महाराष्ट्र सरकार और बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत के बीच बढ़े विवाद पर आज (सितंबर 28, 2020) बॉम्बे हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। कोर्ट ने इसी बीच संजय राउत से उनकी विवादित टिप्पणी पर जवाब माँगा और पूछा कि शिवसेना नेता ने ‘हरामखोर’ शब्द किसके लिए कहा था।
इससे पहले कोर्ट की ओर से इस टिप्पणी के ऊपर सबूत पेश करने को कहा गया था। इस पर कंगना के वकील ने अदालत में संजय राउत की रिकॉर्डिंग चलाई, जिस पर संजय राउत के वकील ने कहा कि उनके क्लायंट ने किसी का नाम नहीं लिया है। इसके बाद कोर्ट ने उनके इस बयान को रिकॉर्ड करने के बारे में पूछा। मगर, राउत की ओर से कल इस पर एफिडेविट फाइल करने की बात कही गई।
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए चल रही सुनवाई में बेंच ने कंगना को हरामखोर कहे जाने पर संजय राउत के भाषाई ज्ञान पर सवाल उठाया। कंगना के वकील ने जब कहा कि संजय राउत ने इंटरव्यू में हरामखोर का मतलब नॉटी बताया था, तो जस्टिस कथावाला ने कहा, “हमारे पास भी डिक्शनरी है, अगर इसका मतलब नॉटी है तो फिर नॉटी का मतलब क्या है।”
कंगना के वकील बिरेंद्र सराफ ने सुनवाई में कहा कि पूरे मामले में कंगना के साथ जो हुआ, वह गलत है। कंगना के वकील ने कहा कि इससे उनकी क्लायंट को 2 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। उन्होंने कोर्ट से किसी को भेजकर नुकसान का जायजा लेने का आग्रह भी किया।
इसके अलावा उन्होंने यह भी कहा, “मुझे संजय राउत की और बीएमसी के अफसर दी याचिका को देखने का मौका ही नहीं मिला तो कृपया मुझे उसका जवाब बाद में देने की अनुमति दी जाए।” उनकी बात को सुनने के बाद जस्टिस कथावाला ने बताया कि बीएमसी की फाइल्स अभी तक आई ही नहीं है।
गौरतलब है कि इससे पहले कोर्ट ने कंगना रनौत के वकील को बीएमसी की कार्रवाई से जुड़ी फाइल और संजय राउत के दोनों इंटरव्यू के क्लिप लाने को कहा था। वहीं, बीएमसी के वकील ने कहा था, “कंगना कहती हैं कि यह सब उनके 5 सितंबर वाले ट्वीट की वजह से हुआ तो वह ट्वीट क्या था, कोर्ट के सामने पेश किया जाए ताकि टाइमिंग का पता लग सके।”
इस पर कोर्ट को कंगना की ओर से कहा गया था कि उनकी ओर से 30 अगस्त से अब तक के सभी ट्वीट पेश कर दिए गए हैं। बाकी वह संजय राउत का पूरा इंटरव्यू नहीं ढूँढ पाए हैं। सिर्फ एक क्लिप ही है, जो पब्लिक डोमेन में उपलब्ध है। वह पूरा विडियो ट्रेस करने के प्रयास कर रहे हैं।