Saturday, April 20, 2024

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त्यौहार

होली से पहले अलीगढ़ में 4 मस्जिद काले रंग की तिरपाल से ढँके गए, रंग पड़ने से होने वाले विवाद से बचने के लिए...

मस्जिद समिति के सदस्य अकील पहलवान ने कहा कि वे पिछले 4-5 वर्षों से होली के दौरान मस्जिदों को ढक रहे हैं, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि उन पर रंग न लगे।

भगवान सूर्य, ऊषा और प्रत्यूषा को समर्पित चार दिन: क्यों होता है छठ, कैसे होती है पूजा, क्या हैं इसके मायने; जानिए सब विस्तार...

लोक आस्था का महापर्व छठ के नामकरण के पीछे इसका अमावस्या के छठे दिन या षष्ठी को होना है। इस बार 17 नवंबर से शुरू होकर 20 को इसका समापन होगा।

होली मतलब न कोई जाति और न ही कोई वर्ग या क्षेत्रीय विभाजन: CM योगी आदित्यनाथ ने गोरखनाथ मंदिर में ऐसे मनाई होली

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोरखनाथ मंदिर में आयोजित होली समारोह में भाग लिया। इस दौरान उन्होंने कहा कि...

‘मुस्लिम है या हिन्दू हो गया’: सोहा अली की रक्षाबंधन वाली तस्वीर से भड़के कट्टरपंथी, कहा- मोहर्रम पर एक भी पोस्ट नहीं

सोहा अली खान ने रक्षाबंधन की कई तस्वीरें शेयर की। कुछ कट्टरपंथियों को यह रास नहीं आया और उन्होंने जमकर गालियाँ दी।

#Boycott_MalabarGold: अक्षय तृतीया के विज्ञापन में बिना बिंदी के दिखीं करीना कपूर खान, लोगों ने किया ट्रोल, कहा- बिंदी नहीं, तो बिजनेस नहीं

अक्षय तृतीया के मौके पर जारी हुए विज्ञापन में करीना कपूर खान के माथे से बिंदी गायब है। यह देख सोशल मीडिया पर यूजर्स का गुस्सा फूट पड़ा

फगुआ, दोल जात्रा, होला मोहल्ला, भगोरिया… हर राज्य में उल्लास का अलग है रंग: भारत की विविधता, संस्कृति, लोक कला, साहित्य को समेटती होली

होली का वर्णन जैमिनी के पूर्व मीमांसा-सूत्र और कथा गार्ह्य-सूत्र, नारद पुराण और भविष्य पुराण जैसे कई पुराणों में इस पर्व का उल्लेख मिलता है।

होली पर महादेव की काशी से कृष्ण की नगरी तक छाया है उल्लास: होलिका, होलाका, धुलेंडी, धुरड्डी, धुरखेल, धूलिवंदन… हर नाम में छिपा है...

कृष्ण की नगरी मथुरा, वृन्दावन और राधा के बरसाने में होली कई दिन पहले से ही खेली जाती है। तो वहीं बनारस में भी होली रंगभरी एकादशी से बुढ़वा मंगल तक मनाई जाती है।

रंगभरी एकादशी: कश्मीरी पंडितों की रजत पालकी पर विराजमान महादेव कराएँगे माँ गौरा का गौना, 358 वर्षों से जीवंत है काशी की यह परम्परा,...

काशी में रंगभरी एकादशी 358 वर्षों से अपने भव्यतम स्वरूप में निरंतर निभाई जा रही है। इसके पहले कहा जाता है कि मुग़लों के शासन में लम्बे समय तक यह परंपरा बाधित रही।

आध्यात्मिक जागरण का सनातन स्वर है महाशिवरात्रि: शून्यता के उस शिखर को छू लेने की परमरात्रि जहाँ से उद्घाटित होता है शिव तत्व

महाशिवरात्रि जीव को आत्मबोध तक पहुँचाने की रात्रि है। योग परम्परा के अनुसार बात की जाए तो ख़ुद को अस्तित्व से एकाकार करने की रात।

ऋतुराज बसंत: ज्ञान, संगीत, कला की उपासना से लेकर काम और मोक्ष का जीवंत उत्सव भी, जानिए पौराणिक-सांस्कृतिक महत्व

बसंत, बसंत पंचमी, मदनोत्सव, सरस्वती पूजा, होली की प्रारम्भिक शुरुआत, श्मशान में मौत के तांडव पर भारी जीवन का उत्सव – ऋतुराज बसंत यह सब कुछ है।

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