कर्नाटक (Karnataka) में बुर्के पर जारी विवाद (Hijab Controversy) के बीच मुख्यमंत्री बासवराज बोम्मई (Basavaraj Bommai) ने कल (सोमवार, 14 फरवरी 2022) से 10वीं तक के स्कूलों को खोलने का आदेश दिया है। अन्य शिक्षण संस्थानों, कॉलेजों और विश्वविद्यालयों को खोलने पर फैसला हालातों की समीक्षा के बाद लिया जाएगा। बुर्के पर विवाद को देखते हुए प्रदेश में सभी उच्च शिक्षण संस्थानों को 16 फरवरी 2022 तक के लिए बंद किया गया है।
रिपोर्ट के मुताबिक, मुख्यमंत्री बोम्मई ने रविवार (13 फरवरी 2022) को कहा, “कक्षा 10 तक के हाई स्कूल कल से खुलेंगे। शांति और सौहर्दपूर्ण वातावरण बनाए रखने के लिए पहले से ही सभी जिलों के उपायुक्त और पुलिस अधीक्षकों को महत्वपूर्ण स्कूलों में माता-पिता और शिक्षकों को शामिल करते हुए बैठकें करने के लिए निर्देश दिया गया है। मुझे विश्वास है कि स्कूल शांतिपूर्वक तरीके से चलेंगे।” उन्होंने कहा, “मेरा पहला कर्तव्य है कि स्कूल और कॉलेज सामान्य कामकाज पर लौट आएँ। छात्रों को शांतिपूर्ण और सौहार्दपूर्ण माहौल में अध्ययन करते हुए मार्च-अप्रैल तक होने वाली परीक्षाओं की तैयारी करनी चाहिए।”
वहीं विवाद में विदेशी ताकतों के शामिल होने की खबरों के बारे में सीएम ने कहा कि उनके जाँच अधिकारियों ने सोशल मीडिया पर इस तरह की खबरों पर संज्ञान लिया है औऱ इसकी जाँच कर रहे हैं। उच्च शिक्षण संस्थानों को फिर से खोलने को लेकर सीएम बोम्मई ने कहा है कि इस मामले को लेकर उन्होंने शिक्षा मंत्री जाँच करने के बाद एक विस्तृत रिपोर्ट पेश करने के लिए कहा है। रिपोर्ट मिलने के बाद उसके आधार पर कार्रवाई की जाएगी।
विवाद को देखते हुए 14 फरवरी 2022 सुबह 6 बजे से 19 फरवरी 2022 तक के उडुपी जिले में धारा 144 लगी रहेगी। गौरतलब है कि कर्नाटक हाई कोर्ट की फुल बेंच ने भी अगले आदेश तक राज्य के स्कूल-कॉलेजों के क्लास में भगवा स्कार्फ, हिजाब या धार्मिक झंडे जैसी अन्य चीजों पर रोक को बरकरार रखा था।
Karnataka | Amid hijab row protests, Section 144 CrPc imposed in Udupi district from 6am of February 14 till 6pm of February 19
— ANI (@ANI) February 13, 2022
NIA जाँच की माँग
उडुपी से शुरू हुए हिजाब विवाद में विदेशी साजिश की बात करते हुए भाजपा के विधायक रघुपति भट ने राष्ट्रीय जाँच एजेंसी (NIA) से इसकी जाँच की माँग की है। भट ने कहा है कि पाकिस्तान के अलावा बाकी के मुस्लिम देशों को कोई समस्या नहीं है। उन्होंने कहा कि उडुपी में हिजाब पर प्रतिबंध नहीं लगाया जा सकता है। यह उनका मजहबी अधिकार है, लेकिन स्कूलों में यूनिफॉर्म का पालन होना चाहिए।
Karnataka | I’ve demanded NIA probe as it’s an international conspiracy. No Muslim country is against us except Pak. Hijab can’t be banned in Udupi. It’s their religious right but in schools, the uniform should be followed: BJP MLA from Udupi, Raghupathi Bhat pic.twitter.com/bOLlkOzVDk
— ANI (@ANI) February 13, 2022
भाजपा विधायक भट उडुपी कॉलेज विकास समिति के अध्यक्ष भी हैं। उन्होंने दावा किया है कि पिछले साल अक्टूबर-नवंबर के महीने में ट्विटर पर एक अकाउंट बनाकर कैम्पस फ्रंट ऑफ इंडिया (CFI) ने उकसाने वाले पोस्ट किए थे। वहीं, स्कूल डेवलपमेंट मैनेजमेंट कमेटी उडुपी के वाइस प्रेसिडेंट यशपाल सुवर्णा ने भी दावा किया है कि CFI के उकसाने के बाद यह पूरा बखेड़ा शुरू हुआ है। उनका दावा है कि विवाद शुरू करने वाली छात्राओं को CFI ने किसी प्राइवेट जगह पर ट्रेनिंग दी। इसी ट्रेनिंग के बाद कथित तौर पर छात्राओं ने नियमों के उल्लंघन और अध्यापकों के साथ बदतमीजी शुरू कर दी।
नोट: भले ही इस विरोध प्रदर्शन को ‘हिजाब’ के नाम पर किया जा रहा हो, लेकिन मुस्लिम छात्राओं को बुर्का में शैक्षणिक संस्थानों में घुसते हुए और प्रदर्शन करते हुए देखा जा सकता है। इससे साफ़ है कि ये सिर्फ गले और सिर को ढँकने वाले हिजाब नहीं, बल्कि पूरे शरीर में पहने जाने वाले बुर्का को लेकर है। हिजाब सिर ढँकने के लिए होता है, जबकि बुर्का सर से लेकर पाँव तक। कई इस्लामी मुल्कों में शरिया के हिसाब से बुर्का अनिवार्य है। कर्नाटक में चल रहे प्रदर्शन को मीडिया/एक्टिविस्ट्स भले इसे हिजाब से जोड़ें, लेकिन ये बुर्का के लिए हो रहा है।