झारखंड में सरस्वती प्रतिमा विसर्जन के दौरान अलग-अलग जगहों पर कई हिंसक घटनाएँ हुईं। इनमें से 4 घटनाएँ गौर करने लायक हैं, जिसे मीडिया ने तवज्जो नहीं दी। ख़बर आ रही है कि राज्य के विभिन्न इलाक़ों में मजहबी भीड़ ने सरस्वती पूजा के समारोहों में व्यवधान पैदा किया। जामताड़ा के विद्यासागर प्रखंड क्षेत्र में दो अलग-अलग स्थानों पर समुदाय विशेष ने श्रद्धालुओं के साथ झड़प की। पारटोल व कठबरारी क्षेत्रों में विसर्जन के दौरान स्थिति इतनी तनावपूर्ण हो गई कि पुलिस को ख़ुद विसर्जन करना पड़ा।
पारटोल गाँव में मूर्ति विसर्जन के दौरान जब जुलूस आगे बढ़ा तो समुदाय विशेष के लोगों ने गाना बजाने पर आपत्ति जताई। पुलिस ने श्रद्धालुओं को ही उलटा ‘शांतिपूर्ण’ तरीके से विसर्जन करने की सलाह दी। पुलिस ने सहयोग नहीं किया तो श्रद्धालु वहीं पर मूर्ति छोड़ कर निकल गए। मजहबी भीड़ के रोक-टोक और जबरदस्ती के बाद उपजे तनाव के बीच पुलिस ने पक्षपाती रवैया अपनाया। बाद में पुलिस ने ही मूर्ति का विसर्जन कर दिया। इधर कठबरारी गाँव में समुदाय विशेष ने अबीर-गुलाल खेलने पर आपत्ति जताई, जिसके बाद तनाव बढ़ गया।
वहाँ स्थित विद्यालय से प्रतिमा को विसर्जन हेतु शांतिपूर्वक ढंग से नीचे लाया जा रहा था लेकिन दूसरे समुदाय ने तनाव पैदा कर दिया। उन्होंने कहा कि वो मस्जिद के पास अबीर-गुलाल नहीं उड़ने देंगे। श्रद्धालुओं का आरोप है कि पुलिस ने जुलूस के आगे अपनी गाड़ी खड़ी कर के हॉर्न बजाना शुरू कर दिया। वहाँ भी लोग प्रतिमा को छोड़ कर चले गए। इसके बाद पुलिस ने विसर्जन किया।
जामताड़ा जिला के कर्माटाड प्रखंड पारटोल गाँव मे मुस्लिम समुदाय द्वारा सरस्वती मुर्ति विसर्जन नही करने दिया प्रशासन सामने देखते रहे ग्रामीण ने मुर्ति रोड पर छोड़कर लौटने को मजबूर हुए प्रशासन ने जबर्दस्ती मूर्ति विसर्जन कर के हिन्दू आस्था से खिलवाड़ करने का काम किया । pic.twitter.com/4aKS2txffz
— Shivshankar Kumar Ma (@MaShivshankar) January 31, 2020
इसी तरह हजारीबाग के लाखे से चानो नदी हेतु निकली माँ सरस्वती के विर्सजन जुलूस में शुक्रवार रात लाखे सूंडी बस्ती में विवाद के बाद पथराव हुआ। पथराव के बाद तनाव पसर गया। इसके दूसरे दिन पुलिस ने दोनों समुदायों के प्रबुद्ध जनों की बैठक बुलाई और शांति बनाए रखने की अपील की। दोनों समुदायों के लोगों ने घटना की ‘निंदा’ की और इसके बाद इतिश्री कर ली गई। पथराव मामले में देर रात तक प्राथमिकी भी दर्ज नहीं की गई थी। इससे पता चलता है कि प्रशासन ने सुरक्षा-व्यवस्था के मामले में कितना लचर रवैया अपनाया।
इसी तरह गोड्डा के बेलडीहा गाँव में दूसरे समुदाय के लोगों ने सरस्वती पूजा विसर्जन जुलूस पर पथराव किया, जिसके बाद दो युवकों का सिर फट गया और वो गंभीर रूप से घायल हो गए। इस घटना में क़रीब आधे दर्जन अन्य लोग भी घायल हुए। गंभीर रूप से घायल दोनों युवक उत्तम पासवान और सुप्रभात पासवान दलित हैं। समुदाय विशेष ने उनके ऊपर ईंट और पत्थर चलाए। दर्जनों आक्रोशित ग्रामीणों ने इस मामले में दोषियों को गिरफ़्तार करने की माँग की।