राजस्थान के जोधपुर में हिजाब को लेकर सवाल हो गया। सरकारी स्कूल में छात्राएँ हिजाब पहनने को लेकर अड़ गई हैं, तो उनके परिजनों ने जमकर हंगामा किया है। इस प्रदर्शन के दौरान पार्षद मुजफ्फर खलीफा ने शिक्षकों को धमकाया है कि सरकार आज है, कल चली जाएगी, लेकिन शिक्षकों को यहीं रहना है। इस दौरान नगर पालिका की उपाध्यक्ष के पति ने भी प्रदर्शन किया और छात्राओं की हिजाब वाली माँग का समर्थन किया।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, जोधपुर ग्रामीण जिले के पीपाड़ कस्बे में गवर्नमेंट सीनियर सेकंडरी स्कूल है। यहाँ दस से ज्यादा मुस्लिम लड़कियाँ हिजाब जैसा स्कार्फ पहनकर स्कूल पहुँची। इस पर शिक्षकों ने आपत्ति जताई और छात्राओं को घर भेज दिया। चूँकि स्कूलों में ड्रेस कोड लागू है। सरकार ने भी ड्रेस कोड लागू करने को लेकर सख्ती की बात कही है। ऐसे में स्कूल के प्रिंसिपल ने छात्राओं के अभिभावकों को बुलाकर लाने के लिए उन्हें घर भेज दिया। छात्राओं के साथ उनके अभिभावक वापस स्कूल पहुँचे और जमकर हंगामा किया।
प्रिंसिपल रामकिशोर सांखला ने बताया कि बालिकाएँ अन्य कपड़े से सिर और मुँह ढँककर स्कूल आई थीं, इस पर उन्हें मना किया गया। उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा निर्धारित यूनीफॉर्म में ही स्कूल आने की अनुमति है। यदि सिर ढंककर ही आना है तो ड्रेस कोड की चुन्नी का इस्तेमाल किया जा सकता है। हालाँकि परिजनों ने हंगामा जारी रखा।
उन्होंने आरोप लगाया कि स्थानीय पार्षद मुजफ्फर खलीफा ने शिक्षकों को धमकी भी दी है। उन्होंने कहा, “पार्षद मुजफ्फर खलीफा और पालिका उपाध्यक्ष के पति ने ड्रेस को लेकर गाइडलाइन के बारे में जानकारी माँगते हुए प्रदर्शन किया। साथ ही धमकाया कि सरकार आज है, कल नहीं रहेगी, लेकिन अध्यापक हमेशा यहीं रहने वाले हैं, जिनको इसका खामियाजा भुगतना ही पड़ेगा। इसके बाद पुलिस से शिकायत की गई। पुलिस ने मामला शांत कराया।”
गौरतलब है कि भजनलाल सरकार में शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने एक बयान दिया था, जिसमें कहा था कि सभी सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को निर्धारित ड्रेस में आना होगा। राज्य सरकार में मंत्री किरोड़ीलाल मीणा के साथ ही बीजेपी विधायक बालमुकुंद आचार्य भी हिजाब पर प्रतिबंध की माँग कर चुके हैं।