कबिता सरकार को इस केस की जिम्मेदारी तब दी गई जब कोई वकील संजय रॉय की ओर से केस लड़ने को तैयार नहीं था। जानकारी के मुताबिक कबिता सरकार ने यह केस इसलिए लिया क्योंकि वह अदालती सुनवाई के ज़रिए न्याय मिलने में विश्वास करती हैं, न कि सुनवाई से पहले के फ़ैसलों में। वह चाहती हैं कि किसी भी मामले में अभियुक्त समेत हर किसी को निष्पक्ष सुनवाई का मौका मिले ताकि वो मजबूरी से कोर्ट में अपना पक्ष रख पाए।
इसके अलावा रिपोर्ट्स बताती हैं कि कबिता सरकार सजा के तौर पर मृत्युदंड का भी विरोध करती हैं। उनका मानना है कि किसी अपराध के लिए अधिकतम सजा सिर्फ आजीवन कारावास होनी चाहिए ताकि अपराधी सोच सके कि उसने अपनी जीवन में किया क्या। उनका मानना है कि जब तक किसी का दोष साबित नहीं हो जाता तब तक उसे निर्दोष ही मानना चाहिए।
कबिता सरकार का करियर
कबिता सरकार ने हुगली कॉलेज से कानून में स्नातक किया हुआ है। उसके बाद उन्होंने अलीपुर कोर्ट से अपना कानूनी करियर शुरू किया जहाँ उन्होंने सिविल मामलों में विशेषज्ञता हासिल की। फरवरी 2023 से वह क्रिमिनल लॉ पर ध्यान देने लगीं, इसके लिए उन्होंने SALSA (दक्षिण एशियाई कानूनी सेवा संघ) को ज्वाइन किया। बाद में जून 2023 में, क्रिमिनल डिफेंस के कार्य किया। अब वही कबिता सरकार संजय रॉय के केस को लड़ेंगी। उन्होंने अपने वरिष्ठ सौरव बनर्जी से अनुरोध किया है कि वे पूरे केस में उनकी सहायता करें।
आरजी कर अस्पताल से कम हो रही एमबीबीएस महिला छात्राओं की संख्या
उल्लेखनीय है कि 9 अगस्त 2024 की घटना के बाद से आर जीकर अस्पताल लगातार चर्चा में बना हुआ है। कभी वहाँ सबूतों से छेड़छाड़ की बात सामने आती है तो कभी भीड़ के घुसने की। इन सबके बीच एक ताजा जानकारी सामने आई है वो ये कि इस अस्पताल से धीरे-धीरे महिलाओं की संख्या कम होने लगी है। इंडियन एक्सप्रेस रिपोर्ट के अनुसार, एक एमबीबीएस महिला ने बताया कि हॉस्टल में पहले 160 जूनियर डॉक्टर रहती थीं लेकिन अब सिर्फ 17 ही बची हैं। वहीं कैंपस में पहले 700 रेजिडेंट डॉक्टर थे, जिसमें से 30-40 महिलाएँ डॉक्टर ही अब कैंपस में रहती हैं वहीं 60-70 पुरुष डॉक्टर। बाकी सब चले गए हैं। एमबीबीएस छात्राओं के अनुसार, 14 अगस्त को जो कुछ भी हुआ उसे बताया नहीं जा सकता। कई महिला नर्सें और डॉक्टर प्रदर्शन करने आई थी, लेकिन भीड़ ने हमला कर दिया। उस रात कोई छात्रा नहीं सो पाई थी।
घटना से एक दिन पहले संजय रॉय कर रहा था पीड़िता का पीछा
इसके अलावा इस मामले में एक और नई जानकारी सामने आई है वो आरोपित संजय रॉय को लेकर है। मीडिया रिपोर्ट्स में सूत्रों के हवाले से दावा किया जा रहा है कि कोलकाता पुलिस द्वारा पूछताछ के दौरान रॉय ने कबूल किया कि उसने अपराध से एक दिन पहले 8 अगस्त को चेस्ट मेडिसिन वार्ड में पीड़िता को देखा था। वार्ड के सीसीटीवी फुटेज से भी पुष्टि होती है कि रॉय – सुबह करीब 11 बजे वार्ड में था – उसी समय जब पीड़िता और चार अन्य जूनियर डॉक्टर वार्ड में मौजूद थे। सूत्रों ने बताया, “सीसीटीवी फुटेज में रॉय को उनकी ओर घूरते हुए देखा जा सकता है।”