जामिया मिलिया इस्लामिया में 24 अप्रैल को ऑनलाइन लेक्चर्स को लेकर एक घोषणा हुई। इस घोषणा में जामिया के छात्र समूह ने ऐलान किया कि वे विविध क्षेत्रों के नामी शख्सियतों का ऑनलाइन लेक्चर आयोजित कराने जा रहे हैं।
इस सीरीज को 25 अप्रैल से शुरू करने की बात कही। बताया कि 30 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट के वकील जे साईं दीपक अल्पसंख्यकों के अधिकार और जामिया मिलिया इस्लामिया एवं अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी जैसे विश्वविद्यालयों में अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजातियों के आरक्षण पर अपनी बात रखेंगे। मगर, जब इसका समय आया तो एक नया ऐलान हुआ कि वकील जे साईं दीपक का व्याख्यान रद्द कर दिया गया है। इस निर्णय के पीछे की वजह और भी हैरान करने वाली बताई।
जानकारी के मुताबिक, व्याख्यान के लिए साईं दीपक से संपर्क करने वाले छात्रों ने पहले उन्हें भीड़ हिंसा पर अपनी बात रखने के लिए आमंत्रण दिया था। मगर, वकील साईं दीपक ने इससे इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि वे राजनीति को तूल देने वाले मुद्दों की जगह अकादमिक विषयों पर बात करना चाहते हैं। हालाँकि, इस दौरान इसी राजनैतिक मुद्दे को डिस्कस करने में उन्हें कोई दिक्कत नहीं है। मगर, इस बीच वे राजनैतिक उपक्रमों से दूर रहना चाहते हैं।
इसके बाद इस मामले पर काफी चर्चा हुई। अंत में साईं दीपक इस बात पर माने कि वे अल्पसंख्यकों के अधिकार और जामिया मिलिया इस्लामिया और अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी जैसे विश्वविद्यालयों में अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजातियों के आरक्षण पर अपनी बात रखेंगे। इसके बाद जामिया छात्रों ने छात्र काउंसिल से बात की और साईं दीपक को एक मेल भेजा। इस मेल में लिखा था कि वे अपने व्याख्यान में अल्पसंख्यक अधिकार व सेकुलरिज्म पर बात रखेंगे।
इसके बाद जामिया की लॉ फैकल्टी ने उनकी तस्वीर के साथ एक पोस्टर भी जारी किया। मगर, जैसे ही ये इस आमंत्रण को जे साईं दीपक को भेजा गया, जामिया के कुछ छात्रों ने इसपर विरोध शुरू कर दिया व माँग करने लगे कि इस लेक्चर को रद्द किया जाए। लेकिन 29 अप्रैल को ट्विटर पर एक छात्र ने ये सुनिश्चित किया कि कमेटी में उसके दोस्त ने विश्वविद्यालय को इस बात के लिए राजी किया कि वे इस लेक्चर को होने दें। हालाँकि अब ये देखना है कि वे आंदोलन करने वाले छात्रों को मना पाएँगे या नहीं।
मगर, इस घटना के बाद जे साईं दीपक को कुछ मैसेज आने लगे। इन मैसेजों में उन्हें बताया जाने लगा कि जामिया में कुछ छात्र उनके लेक्चर के विरोध में आंदोलन कर रहे हैं और माँग कर रहे हैं कि इसे रद्द किया जाए। यह जान साईं दीपक ने छात्र काउंसिल को मेल किया। इस मेल में अपने लेक्चर के मद्देनजर उन्होंने कहा कि वे लेक्चर के लिए उपलब्ध तभी रहेंगे जब छात्रों में से किसी को कोई दिक्कत न हो।
@jsaideepak sir thank you for accepting the Jamia invite. My friends in the Committee did convince the University. Will they be able to convince the students, that remains to be seen.#outrageisstarting
— Sango (@sango_221) April 29, 2020
बावजूद इसके कि साईं दीपक अपने लेक्चर को प्राथमिकता देने की जगह छात्रों की सुरक्षा की बात कर रहे थे, फिर भी 30 अप्रैल को बिना किसी सूचना के उनका लेक्चर कैंसिल कर दिया गया। इसके पीछे आधिकारिक तौर पर कोई उपयुक्त कारण भी नहीं बताया गया। लेकिन जिस नोटिस में लेक्चर के कैंसिल होने ऐलान हुआ उसमें ये जरूर लिखा गया कि ऑनलाइन सत्र के चौथे लेक्चर ( साईं दीपक के व्याख्यान) को रद्द कर दिया गया है।
अब हालाँकि, एक ओर छात्रों के मैसेजों से साईं दीपक को वास्तविक वजह का पता थी और जो छात्र उनके ख़िलाफ प्रदर्शन कर रहे थे, उन्होंने भी पहले ये ऐलान कर दिया था कि कुछ लोगों के दबाव में आकर प्रदर्शन कैंसिल हो गया।
@jsaideepak sir thank you for accepting the Jamia invite. My friends in the Committee did convince the University. Will they be able to convince the students, that remains to be seen.#outrageisstarting
— Sango (@sango_221) April 29, 2020
मगर, जब जे साईं दीपक को इसके मद्देनजर मेल किया गया तो इसके पीछे का कारण बेहद अजीब बताया गया। मेल में लिखा गया कि लॉ फैकल्टी के एक इंप्लॉय की पत्नी का देहांत होने का कारण इसे रद्द किया गया है। सबसे हैरानी की बात ये है कि जिस दिन उनका लेक्चर होने था, उसी दिन उन्हें इसके बारे में जानकारी दी गई। इसके बाद उस छात्र ने जो उनके लेक्चर को लेकर उत्साहित था उसने भी इस सूचना को ट्विटर पर डाला और बताया कि साईं दीपक का लेक्चर कैंसिल कर दिया गया है।
इसके बाद सभी पहलुओं को देखते हुए और असहिष्णु प्रशासन व छात्रों का असली चेहरा दिखाते हुए अपवर्ड ने निर्णय लिया कि जामिया के वे छात्र जो साईं दीपक का लेक्चर चाहते हैं, उन्हें वह अपना प्लैटफॉर्म मुहैया कराएगा। लेकिन, यहाँ पर विषय अल्पसंख्यकों के अधिकार न होकर अभिव्यक्ति की आजादी होगा।
Cowering to intolerant forces, administration of Jamia Millia Islamia has canceled the lecture of J Sai Deepak scheduled today at 8:00 PM. @jsaideepak will now interact with the students live on Upword at the same time. Join at https://t.co/lKp6fDjaNn at 8:00 PM. #IntolerantJamia pic.twitter.com/8p9XrPLLmD
— Upword (@upword_) April 30, 2020
ये बात स्पष्ट है कि यूनिवर्सिटी ने उन्हीं छात्रों के दबाव में आकर लेक्चर कैंसिल किया, जो पिछले साल नवंबर में सीएए के विरुद्ध आंदोलन कर रहे थे और तब पत्थरबाजी व आगजनी जैसी घटनाएँ हुईं थी। उस समय इन लोगों ने यही दावा किया था कि वे संविधान को बचाने के लिए ऐसा कर रहे हैं।