दिल्ली के जंतर-मंतर पर नारेबाजी करने के मामले में हिंदू आर्मी के प्रमुख सुशील तिवारी (43) को दिल्ली पुलिस ने शनिवार (21 अगस्त 2021) को लखनऊ से गिरफ्तार कर लिया है। उन पर इसी महीने की 8 तारीख को प्रदर्शन के दौरान मुस्लिमों के खिलाफ नारेबाजी करने का आरोप लगाया गया है।
इस मामले में पुलिस का कहना है कि सुशील तिवारी ने न केवल नारे लगाए थे, बल्कि लोगों को लामबंद भी किया था। हालाँकि, इस मामले में तिवारी ने पूछताछ के दौरान बताया है कि उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के वकील अश्विनी उपाध्याय का मैसेज व्हाट्सएप पर देखा था, जिसके बाद ही वो वहाँ पर गए थे।
Delhi Police says it has arrested Sushil Tiwari (40), chief of Hindu Army, in connection with the Jantar Mantar sloganeering case
— ANI (@ANI) August 21, 2021
गौरतलब है कि अश्विनी उपाध्याय समेत इन 6 लोगों को दिल्ली पुलिस ने 10 अगस्त 2021 को गिरफ्तार कर लिया था। इस मामले में आम आदमी पार्टी के विधायक अमानतुल्लाह खान ने पुलिस में शिकायत की थी। हालाँकि, बाद में कोर्ट ने उपाध्याय को जमानत दे दी थी। मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट ने अपने फैसले में कहा था कि ऐसा कोई प्रमाण है ही नहीं, जिससे ये पता चल सके के नारे उपाध्याय के कहने पर लगे हों या उनकी उपस्थिति में लगे हों।
अपने फैसले में जस्टिस उद्भव कुमार ने कहा था कि जिस वीडियो को आधार बनाकर अश्विनी उपाध्याय के खिलाफ कार्रवाई की गई थी, उसमें कहीं भी उपाध्याय के विरोध में कुछ भी नहीं है। इसके साथ ही कोर्ट ने माना था कि बंद दरवाजों के पीछे साजिश हुई है और कहा कि चूँकि जाँच अभी अपनी प्रारंभिक अवस्था में है ऐसे में केवल संभावनाओं के आधार पर किसी की स्वतंत्रता को प्रभावित नहीं किया जा सकता।
बता दें कि नारेबाजी किए जाने के मामले में दिल्ली पुलिस ने IPC (भारतीय दंड संहिता) की धारा-153A (विभिन्न समुदायों के बीच वैमनस्य को बढ़ावा देना) के तहत मामला दर्ज किया था। जबकि, अंग्रेजों के जमाने के कानूनों को ख़त्म करने की माँग करते हुए उक्त विरोध प्रदर्शन का आयोजन किया गया था।