Sunday, December 22, 2024
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ज्ञापन देने गए हिन्दू कार्यकर्ता, लेकिन झारखंड पुलिस ने वकील सहित कर लिया गिरफ्तार: एक तो 2 दिन पहले ही माँ का श्राद्ध कर लौटा था, कोर्ट में कामकाज बंद

जेल जाने के दौरान वकील ने और अन्य आरोपितों ने खुद को बेगुनाह बताया। उन सभी ने SSP ऑफिस में लगे CCTV की जाँच की माँग की है। उनका कहना है कि SSP के ऑफिस के गेट पर उन्हें मिलाने के बहाने हिरासत में ले लिया गया।

झारखंड के जमशेदपुर में हुई सामप्रदायिक हिंसा मामले में SSP से मिलने गए 1 वकील सहित हिन्दू संगठन से जुड़े 7 युवकों को गिरफ्तार कर के जेल भेज दिया गया है। इन पर हत्या के प्रयास सहित अवैध हथियार रखने और विस्फोटक अधिनियम की धाराएँ लगा दी गईं हैं। जेल भेजे गए आरोपितों ने खुद को बेगुनाह बताते हुए पुलिस के रैवैये को गलत बताया है। इन सभी को सोमवार (10 अप्रैल, 2023) को हिरासत में लिया गया था।

जमशेदपुर पुलिस के इस कदम के खिलाफ जिला अदालत के वकीलों ने भी नाराजगी जताई है। अधिवक्ताओं द्वारा कोर्ट में प्रदर्शन कर के आक्रोश जताया गया और आंदोलन की चेतावनी दी गई।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सोमवार को अधिवक्ता चंदन चतुर्वेदी के नेतृत्व में हिन्दू संगठनों का एक समूह जमशेदपुर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक से मिलने उनके ऑफिस गया था। वकील के अलावा 7 अन्यत लोगों में अनिरुद्ध गिरी, चंदन दास, भोला लोहार, भीम यादव, कन्हैया पांडेय, शंकर राव और राजेश चौबे शामिल हैं। ये सभी SSP प्रभात कुमार को शास्त्रीनगर में रविवार की रात दो गुटों में हुई झड़प के मामले में माँग पत्र सौंपना चाहते थे। आरोप है कि वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के ऑफिस से ही इन सभी को हिरासत में ले लिया गया।

सभी 8 लोगों पर 24 घंटे के बाद हत्या का प्रयास, आर्म्स एक्ट, विस्फोटक एक्ट की धारा लगा कर FIR दर्ज कर ली गई। इसमें वकील के अलावा अन्य सदस्य ‘विश्व हिंदू परिषद’ और गोरक्षा आंदोलन से जुड़े हुए थे। बाद में मंगलवार (11 अप्रैल 2023) को इन सभी को जेल भेज दिया गया। गिरफ्तार लोगो में अनिरुद्ध गिरी के बारे में बताया जा रहा है कि वो 2 दिन पहले अपनी माँ का श्राद्ध कर्म कर के लौटे थे। भाजपा विधायक सरयू राय ने पुलिस के इस रवैये पर हैरानी जताई है। उन्होंने कहा कि SSP से मिलने गए वकील को भी जेल भेज दिया गया।

जेल जाने के दौरान वकील ने और अन्य आरोपितों ने खुद को बेगुनाह बताया। उन सभी ने SSP ऑफिस में लगे CCTV की जाँच की माँग की है। उनका कहना है कि SSP के ऑफिस के गेट पर उन्हें मिलाने के बहाने हिरासत में ले लिया गया। हिरासत से पहले सभी आरोपितों का फोन ले लेने का आरोप लगाया गया है। वकील ने इस हरकत को एमरजेंसी जैसा बताया। वकील के मुतबिक एक रात पहले कदमा से विश्व हिन्दू परिषद के कुछ कार्यकर्ताओं को उठाया गया था जिसकी वजह पूछ्ने वो लोग ऑफिस गए थे। वहीँ एक हिंदूवादी कार्यकर्ता के अनुसार, उन्हें एसएसपी ऑफिस से ही बुलाया गया था। सभी आरोपितों ने अपने साथ दुर्व्यवहार की शिकायत की है।

पुलिस की इस कार्रवाई पर जमशेदपुर कोर्ट के वकीलों ने नाराजगी जताई है। वकीलों ने कोर्ट में कामकाज बंद रखा और ‘पुलिस प्रशासन होश में आओ’ के नारे लगाए। वकील चंदन चौबे को हथकड़ी लगा कर जेल भेजे जाने से अधिवक्ताओं ने नाराजगी जताई।

वकीलों के मुताबिक महज ज्ञापन देने गए उनके साथी वकील को हिरासत में लिया गया और झूठे मामले में 24 घंटे बाद जेल भेजा गया। नाराजगी जताते हुए वकीलों ने कहा कि अगर वकील को हथकड़ी लगाने वाले पुलिस वालों पर कार्रवाई नहीं की गई तो अदालत में न्यायिक कार्य बंद रखा जाएगा।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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