देश के कई राज्यों में बुलडोजर चलने के बाद अब जम्मू-कश्मीर में भी वक्फ बोर्ड की जमीनों को कब्ज़ा मुक्त कराने के लिए बुलडोजर चलाने की बात सामने आई है। इसकी घोषणा करते हुए जम्मू-कश्मीर वक्फ बोर्ड की अध्यक्ष डॉ दरख्शां अंद्राबी ने रविवार (8 मई, 2022) को कहा कि जिन लोगों ने वक्फ की जमीन पर कब्जा किया है, जल्द ही केंद्र शासित प्रदेश में उन्हें बुलडोजर का सामना करना पड़ेगा।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, डॉ दरख्शां अंद्राबी यहाँ वक्फ बोर्ड के एक दिवसीय सम्मेलन को संबोधित कर रही थीं। प्रेस को सम्बोधित करते हुए उन्होंने उन सभी को चेतावनी दी जिन्होंने वक्फ बोर्ड की भूमि पर अतिक्रमण किया है और उस पर अवैध ढाँचे का निर्माण किया है। उन्होंने कहा कि जल्द ही हम अतिक्रमणकारियों के अवैध कब्जे को हटाने और मस्जिद, मजार, मकान सहित वक्फ भूमि और संपत्ति के स्वामित्व को बहाल करने के लिए पूरे जम्मू-कश्मीर में एक तोड़-फोड़ अभियान शुरू करेंगे। वक्फ की जमीन और संपत्ति पर कब्जा करने वालों को जल्द ही बुलडोजर का सामना करना पड़ेगा।
उन्होंने आगे कहा कि यह मीडिया के माध्यम से वक्फ बोर्ड की मस्जिद, मजार या किसी प्रकार की संम्पत्ति पर कब्ज़ा करने वाले सभी अतिक्रमणकारियों को चेतावनी है कि वे हमारे पास आएँ और अपने अवैध कब्जे को सरेंडर कर दें अन्यथा उन्हें बुलडोजर का सामना करना पड़ेगा।
रिपोर्ट के अनुसार, वक्फ बोर्ड की एक दिवसीय सम्मेलन की अध्यक्षता डॉ अंद्राबी ने की, जिसमें बोर्ड के सदस्य डॉ गुलाम नबी हलीम, सैयद मोहम्मद हुसैन, सीईओ जम्मू-कश्मीर वक्फ बोर्ड मुफ्ती फरीद, वक्फ प्रबंधित मजहबी स्थलों के सभी प्रशासक भी मौजूद थे।
अपने संबोधन के दौरान, डॉ अंद्राबी ने वक्फ बोर्ड में नए कार्य आदेश के लिए एक रोडमैप तैयार करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा, “हमें अपनी बिखरी हुई व्यवस्था को पुनर्निर्मित करना होगा और राजस्व बढ़ाने के लिए संपत्ति और संपत्तियों के उपयोग में विविधता लानी होगी ताकि बिना किसी देरी के नई पहल की जा सके।”
डॉ दरख्शां अंद्राबी ने वक्फ के राजस्व को बढ़ाने के लिए कर्मचारियों के लिए एक लक्ष्य निर्धारित करने की बात कही ताकि नई परियोजनाओं को हाथ में लिया जा सके। उन्होंने मस्जिद, मजार या दूसरे मजहबी स्थलों पर आम लोगों द्वारा दान स्वरुप दिए गए धन की पारदर्शिता सुनिश्चित करने के उपायों पर भी चर्चा की, साथ ही कहा कि जल्द ही एक फुलप्रूफ प्रणाली लागू की जाएगी, जिसमें लोगों की सभी शिकायतों को पूरी तरह से निवारण किया जाएगा। साथ ही फंड-पारदर्शिता की कमी को दूर किया जाएगा।