Tuesday, November 5, 2024
Homeदेश-समाजकमलेश तिवारी मर्डर: यूसुफ की रेकी पर लखनऊ आए हत्यारे, उसकी ही बताई दुकान...

कमलेश तिवारी मर्डर: यूसुफ की रेकी पर लखनऊ आए हत्यारे, उसकी ही बताई दुकान से खरीदी सिम

यूसुफ फिलहाल हत्या की साजिश में शामिल होने की बात से लगातार मुकर रहा है, लेकिन एटीएस और एसआईटी को शक है कि वह इस हत्याकांड में शामिल था। पूरे मामले में उसकी भूमिका भी इसी ओर इशारा कर रही है।

कमलेश तिवारी हत्याकांड में सूरत, लखनऊ, बरेली, दुबई से तार मिलने के बाद अब कानपुर का नाम भी इस मामले में जुड़ता नजर आ रहा है। खबर है कि हत्यारोपियों को पिस्टल मुहैया कराने वाले युसूफ की रेकी पर ही दोनों हत्यारे कानपुर से लखनऊ गए थे। यूसुफ की बताई दुकान से ही दोनों ने सिम कार्ड और मोबाइल खरीदे थे।

मीडिया रिपोर्टों के अनुसार फतेहपुर से धरा गया युसूफ काफी शातिर दिमाग है। वह लखनऊ और कानपुर दोनों जिलों से अच्छी तरह से वाकिफ है। कमलेश के हत्यारों अशफाक और मोइनुद्दीन को उसने ही दोनों जगहों की जानकारी दी थी। कानपुर में अपने रिश्तेदार के घर रुकने के दौरान वह कई रेलबाजार जाता रहता था। यहॉं उसने कान्हा टेलीकॉम में दो लड़कियों से जान-पहचान बढ़ाई और बाद में दोनों हत्यारों से कहा कि वे उसी दुकान से जाकर सिम खरीदें।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक एटीएस को यूसुफ के लंबे समय से कानपुर आने-जाने की जानकारी है। युसूफ की बुआ और ताऊ के अतीत को खॅंगाल रही है। उसके कई दोस्तों की भी पड़ताल की जा रही है। बताया जा रहा है कि हत्यारों को पिस्टल मुहैया कराने और पैसे को लेकर यूसुफ बार-बार बयान बदल रहा है। कभी कह रहा है कि उसने 20 हजार में पिस्टल खरीदी तो कभी 50 हजार में। उसने हत्यारों को पिस्टल कब दी यह भी साफ नहीं है।

यूसुफ फिलहाल हत्या की साजिश में शामिल होने की बात से लगातार मुकर रहा है, लेकिन एटीएस और एसआईटी को शक है कि वह इस हत्याकांड में शामिल था। पूरे मामले में उसकी भूमिका भी इसी ओर इशारा कर रही है।

अभी तक सूचना सामने आई है कि अशफाक और मोइनुद्दीन जिस अपार्टमेंट में रहते थे, उसी में यूसुफ भी रहता था। इसी के चलते तीनों में आपस में बात होती थी। इस बीच दोनों हत्यारों को यूसुफ के आपराधिक घटनाओं में शामिल होने की सूचना मिली और कमलेश की हत्या की साजिश रच रहे दोनों आरोपितों ने युसूफ से पिस्टल के लिए संपर्क कर लिया। इसके बाद दोनों कानपुर से परिचित न होने के बावजूद भी युसूफ की मदद से वहाँ पहुँचे और रेलबाजार स्थित दुकान से हत्या को अंजाम देने के लिए मोबाइल व सिम कार्ड खरीदा।

यूसुफ के बारे में मिली जानकारी के अनुसार युसूफ का जुर्म की दुनिया से पुराना संबंध है। उसका पिता इशरत खान एक हिस्ट्रीशीटर है। जिससे परेशान होकर उसकी माँ अपने मायके में रहती थी। कुछ समय पहले ही शौहर से विवाद के कारण उसकी माँ ने खुदकुशी कर ली थी। इसके बाद यूसुफ बेखौफ होकर अपराधों को अंजाम देने लगा। रिश्तेदारों के साथ मिलकर एक गैंग तैयार किया जो वसूली का काम करता था। दूसरे गैंग से विवाद के चलते एक बार युसूफ घायल भी हुआ था, जिसके बाद वो अपने ननिहाल लौट गया। पूरी तरह ठीक होने के बाद वह सूरत चला गया। हिंदू समाज पार्टी के नेता कमलेश तिवारी की 18 अक्टूबर को निर्मम हत्या कर दी गई थी।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

हर निजी संपत्ति ‘सामुदायिक संसाधन’ नहीं, सरकार भी नहीं ले सकती: प्राइवेट प्रॉपर्टी पर सुप्रीम कोर्ट ने खींची नई लक्ष्मण रेखा, जानिए अनुच्छेद 39(B)...

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 39(B) के तहत सभी निजी संपत्तियों को 'सामुदायिक संसाधन' नहीं माना जा सकता।

सीरियल ब्लास्ट की साजिश, कोल्लम कलेक्ट्रेट में खड़ी जीप को टिफिन बम से उड़ाया… अब्बास, करीम और दाऊद को केरल की अदालत ने ठहराया...

केरल के कोल्लम में 2016 में हुए एक आईईडी ब्लास्ट में तीन लोग दोषी ठहराए गए हैं। इनके नाम हैं अब्बास अली, शमसून करीम राजा और दाऊद सुलेमान।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -