मुज़फ़्फ़रनगर दंगों के 7 आरोपितों को कोर्ट ने आज 8 फ़रवरी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। इसके अलावा इन दोषियों पर दो-दो लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है। बता दें कि जुर्माने की इस धनराशि में से अस्सी प्रतिशत पीड़ित परिवारों को दिया जाएगा।
2013 Muzaffarnagar riots: The 7 convicts – Muzammil, Mujassim, Furkan, Nadeem, Jahangir, Afzal and Iqbal – are accused of killing 2 people – Gaurav and Sachin – and rioting in Kawal village. https://t.co/b9BXLTioAG
— ANI (@ANI) February 8, 2019
6 फरवरी को अतिरिक्त ज़िला न्यायाधीश कोर्ट ने इन दंगे के जुड़े इन 7 आरोपितों को दोषी करार दिया था। जिसके बाद न्यायाधीश ने इन सभी आरोपितों को न्यायिक हिरासत में जेल भेजा दिया गया। इस मामले में दोषियों को सज़ा सुनाने के लिए कोर्ट ने 8 फ़रवरी की तारीख तय की थी।
बता दें कि साल 2013 में 27 अगस्त को जानसाठ कोतवाली क्षेत्र के कवाल गाँव में मलिकपुर के गौरव और उसके ममेरे भाई सचिन की हत्या कर दी गई थी।
इन दोनों ही लोगों की जघन्य हत्या में ये सभी सात आरोपित शामिल थे। अतिरिक्त ज़िला न्यायाधीश ने जिन सात लोगों को दंगे के लिए दोषी ठहराया है वे सभी एक ही सम्प्रदाय विशेष से हैं।
इन सभी आरोपितों के नाम क्रमश: मुज़स्सिम, मुज़म्मिल, फ़ुरकान, नदीम, जहाँगीर, अफ़ज़ल और इक़बाल हैं। इन सभी को कोर्ट के आदेश पर पुलिस ने हिरासत में ले लिया है।
कवाला गाँव की इस घटना के बाद मुज़फ़्फ़रनगर शहर और शामली में भी दो सम्प्रदाय के बीच दंगे हुए थे। इस दंगे में लगभग 60 से ज़्यादा लोगों की मौत हुई थी, जबकि सैकड़ों लोग घायल हुए थे।
इस वीभत्स घटना में कुल 8 आरोपित थे, जिनमें एक आरोपित शाहनवाज़ की मौत पहले ही हो चुकी है।