जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 के खत्म होने के 1 वर्ष पूरे हो गए हैं और इसके साथ ही प्रदेश के 500+ ऐसे अधिकारियों पर सरकार की नज़र है, जो राष्ट्रविरोधी गतिविधियों में संलिप्त हैं। इन सभी की नौकरी जाने वाली है।
जम्मू कश्मीर की सरकार ने पिछले ही सप्ताह एक कमिटी गठित की थी, जिसने इस संबंध में जाँच कर के अनुशंसा की थी। कमिटी ने इन सभी के पिछले रिकार्ड्स की छानबीन करने के बाद इन्हें बर्खास्त करने की अनुशंसा की थी।
इए कमिटी की अध्यक्षता जम्मू कश्मीर के मुख्य सचिव ने की थी। इसमें डीजीपी और सीआईडी के ADGP भी मौजूद थे। इससे पहले सरकार ने अनुच्छेद 311(2)C को लागू कर दिया था, जिससे सरकार को वहाँ के अधिकारियों को विभिन्न कारणों से बर्खास्त करने का अधिकार मिल गया। इसमें देश विरोधी गतिविधियों में संलिप्त अधिकारियों पर भी कार्रवाई का प्रावधान है। इस अनुच्छेद के प्रावधान पहले कम्मू कश्मीर में लागू नहीं होते थे क्योंकि इसे विशेष राज्य का दर्जा प्राप्त था।
इस अनुच्छेद के लागू होने के बाद वहाँ के प्रशासनिक विभागों को अधिकार मिल गया कि वो इस प्रकार के मामलों को गृह मंत्रालय को भेज सके, जो जाँच समिति की रिपोर्ट के बाद उचित कार्रवाई करेगा। यहाँ तक कि IAS और IPS अधिकारियों को भी इसमें छूट नहीं दी गई है।
दोषी पाए जाने पर इन दोनों कैडर (IAS और IPS) के अधिकारियों पर भी कार्रवाई की जा सकती है। जिन अधिकारियों पर कार्रवाई हुई है, वो ऐसे कार्यों में लिप्त थे, जिनसे देश की सुरक्षा और अखंडता को खतरा था।
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— Gulistan News (@GulistanNewsTV) August 4, 2020
500 to 1,000 Govt. employees, “posing threat to security and integrity of the State”, could be dismissed in the next two or three months- sources@srinagaradmin @diprjk @kansalrohit69 pic.twitter.com/nbi4g4eTcI pic.twitter.com/zOouMm6USK
अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को निरस्त किए जाने के बाद ऐसा पहली बार हो रहा है, जब जम्मू कश्मीर में किसी अधिकारी को बर्खास्त किया गया हो। कमिटी ने पाया कि ये अधिकारी सोशल मीडिया सहित विभिन्न माध्यमों से राजनेताओं को धमकी दे रहे थे और अगस्त 5, 2019 को सरकार द्वारा लिए गए निर्णय के आलोक में देश के प्रति घृणा फैला रहे थे। इस मामले में गठित कमिटी ने इन अधिकारियों से पूछताछ भी की थी। अब 500 अधिकारियों को बर्खास्त किया जाएगा।