दुर्गापूजा को लेकर अपना विवादित दिशा-निर्देश वृहत बेंगलुरु महानगर पालिका (BBMP) ने वापस ले लिया है। भेदभावपूर्ण और अतार्किक बताते हुए इन निर्देशों का लोग विरोध कर रहे थे। बीजेपी सांसद तेजस्वी सूर्या ने भी बुधवार (6 अक्टूबर 2021) को इसको लेकर नाराजगी दिखाई थी।
दरअसल, कोरोना संक्रमण के प्रसार को रोकने का हवाला देते हुए BBMP ने कहा था दुर्गा प्रतिमा की ऊँचाई 4 फीट से अधिक नहीं होनी चाहिए। साथ ही त्योहार के दौरान ड्रम के उपयोग पर भी प्रतिबंध लगा दिया था।
Karnataka | Idol size shall not exceed more than 4 feet; 1 idol should be installed per ward with permission of respective Jt Commissioner of zone. Asscn shall not allow more than 50 people at a time during prayers: Bruhath Bengaluru Mahanagara Pallike guidelines for Durga Puja pic.twitter.com/Yt8xFjb2yc
— ANI (@ANI) October 6, 2021
BBMP ने दिशा-निर्देशों में मूर्ति स्थापित करने से पहले उसे सैनिटाइज करने को कहा गया था, जिसका भक्तों ने कड़ा विरोध किया। विरोध पर संज्ञान लेते हुए बीजेपी सांसद तेजस्वी सूर्या ने कड़ी आपत्ति जताते हुए BBMP के मुख्य आयुक्त को दुर्गा पूजा नियमों पर फिर से विचार करने के लिए एक पत्र लिखा था।
I spoke to @BBMPCOMM & asked him to revisit Durga Pooja rules which are discriminatory, arbitrary & illogical.
— Tejasvi Surya (@Tejasvi_Surya) October 6, 2021
He assured me that these rules will be reviewed forthwith & sentiments of devotees will be given utmost importance.
Let’s celebrate with all fervour!#ShubhoMahalaya https://t.co/cLkqI9yxz1 pic.twitter.com/9Ypxy1w2aR
बीजेपी सांसद ने इसको लेकर ट्वीट किया, “मैंने BBMP के मुख्य आयुक्त से बात की और उनसे दुर्गा पूजा को लेकर जारी भेदभावपूर्ण, मनमाने और अतार्किक दिशा-निर्देशों पर फिर से विचार करने को कहा। उन्होंने मुझे आश्वासन दिया कि इनकी तत्काल समीक्षा की जाएगी और भक्तों की भावनाओं को ख्याल रखा जाएगा।”
सूर्या ने अपने पत्र में नौकरशाही में व्याप्त औपनिवेशिक सोच और हिंदू त्योहारों को लेकर पूर्वाग्रह का भी जिक्र किया है। उन्होंने लिखा, “मूर्ति के आकार के संबंध में लगाए गए प्रतिबंध बिना किसी तार्किक प्रासंगिकता के लिए गए प्रतीत होते हैं। यह किसी भी व्यक्ति की समझ से परे है कि मूर्ति का आकार कोविड-19 वायरस के प्रसार से कैसे संबंधित है।”
उन्होंने आगे लिखा, “यह बेहद खेदजनक है कि प्रशासन केवल हिंदू समुदाय के उत्सव के दौरान इस तरह के कठोर और मनमाने नियम लागू करता है और अन्य मजहबों के उत्सवों के दौरान आंखें मूँद लेता है।” सूर्या ने एक अन्य ट्वीट में कहा, “नौकरशाही में यह सोचने की एक सामान्य प्रवृत्ति है कि हिंदू त्योहारों पर किसी भी तरह के प्रतिबंध लगाना ठीक है। यह एक औपनिवेशिक सोच है। 2014 के बाद जागृत हिंदू ऐसे प्रयासों का विरोध करते हैं।”
There is a general tendency in sections of the bureaucracy to think that it’s OK to put any and every kind of restrictions on Hindu festivals. This is a colonial relic.
— Tejasvi Surya (@Tejasvi_Surya) October 6, 2021
Post 2014, the awakened Hindu resists such attempts. This colonialism must end too. https://t.co/BU5YMSbdxH
विरोध और भाजपा सांसद के पत्र के बाद BBMP आयुक्त गौरव गुप्ता ने आदेश को तत्काल प्रभाव से वापस ले लिया है। गुप्ता ने गुरुवार को बेंगलुरु में विभिन्न दुर्गा पूजा समितियों के साथ बैठक के बाद यह निर्णय लिया। उन्होंने बताया, “सार्वजनिक स्थानों पर दुर्गा मूर्ति की 4 फीट ऊँचाई का प्रतिबंध हटा दिया गया है। अब से ‘पुष्पांजलि’ और ‘संधि’ पूजा व ढोल जैसे पारंपरिक वाद्ययंत्रों को भी प्रार्थना अनुष्ठानों के लिए इस्तेमाल करने की अनुमति दी गई है।”