हैं’ वाला प्रोपेगंडा कहाँ तक उचित है?

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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