Sunday, December 22, 2024
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‘ये टुकड़े-टुकड़े गैंग के ही मेंबर’: JNU ने ‘खून बहेगा… ब्राह्मणों वापस जाओ’ की जाँच के लिए बनाई कमेटी, वकील ने कराई FIR

विश्वविद्यालय परिसर में स्थित कई इमारतों की दीवारों पर विवादास्पद नारे लिखे गए Ls। इसके साथ ही कुछ प्रोफेसरों के चैंबरों के गेट पर विश्वविद्यालय के बजाए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) में जाने के लिए कहा गया था। इसका फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था।

दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) की दिवारों पर जातिसूचक नारे लिखे जाने के मामले को यूनिवर्सिटी प्रशासन ने गंभीरता से लिया है। स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज एंड ग्रेविएंस के डीन वाली कमेटी को जल्द से जल्द पूछताछ करने और कुलपति को रिपोर्ट जमा करने के लिए कहा गया है।

बता दें कि गुरुवार (1 दिसंबर 2022) को विश्वविद्यालय परिसर में स्थित इमारतों की दिवारों पर जातिसूचक एवं विवादास्पद नारे लिखे गए थे। भाजपा की छात्र शाखा ABVP ने इसके लिए कैंपस के ही वामपंथी छात्र संगठनों पर आरोप लगाया था।

इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के वकील विनीत जिंदल ने DCP साउथ वेस्ट और SHO वसंत कुंज को शिकायत दी है। वकील द्वारा दर्ज की गई शिकायत IPC की धारा 153A और B, 505, 506 और 34 के तहत आरोप लगाए गए हैं। शिकायत में वैश्य एवं ब्राह्मण समुदाय के खिलाफ जातिवादी टिप्पणी करने और जान से मारने की धमकी देने का आरोप लगाया गया है।

जिंदल ने कहा, जेएनयू में देश विरोधी, समाज विरोधी कार्यों का सिलसिला रुकने का नाम नहीं ले रहा है। ऐसी विचारधारा, जो देश में अराजकता फैलाना चाहती है, के लोग जेएनयू में बड़े पैमाने पर हैं। जेएनयू में जाति को लेकर जान से मारने की धमकी देने वालो पर सख़्त कारवाही की ज़रूरत है। ये टुकड़े-टुकड़े गैंग के सदस्य ही हैं।”

विश्वविद्यालय परिसर में स्थित कई इमारतों की दीवारों पर विवादास्पद नारे लिखे गए Ls। इसके साथ ही कुछ प्रोफेसरों के चैंबरों के गेट पर विश्वविद्यालय के बजाए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) में जाने के लिए कहा गया था। इसका फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था।

स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज- II भवन की दीवारों पर ब्राह्मण और वैश्य समुदायों के खिलाफ नारे लिखे गए। दिवारों पर ‘ब्राह्मण-बनिया, हम आ रहे हैं बदला लेने’, ‘ब्राह्मण परिसर छोड़ो, ब्राह्मण भारत छोड़ो’, ‘अब खून बहेगा’ जैसे नारे लिखे हुए थे। वहीं, तीन प्रोफसरों के चैंबर के गेट पर भी ‘शाखा में जाओ’ लिखा गया।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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