कर्नाटक (Karnataka) बुर्का मामले (Hijab Controversy) को लेकर जारी विवाद के बीच राज्य सरकार के अल्पसंख्यक कल्याण विभाग ने गुरुवार (17 फरवरी 2022) को एक आदेश जारी कर सभी सरकार द्वारा संचालित अल्पसंख्यक संस्थानों में छात्र-छात्राओं के हिजाब, स्कार्फ या भगवा शॉल पहनने पर रोक लगा दिया है।
ANI की रिपोर्ट के मुताबिक, कर्नाटक अल्पसंख्यक कल्याण विभाग, हज और वक्फ विभाग के सचिव मेजर मणिवन्नन पी की ओर से एक पत्र जारी किया गया है। जिसमें कहा गया है कि कर्नाटक हाई कोर्ट ने अपने अंतरिम आदेश में सभी छात्रों को, उनके धर्म या विश्वास की परवाह किए बिना क्लास के अंदर भगवा शॉल, स्कार्फ, हिजाब या फिर धार्मिक झंडे के इस्तेमाल पर रोक लगा दिया है।
Karnataka Minority Welfare Department restrains students of schools under the Dept from wearing saffron shawls, scarfs, hijab, religious flags or similar inside classrooms until further orders pic.twitter.com/xPjfR74Np6
— ANI (@ANI) February 17, 2022
विभाग द्वारा जारी किए गए निर्देश में स्पष्ट कहा गया है, “हाई कोर्ट का हिजाब को लेकर दिया गया फैसला अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के आवासीय स्कूलों, कॉलेजों और मौलाना आज़ाद मॉडल इंग्लिश मीडियम के संस्थानों पर भी लागू होता है। स्कूलों और कॉलेजों के साथ-साथ मौलाना आज़ाद मॉडल इंग्लिश मीडियम स्कूलों में भगवा शॉल, स्कार्फ, हिजाब, या किसी दूसरे धार्मिक झंडे पर बैन है, क्योंकि ये अल्पसंख्यक कल्याण विभाग का हिस्सा हैं।”
आदेश में ये भी कहा गया है कि इस दिशा निर्देश का पालन उन सभी संस्थानों को करना है, जहाँ पर पहले से ड्रेस कोड लागू है। अल्पसंख्यक विभाग की ओर से यह निर्देश राज्य के उच्च शिक्षा मंत्री सीएन अश्वथनारायण द्वारा जारी किए गए उस बयान के बाद आया हैं, जिसमें एक दिन पहले उन्होंने कहा था कि कर्नाटक हाई कोर्ट का अंतरिम फैसला डिग्री कॉलेज के छात्रों पर लागू नहीं होता। बावजूद इसके मुस्लिम स्टूडेंट लगातार हिजाब पहनकर स्कूल आ रहे हैं।
गौरतलब है कि है कि हिजाब विवाद पर कर्नाटक हाई कोर्ट ने अपने अंतरिम फैसले में हिजाब विवाद पर फाइनल फैसला आने तक सभी शिक्षण संस्थानों में छात्रों को कॉलेज में भगवा शॉल, स्कार्फ या फिर हिजाब पहनने पर रोक लगा दिया था।
कब से चल रहा है यह मामला
पीयू कॉलेज का यह मामला सबसे पहले 2 जनवरी 2022 को सामने आया था, जब 6 मुस्लिम छात्राएँ क्लासरूम के भीतर हिजाब पहनने पर अड़ गई थीं। कॉलेज के प्रिंसिपल रूद्र गौड़ा ने कहा था कि छात्राएँ कॉलेज परिसर में हिजाब पहन सकती हैं, लेकिन क्लासरूम में इसकी इजाजत नहीं है। प्रिंसिपल के मुताबिक, कक्षा में एकरूपता बनाए रखने के लिए ऐसा किया गया है।