उत्तर प्रदेश में पुलिस ने फेक न्यूज़ फ़ैलाने में दो पत्रकारों के खिलाफ FIR दर्ज की है। दोनों पर आरोप है कि उन्होंने बिजनौर के तीतरवाला बासी गाँव के दलित परिवारों के बारे में फेक न्यूज़ फैलाई थी कि वे अत्याचारों से आजिज़ आ गाँव छोड़ने की धमकी दे रहे हैं। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार उनमें से एक स्थानीय अख़बार के साथ काम करता है और दूसरा स्थानीय इलेक्ट्रॉनिक मीडिया चैनल का रिपोर्टर है।
विशाल और राशिद नामक इन पत्रकारों ने दावा किया था कि गाँव के हैंडपंप से पानी निकालने से रोके जाने पर तीतरवाला बासी गाँव का एक दलित परिवार गाँव छोड़ने की तैयारी कर रहा है। उन्होंने दलितों को पानी लेने से रोकने का आरोप दलित समुदाय के ही एक प्रभावशाली परिवार पर लगाया था।
बिजनौर के एसपी (शहर) लक्ष्मी निवास मिश्रा के मुताबिक विशाल और राशिद द्वारा चलाई गई खबरों की तफ्तीश करने पर पुलिस ने पाया कि कोई भी दलित परिवार गाँव नहीं छोड़ रहा है। पुलिस के दावे के मुताबिक पत्रकारों ने रिपोर्ट के साथ छेड़छाड़ की है। पुलिस ने आरोप लगाया है कि दलितों ने अपने घर के आगे ‘घर बिकाऊ है’ का बोर्ड पत्रकारों की सलाह पर ही लगाया था। पत्रकारों के विरुद्ध मामला दर्ज कर लिया गया है।
इसके अलावा आजमगढ़ में भी एक पत्रकार को प्राइमरी स्कूल टीचर को धमकाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। जनसंदेश टाइम्स के लिए स्ट्रिंगर (फ्रीलांस पत्रकार) के तौर पर काम करने वाले संतोष कुमार जायसवाल पर आरोप है कि उन्होंने स्कूल प्रशासन को धमकी दे छात्रों और शिक्षकों की तस्वीरों का गलत इस्तेमाल किया। सरकारी स्कूल शिक्षकों से वसूली की।
आजमगढ़ के फूलपुर स्थित एक स्कूल के प्रिंसिपल राधेश्याम यादव ने जायसवाल के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई। यादव के मुताबिक जायसवाल ने छात्रों के हाथ में झाड़ू पकड़ाकर फोटो खींची थी। जायसवाल को अदालत में पेश कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।