मध्य प्रदेश में कॉन्ग्रेस सरकार की मुस्लिम तुष्टीकरण की नीति एक बार फिर से सामने आई है। बीते दिन धार जिले के भोजशाला में मुस्लिमों द्वारा नमाज पढ़े जाने के बाद माँ सरस्वती की पूजा करने पहुँची महिलाओं को मंदिर में प्रवेश नहीं करने दिया। इसके बाद गुस्साई महिलाएँ वहीं मंदिर के गेट पर धरने पर बैठ गईं और कमलनाथ सरकार पर गंभीर सवाल उठाए।
मध्य प्रदेश के धार ज़िले में स्थित भोजशाला में शुक्रवार को हुई नमाज के बाद महिलाएँ माँ वाग्देवी की तस्वीर रखने के लिए मंदिर पर पहुँची, लेकिन वहाँ सुरक्षा में तैनात पुलिस प्रशासन इससे पहले ही दरवाजे को बंद कर दिया और महिलाओं को पूजा करने के लिए मंदिर के अंदर प्रवेश करने से मना तक दिया। इससे पूजा के लिए पहुँची महिलाएँ नाराज हो गईं और वहीं पर खड़े होकर प्रशासन के ख़िलाफ नारेबाजी करने लगीं। इतना ही नहीं गुस्साई महिलाओं ने अपने हाथों की चूड़ी उतारकर राज्य सरकार पर निशाना साधा और कहा, “ये लो, चूड़ी पहन लो कमलनाथ।”
#BasantPanchami2020#BasantPanchami
— SayannaNagananpally (@Sayanna56306617) January 29, 2020
Oh Hindu…!
What do you want in Bhojshala Pooja…?
Or
Namaj….?
If other religion can do Namaj in Bhojshala Saraswati Mandir, Why not give permission for pooja in Macca or Madina…? pic.twitter.com/8T5kJfBoFa
इसके बाद घबराए पुलिस प्रशासन ने महौल शांत करने का हवाला देते हुए गेट के बाहर ही तस्वीर रख माँ सरस्वती की पूजा कराकर महिलाओं को वापस कर दिया और इस विवाद के साथ ही परिसर में आयोजित मातृशक्ति सम्मेलन और बसंत उत्सव का समापन हो गया। इस दौरान बड़ी संख्या में मौके पर पुलिस फोर्स तैनात रही। दरअसल भोजशाला में पिछले चार दिनों से मातृशक्ति सम्मेलन और बसंत उत्सव समारोह का आयोजन किया जा रहा था, जिसका शुक्रवार को समापन होना था और वहीं शुक्रवार होने के कारण मुस्लिमों को जुमे की नमाज भी अदा करनी थी। यही कारण था कि परिसर के मुख्य गेट पर बड़ी संख्या में पुलिस फोर्स तैनात किया गया था।
वहीं, मातृशक्ति सम्मेलन में मुख्य अतिथि रहीं महू विधायक उषा ठाकुर समय से एक घंटे पहले ही कार्यक्रम स्थल पहुँच गईं। विधायक ने महिलाओं के साथ ज्याेति मंदिर में बैठकर भजन भी गाए। इसके बाद जब प्रशासन द्वारा भाेजशाला का द्वार नहीं खाेलने की खबर उन तक पहुँची ताे उन्हाेंने भाेजशाला आने से मना कर दिया। विधायक ने संकल्प लिया कि जब तक वे भाेजशाला के अंदर पूजन नहीं करेगी तब तक वे भाेजशाला नहीं आएँगी। विधायक का संकल्प भाेजशाला के बाहर हिंदूवादी संगठन के नेता ने सार्वजनिक रूप से भी सुनाया। इससे पहले विधायक ने ज्याेति मंदिर में कार्यक्रम काे संबाेधित करते हुए कहा– लंबे समय से यह सत्याग्रह चल रहा है और इससे ज्यादा से ज्यादा लाेगाें काे सत्याग्रह से जाेड़ना पड़ेगा।
आपको बता दें कि धार स्थित भोजशाला मंदिर का विवाद कोई नया विवाद नहीं हैं, यह विवाद हिंदू और मुस्लिमों के बीच पूजा को लेकर लंबे अरसे से चला आ रहा है। यह पूरा विवाद मंदिर की जगह को लेकर है, जहाँ मुस्लिम समुदाय के लोग इसे मस्जिद का स्थान मानते हैं और वहीं हिंदू धर्म के लोग इसे सरस्वती माता का मंदिर का स्थान मानते हैं।