आतंकवाद के विरुद्ध युद्ध में मई 2018 में कश्मीर के कुलगाम में बलिदान होने वाले नायक दीपक नैनवाल की पत्नी ज्योति अब भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट हैं। ज्योति शनिवार (20 नवम्बर 2021) को चेन्नई स्थित ऑफिसर्स ट्रेनिंग एकेडमी से पास आउट हो गईं हैं। पति के बलिदान के बाद उन्होंने भी सेना में जाने का फैसला किया था। आखिरकार लगभग 3 वर्ष बाद उनकी मेहनत रंग लाई है।
#WATCH | Newly commissioned Indian Army Officer Jyoti Nainwal, mother of 2 children is the wife of Naik Deepak Nainwal, who died after being shot while serving our nation in Indian Army operations in J&K in 2018.
— ANI (@ANI) November 20, 2021
(Source: PIB Tamil Nadu) pic.twitter.com/5hlrmGyAtV
रिपोर्ट के अनुसार, ज्योति नैनवाल और उनके पूरे परिवार के लिए यह बेहद भावनात्मक समय है। ज्योति ने सेना में वही शपथ ली, जो उनके वीरगति को प्राप्त पति ने कभी ली थी। उनके 2 बेटे भी उनके साथ सेना की वर्दी में नजर आए। वहीं, बेटी लावण्या चौथी क्लास की छात्रा है। बेटा रेयांश कक्षा एक में पढ़ रहा है। दोनों बच्चे अपने पिता और माँ की तरह फौजी बनना चाहते हैं। लेफ्टिनेंट ज्योति के अनुसार, पति के बलिदान होने से पहले उन्होंने नौकरी के लिए कभी सोचा भी नहीं था।
ज्योति ने बताया कि पति के घायल होने के उन्होंने देखा कि सेना अपने जवानों का कितना अच्छे से ध्यान रखती है। इसके लिए उन्होंने सेना की महार रेजिमेंट का धन्यवाद भी किया है। ज्योति ने टेस्ट पास कर के 11 माह की ट्रेनिंग तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई स्थित अधिकारी प्रशिक्षण अकादमी में लिया था।
ज्योति नैनवाल की उम्र लगभग 33 वर्ष है। ज्योति एक सशक्त नारी के रूप में बताना चाहती हैं कि बच्चों को माँ के अलावा किसी और से प्रेरणा लेने की जरूरत ही न पड़े। ज्योति ने देश के दुश्मनों को ललकारते हुए कहा कि उनके मंसूबों को कभी पूरा नहीं होने दिया जाएगा। ज्योति के पति नायक दीपक नैनवाल मुख्यतः देहरादून के हर्रावाला स्थित सिद्धपुरम के निवासी थे।
बलिदान दीपक 40 दिन तक अस्पताल में रहे थे और उनका इलाज पुणे के पैराप्लेजिक रिहैब सेंटर में चला था। साल 2018 में जम्मू-कश्मीर के कुलगाम में एक ऑपरेशन के दौरान आतंकियों की गोलियाँ दीपक के फेफड़े में लगी थीं। उनके शरीर के निचले हिस्से ने काम करना बंद कर दिया था। आख़िरकार वे वीरगति को प्राप्त हो गए। दीपक की तीन पीढ़ियों ने देश की सेवा की है। शहीद दीपक के दादा सुरेश चंद नैनवाल स्वतंत्रता संग्राम सेनानी थे। दीपक के पिता चक्रधर नैनवाल भी रिटायर्ड फौजी हैं। उन्होंने 1971 भारत-पाकिस्तान युद्ध के साथ कारगिल युद्ध में भी हिस्सा लिया था।