पंजाब के बाबा फरीद ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस द्वारा हाल ही में बिहार के चार छात्रों को हॉस्टल खाली करने का नोटिस देने का मामला तूल पकड़ने के बाद भाजपा नेता कपिल मिश्रा ने इस कार्रवाई का विरोध किया था। कॉलेज ने दो दिन बाद अपने नोटिस पर खेद जताया है। कपिल मिश्रा ने सोमवार (1 नवंबर 2021) को ट्वीट किया, “गुड न्यूज, बहादुर बिहारी छात्रों का निलंबन आदेश निरस्त कर दिया गया है। वे अब हॉस्टल में ही रहेंगे। भारत माता की जय।”
इसके बाद उन्होंने ट्विटर पर बाबा फरीद ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस का खेद जताने वाला नोटिस भी शेयर किया। इसमें लिखा है, ”यह पाया गया है कि छात्रों का कोई विवाद और उनसे जुड़ी कोई भी घटना नहीं हुई थी। जाँच समिति के निष्कर्षों को ध्यान में रखते हुए इंस्टीट्यूशंस ने इस संबंध में पूर्व में जारी आदेश बीएफजीआई/684 से 687/बीएच/2021, दिनांक 30.10.2021 को निरस्त कर दिया है। इसलिए अब इन छात्रों को छात्रावास में रहने की अनुमति है।”
— Kapil Mishra (@KapilMishra_IND) November 1, 2021
रिपोर्ट्स के मुताबिक, इन छात्रों का कसूर केवल इतना था कि उन्होंने उन कश्मीरी छात्रों का विरोध किया था जो ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ के नारे लगा रहे थे। इसको लेकर कपिल मिश्रा ने छात्रों को भरोसा दिलाया था कि वह उनके साथ अन्याय नहीं होने देंगे, उन्हें इंसाफ दिलाकर रहेंगे। मिश्रा ने कहा था कि पंजाब सरकार व कालेज मैनेजमेंट ने पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाने वालों पर कार्रवाई करने की बजाए, देश विरोधी गतिविधियों का विरोध करने वालों पर ही कार्रवाई कर दी।
गौरतलब है कि इस मामले को लेकर ऑपइंडिया ने छात्रावास के वार्डन लखबीर सिंह से भी संपर्क किया था, जिन्होंने नोटिस पर हस्ताक्षर किए थे। जब उनसे पूछा गया कि नोटिस क्यों जारी किया गया है, तो सिंह ने इस मामले पर बात करने से इनकार कर दिया था। उन्होंने कहा था, ”हम इस बारे में बात नहीं कर सकते। मुझे उनका नंबर दीजिए जिसने आपको नोटिस दिया है।” हमने वार्डन को बताया कि यह नोटिस ट्विटर पर वायरल हो रहा है और यदि वह चाहें तो हम उन्हें नोटिस की एक कॉपी भेज सकते हैं। इस पर उन्होंने कहा, “नहीं, मुझे कॉपी की जरूरत नहीं है।” वार्डन ने इस तरह के किसी भी नोटिस के बारे में जानकारी से देने से इनकार किया और कहा, ”ऐसा कोई नोटिस जारी नहीं किया गया है। मैं इसके बारे में बात नहीं करना चाहता।”