राजस्थान के करौली के बाद सीएम अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) के गृह जिले जोधपुर में भड़की हिंसा के बाद 36 घंटे का कर्फ्यू लगाने और इंटरनेट बंद करने से स्थिति तनावपूर्ण है। दैनिक भास्कर की ग्राउंड रिपोर्ट के मुताबिक, ईद के मौके पर उपद्रवियों ने पुलिस पर पथराव कर उन पर चप्पलें भी फेंकी थीं। यही नहीं भीड़ ने पुलिस के हाथ से डंडे छीनकर उन्हें मारे, जिससे एक पुलिस अधिकारी के सिर पर ज्यादा चोट आ गई।
रिपोर्ट के मुताबिक, इस दौरान उपद्रवियों ने जेब में पत्थर भरकर रखे थे। वे जहाँ से भी निकले…आगजनी और तोड़फोड़ करते गए। ऐसा करके उन्होंने एक चौराहे का तनाव 5 क्षेत्रों में पहुँचा दिया। इस तरह पूरे शहर में हिंसा फैल गई।
काम से लौट रहे मुकुंद का पैर तोड़ा
मंगलवार तड़के 4:30 बजे काम से लौट रहे बोहरों की पोल निवासी मुकुंद बोहरा (18) ने दैनिक भास्कर को बताया कि जालौरी गेट स्थित राजदान मेंशन के पास 8 से 10 युवकों ने उन्हें रोककर उनके साथ मारपीट की और उनके पैर तोड़ दिए। उनका एमजीएच अस्पताल में मंगलवार को ऑपरेशन कराया गया।
दवाई लेने निकले युवक की पीठ में चाकू मारा
बताया जा रहा है कि दादा की दवाई लेने के लिए निकले शख्स को भी उन दंगाइयों ने नहीं बख्शा। घंटाघर में पाल हाउस के पास रहने वाले दीपक परिहार अपने दादा की दवाइयाँ लेने के लिए घर से निकले थे। उन्होंने उपद्रव के चलते मुख्य रास्ते की बजाय भीतरी शहर से जाना उचित समझा। लेकिन तभी सुनारों का बास के पास उन्हें कुछ उपद्रवी दिखे, तो वह उनका वीडियो बनाने लगे। इसको लेकर गुस्साए युवकों ने उनका पीछा किया और पीठ में चाकू घोंप दिया।
दीपक को गंभीर हालत में महात्मा गाँधी अस्पताल ले जाया गया, जहाँ ऑपरेशन करके उसकी पीठ से चाकू निकाला गया। दीपक के पिता विजय सिंह परिहार ने बताया कि हमने सदर कोतवाली थाने में उपद्रवियों के खिलाफ मामला दर्ज करवाया है। फिलहाल जोधपुर में कर्फ्यू लगाने और इंटरनेट बंद करने से स्थिति तनावपूर्ण है। तस्वीरों में देखा जा सकता है कि दंगाई पुलिस का डंडा छीन कर पुलिस को ही पीट रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि यह घटना ईद के दिन जालौरी गेट में अंजाम दी गई, जहाँ जोधपुर की सबसे बड़ी मस्जिद है। जानकारी के मुताबिक, वहाँ सोमवार (2 मई 2022) देर रात कुछ मुस्लिम युवक चौराहे पर अपना झंडा लगा रहे थे, जब दूसरे पक्ष की ओर से विरोध किया गया तो मारपीट शुरू हो गई, फिर पथराव होने लगे। बाद में पुलिस ने मौके पर पहुँच कर स्थिति संभाली और लाठीचार्ज करके दोनों पक्ष के लोगों को खदेड़ा। घटना में 1 दर्जन से अधिक लोग घायल बताए जा रहे हैं।
जोधपुर मेयर का आरोप
ऑपइंडिया ने इस संबंध में जोधपुर पश्चिम की मेयर वनीता सेठ से भी संपर्क किया था। उन्होंने बताया, “जालौरी गेट पर 11:30-12:00 बजे के करीब मुस्लिम ईद के हिसाब से अपने झंडे लगा रहे थे। इससे पहले परशुराम जयंती थी वहाँ उसके झंडे लगे हुए थे। पुलिस ने आकर कहा कि आज उनका त्योहार है, तो कुछ पत्रकारों ने और वहाँ के लोगों ने खुद से उन (भगवा) झंडों को हटा दिया। सिर्फ एक झंडा रहने दिया गया जो कि स्वतंत्रता सेनानी बिस्सा जी के ऊपर था। रात को मुस्लिम लड़के आए तो उन्होंने बिस्सा जी की मूर्ति के ऊपर टेप चिपका दी और अपना इस्लामी झंडा लगाने लगे तब वहाँ दूसरे पक्ष ने मना किया कि बाकी जो करना है करो, लेकिन ये सब क्या कर रहे हो।”
इस पर उन लोगों ने पाकिस्तान के और अल्लाह-हू-अकबर नारे लगाए और सवाल पूछने पर पत्थरबाजी होने लगी। दूसरे पक्ष के लोग भी जुटे लेकिन तभी मुस्लिम बस्ती से 200-300 लोग आ गए। पुलिस ने उन्हें हटाने की बजाय लाठी चार्ज किया जिसमें कई लोग घायल हुए। इसके बाद बैरिकेडिंग की गई।