झारखंड में कोरोना संकट के बीच जमकर धर्मांतरण का खेल चल रहा है। राज्य में ताजा मामला धनबाद झरिया का है, जहाँ लोगों के पुनर्वास के नाम पर दो दर्जन परिवारों का धर्म परिवर्तन कर उन्हें ईसाई बना दिया गया। ये मामला सामने आने के बाद हिंदू संगठनों और स्थानीय लोगों ने इसका जमकर विरोध किया और प्रशासन को शिकायत दर्ज कराई है।
जानकारी के मुताबिक राज्य में कोरोना की आड़ में मिशनरीज धर्मांतरण करा रहे हैं। सोमवार (जून 22, 2020) को भी एक मामला सामने आया है। झरिया के विस्थापितों के लिए झरिया विहार के नाम से बसाए गए बेलगड़िया टाउनशिप में धर्म परिवर्तन को लेकर सोमवार को जमकर बवाल हुआ। स्थानीय लोगों ने यहाँ नवनिर्मित चर्च को घेर घंटों हंगामा किया। चर्च के ऊपर लगे धार्मिक चिन्ह (क्रॉस) को भी लोगों ने तोड़ दिया।
लोगों का आरोप है कि यहाँ पर धर्मांतरण का खेल काफी पहले से चल रहा है, मगर राज्य सरकार की तरफ से किसी प्रकार की कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। और तो और, लोगों का कहना है कि चर्च बनाने के लिए जमीन भी धोखे से खरीदी गई है।
मामले की जानकारी मिलते ही सिंदरी विधायक इंद्रजीत महतो, विहिप के जिला मंत्री रमेश पांडेय, भाजपा नेता मुकेश पांडेय समेत कई लोग वहाँ पहुँचे। देखते-देखते वहाँ एक हजार से अधिक लोगों की भीड़ जमा हो गई।
स्थानीय लोगों ने बताया कि ईसाई मिशनरी से जुड़े कुछ लोग बेलगड़िया टाउनशिप के गरीब-गुरबा लोगों को बरगलाकर व पैसे का प्रलोभन दे कर धर्म परिवर्तन करा रहे हैं। सभी लोग धर्मांतरण के दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की माँग कर रहे थे।
हंगामे के दौरान ही ईसाई मिशनरी के दो युवा धर्म प्रशिक्षक काइना पंसल और सुशांत प्रधान पहुँचे। बताया जा रहा है कि काइना पंसल अरुणाचल प्रदेश के जबकि सुशांत प्रधान ओडिशा के रहने वाले हैं। फिलहाल पुलिस उन्हें हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है।
सिंदरी विधायक ने धर्मांतरण पर आक्रोश जताते हुए कहा, “हेमंत सरकार बनते ही मिशनरी गतिविधियों में तेजी आई है। लग रहा है कि यह झामुमो नहीं, मिशनरियों की सरकार है। राज्य में धर्मांतरण पर रोक है। बावजूद दो दर्जन से अधिक परिवारों का धर्मांतरण कराया गया। इसके कारण समाज में अशांति फैल गई। पुलिस धर्मांतरण में लिप्त लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करे अन्यथा भाजपा सड़क से सदन तक आंदोलन करेगी।”
संवेदनशील माहौल को देखते हुए मौके पर पुलिस की भारी तैनाती कर दी गई है। फिलहाल स्थिति नियंत्रण में बताई जा रही है। एसएसपी अखिलेश बी वारियर का कहना है कि जो भी दोषी होगा, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। सिंदरी डीएसपी की अगुवाई में पुलिस मामले की छानबीन में जुटी है। पता लगाया जा रहा है कि आखिर ऐसी परिस्थिति कैसे बनी।
गौरतलब है कि झारखंड में धर्मांतरण की गतिविधियों को लेकर पहले भी विश्व हिंदू परिषद (VHP) ने राज्य सरकार पर आरोप लगाया है। उन्होंने कहा था कि झारखंड में बीजेपी सरकार के रहते आदिवासियों का जबरन धर्मांतरण रोकने के लिए सख्त कानून लाया गया था। लेकिन, राज्य में झामुमो, कॉन्ग्रेस और राजद गठबंधन के सत्तासीन होते ही धर्मांतरण ने जोर पकड़ लिया है।