आज से करीब 3 साल पहले रमजान के दौरान श्रीनगर के जामिया मस्जिद के बाहर एक जांबाज पुलिस ऑफिसर को इस्लामिक भीड़ ने कथित तौर पर कश्मीरी पंडित समझकर पीट-पीटकर मारा डाला था।
23 जून 2017 की वह सुबह हर किसी के लिए हैरान करने वाली थी। नौहट्टा के जामिया मस्जिद के बाहर एक डीएसपी के शव पड़े होने की खबर तब तक सामने आने लगी थी। मोहम्मद अयूब पंडित नामक इस पुलिस अधिकारी की हत्या 22 जून की रात कर दी गई थी।
हर कोई अयूब पंडित की हत्या की खबर सुनकर सकते में था। चारों ओर बस यही सवाल घूम रहा था कि आखिर कोई इतना क्रूर कैसे हो सकता है कि अपनी सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मी के साथ ऐसी बर्बरता करे।
It’s been there years since J&K Police Dy. SP Mohammad Ayub Pandith was lynched to death in Srinagar, Kashmir by Islamist goons, mobsters & terrorists. Sad to have broken this news on 23/06/2017 early morning. Prayers for his soul to Rest In Peace. Don’t forget the braveheart! 🇮🇳 pic.twitter.com/rUM5hUEbiK
— Aditya Raj Kaul (@AdityaRajKaul) June 23, 2020
57 साल के मोहम्मद अयूब पंडित का शव 23 जून को श्रीनगर के मुख्य मस्जिद के बाहर से क्षत-विक्षत स्थिति में बरामद हुआ था। उससे एक रात पहले उसी मस्जिद में हजारों की संख्या में शब-ए कद्र की नमाज अदा करने के लिए मुस्लिम भीड़ इकट्ठा हुई थी। इन्हीं लोगों की सुरक्षा में अयूब को वहाँ तैनात किया गया था। लेकिन अगले दिन उनका शव उसी मस्जिद के बाहर ऐसे मिला जैसे कोई टूटा हुआ गन्ना हो।
इस्लामिक भीड़ की हर बर्बरता को मीडिया के सामने रखते हुए शीर्ष अधिकारियों ने बताया था कि एसपी पर हमले के बाद उन्हें नंगा किया गया और फिर बहुत ही हिंसक तरह से उन्हें भीड़ ने मार दिया।
उनके हाथ-पाँव ऐसे मुड़े हुए थे, जैसे खाने से पहले गन्ने को तोड़ा जाता है। पड़ताल होने पर मालूम चला कि अधिकारी को मारने के लिए इस्लामिक आतताइयों ने लोहे की छड़ तक का इस्तेमाल किया था।
अब आखिर मोहम्मद अयूब की गलती क्या थी? बस ये कि वे रमजान के महीने में उस दिन उन लोगों की सुरक्षा में बिन वर्दी के तैनात हुए, जिन्हें इंसानियत का मतलब तक नहीं मालूम था।
पुलिस के अनुसार, उस दिन मस्जिद के बाहर चार उपद्रवियों की नजर उनपर पड़ गई। इसके बाद उन चारों ने पुलिस अधिकारी से ही पूछताछ करनी शुरू कर दी। जब बात आगे बढ़ी तो उपद्रवियों ने मोहम्मद अयूब से पहचान पत्र दिखाने को बोला। लेकिन डीएसपी ने ऐसा करने से इनकार कर दिया।
इसके बाद उपद्रवियों ने उनसे हाथापाई शुरू कर दी और फिर कई अन्य लोग भी वहाँ इकट्ठा होते गए। भीड़ को बढ़ता देख डीएसपी ने सर्विस रिवाल्वर से कमर के नीचें कुछ गोलियाँ चलाईं। जिसमें तीन हमलावर घायल हो गए। भीड़ इसके बाद और आक्रमक हो गई और उन्हें तब तक मारती रही जब तक उनका दम नहीं निकला।
बताया जाता है कि डीएसपी को मारकर करीब 400 मीटर कर घसीटा गया और फिर पहचान पता करने के लिए उन्हें नंगा भी किया। लेकिन उस समय तक वे खत्म हो चुके थे।
श्रीनगर में जिहादी भीड़ ने मोहम्मद अयूब पंडित को हिन्दू सुरक्षाबल समझकर मारा, बाद में चेक करने के लिए नग्न किया, पर तबतक उनकी मौत हो चुकी थी pic.twitter.com/oCIT7wGlN7
— Ashok Dixit (@AshokDi44291375) June 24, 2017
आतताइयों ने डीएसपी की हालत ऐसी कर दी थी कि उनकी शिनाख्त करने में बहुत वक्त लगा। उनका शरीर पूर्ण रूप से विकृत था और हाथ-पाँव टूट चुके थे।
जिस समय डीएसपी के साथ ये बर्बरतता हुई उस समय हुर्रियत अध्यक्ष मीरवाइज उमर वहीं मस्जिद में मौजूद था। कुछ स्थानीय युवकों ने इस घटना की वीडियो बनाई थी। इसे देखने के बाद पुलिस अधिकारियों ने 20 लोगों को गिरफ्तार किया। इनके पास से डीएसपी की पिस्तौल और दूसरे कुछ सामान भी बरामद किए गए।
#KashmirCopLynched | 20 held for beating Mohammad Ayub Pandith, iron rod used to kill him recovered @saha_abhi1990https://t.co/8gHhAQO9G2 pic.twitter.com/0Tvmw8MjJb
— Hindustan Times (@htTweets) July 24, 2017
ये बात भी मालूम चली कि हत्या का मास्टरमाइंड घटना के बाद कुछ दिन बाद ही आतंकी गिरोह में शामिल हो गया था। लेकिन 12 जुलाई 2017 को एक मुठभेड़ में उसे मार गिराया गया। उसका नाम सज्जाद अहमद गिलकर था।
“WE ARE INDIANS”
— Mauseen Khan (@mauseen_khan) June 25, 2018
Exactly a year ago, a niece of @JmuKmrPolice braveheart Shaheed Mohammad Ayub Pandith gave a befitting reply to the so-called Aazadi Gang.👊
And yes ds is the voice of the majority of ppl of Kashmir.👍
Video source: @indiatvnews@RajatSharmaLive @AshishSinghLIVE pic.twitter.com/58jJSuTutK