गुजरात की ऊना पुलिस ने 9 अप्रैल को हिंदू कार्यकर्ता काजल हिंदुस्तानी को गिरफ्तार कर लिया। यह गिरफ्तारी काजल के कथित ‘घृणास्पद भाषण’ के लिए मामला दर्ज किए जाने के बाद हुई है। स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, काजल हिंदुस्तानी को मजिस्ट्रेट के सामने उनके आवास पर पेशी के बाद जूनागढ़ जेल भेज दिया गया है।
गुजरात के गिर सोमनाथ जिले के ऊना में 30 मार्च 2023 को रामनवमी की शोभायात्रा निकाला गया था। इस शोभायात्रा के बाद एक कार्यक्रम आयोजित किया गया था। त्रिकोण बाग के पास रावणवाड़ी में हुए इस कार्यक्रम में हिंदू कार्यकर्ता काजल हिंदुस्तानी कई वक्ताओं में से एक थीं।
इसमें बोलते हुए काजल ने लव जिहाद और लैंड जिहाद सहित कई मुद्दों को उठाया। स्थानीय मुस्लिमों ने उनके भाषण को विवादास्पद कहा और पूरे शहर को बंधक बना लिया। कई जगहों पर पथराव की खबरें आईं और शहर दो दिनों तक ठप पड़ा रहा। इस दौरान उनके खिलाफ कुख्यात ‘सर तन से जुदा’ के नारे भी लगाए गए।
ऑपइंडिया ने गुजरात पुलिस द्वारा दर्ज की गई प्राथमिकी को देखा है। इसमें शिकायतकर्ता एएसआई कांतिभाई राम थे और प्राथमिकी 2 अप्रैल 2023 को दर्ज की गई थी। पुलिस ने काजल हिंदुस्तानी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने में देरी का कारण बताया।
एएसआई कांतिभाई रामजीभाई ने प्राथमिकी में कहा है कि मुस्लिम समुदाय के नेताओं ने भाषण को लेकर पुलिस से संपर्क किया और 31 मार्च 2023 को एक लिखित शिकायत दर्ज की गई। सात लोगों ने ‘समस्त मुस्लिम समाज’ के नाम से हस्ताक्षर किए थे। पुलिस ने तब कहा कि केवल एक व्यक्ति ही FIR दर्ज करा सकता है। इसके बाद समुदाय के नेता वापस चले गए।
पुलिस ने आगे कहा कि रात्रि गश्त के दौरान पुलिस मुस्लिम नेताओं के पास पहुँची। इस दौरान मुस्लिम समाज के नेता ने कहा कि वे पहली अप्रैल की दोपहर तक पुलिस को बता देंगे। इसके बाद मुस्लिम पक्ष दोबारा पुलिस के पास नहीं पहुँचा।
यहाँ ध्यान रखना उचित है कि 1 अप्रैल 2023 को पुलिस द्वारा बार-बार कहने के बावजूद कोई भी मुस्लिम नेता कार्रवाई के लिए पुलिस के पास नहीं आया। उधर, शहर में हिंसा भड़क उठी और मुस्लिम भीड़ हिंदुओं के खिलाफ उग्र हो गई।
FIR में कहा गया है, “इस धार्मिक सभा के दौरान मंच से लाउडस्पीकर के माध्यम से उनका (काजल हिंदुस्तानी का) भाषण दिया गया, जिसमें उन्होंने हिंदू लोगों से मुस्लिम समुदाय की बहनों को धर्मांतरित करने का आह्वान किया, जिससे मुस्लिम समुदाय की महिलाओं की गरिमा को ठेस पहुँची। साथ ही, उन्होंने मुस्लिम समाज की महिलाओं और पुरुषों की धार्मिक भावनाओं का उल्लंघन करने वाला भाषण दिया। उन्होंने और हिंदू और मुस्लिम समाज के बीच जानबूझकर नफरत फैलाने के उद्देश्य से भाषण दिया, जिसमें उन्होंने धर्म के बारे में अहंकारी, मनमानी और मनगढ़ंत बातें कीं और सबसे कम शब्दों के चयन के साथ मुस्लिम समाज की निंदा की।”
उसमें आगे लिखा है, “मुस्लिम धर्म के मौलवी के बारे में उन्होंने मुल्ला-ठुल्ला जैसे निम्न स्तर के शब्दों का प्रयोग करते हुए मौलाना की आलोचना की। इस प्रकार उन्होंने हिंदू और मुस्लिम समुदाय के बीच शत्रुता और घृणा की भावनाओं को प्रोत्साहित करके सभा में उपस्थित बड़े समूह को उकसाया और उन्हें अपने भाषण के अनुसार कार्य करने के लिए आह्वान किया। इसके जरिए उन्होंने एकता, भाईचारा, सांप्रदायिक सौहार्द्र और शहर के सामंजस्य को नष्ट किया। काजल हिंदुस्तानी ने उनके धर्म की निंदा करके मुस्लिम लोगों की धार्मिक आस्था और भावनाओं का अपमान किया।”
एएसआई कांतिभाई राम ने शिकायत में अनिवार्य रूप से चार बिंदुओं का उल्लेख किया है और प्राथमिकी इसी पर आधारित है।
- उसने हिंदू पुरुषों से मुस्लिम महिलाओं का धर्मांतरण करने के लिए कहा और शिकायतकर्ता के अनुसार, यह मुस्लिम महिला की गरिमा का अपमान है।
- इस तरह के दावे मुस्लिम पुरुषों और पूरे इस्लाम धर्म का भी अपमान करते हैं।
- उन्होंने मौलवियों को मुल्ला और ठुल्ला कहकर उनका अपमान किया।
- उन्होंने ‘सबसे कम शब्दों का चयन कर’ मुस्लिम समुदाय की निंदा करने के लिए इस्लाम के बारे में ‘मनगढ़ंत’ बातें कीं।
दिलचस्प बात यह है कि काजल हिन्दुस्तानी के भाषण पर गौर करें तो उन्होंने हिंदू पुरुषों से मुस्लिम महिलाओं का धर्मांतरण करने के लिए नहीं कहा था। उन्होंने कहा था कि यदि मुस्लिम महिलाएँ इस्लामी समुदाय की प्रथाओं की बुराइयों से बचना चाहती हैं तो उन्हें अपनी इच्छा से हिंदू पुरुषों से शादी करनी चाहिए। उन्होंने किसी भी तरह से हिंदू पुरुषों को मुस्लिम महिलाओं का धर्मांतरण करने के लिए नहीं कहा।
FIR में यह भी कहा गया है कि काजल ने इस्लाम और मुस्लिम समुदाय के खिलाफ ‘मनगढ़ंत’ बातें कीं। अपने भाषण में उन्होंने लव जिहाद, लैंड जिहाद और अन्य प्रकार की आक्रामकता और हिंसा के खतरे के बारे में बताया, जो हिंदू समुदाय के खिलाफ नियमित रूप से फैलाया जाता है।
काजल हिंदुस्तानी द्वारा बताई गई सभी बातें उनके लिए सबूत हैं और किसी भी तरह से मनगढ़ंत प्रकृति की नहीं हैं। एफआईआर में ही पुलिस यह बताने में विफल रही है कि उनके भाषण का कौन सा हिस्सा मनगढ़ंत था। प्राथमिकी केवल एक सामान्य, व्यापक बयान देती है, जिसके आधार पर काजल हिंदुस्तानी को गिरफ्तार किया गया लगता है।