हिजाब विवाद को लेकर हिंदू छात्रों को आतंकी बताने वाली विवादित और कथित पत्रकार राणा अयूब मुश्किलों में फँस गई हैं। उनके खिलाफ कर्नाटक की हुबली-धारवाड़ पुलिस ने उडुपी कॉलेज में भगवा झंडा लहराने वाले छात्रों को आतंकवादी बताने के मामले में एफआईआर दर्ज की है। इससे पहले राणा अयूब पर केटो फंडरेजिंग कैम्पेन के जरिए 1.77 करोड़ रुपए जुटाकर उसमें गड़बड़ी करने के आरोप में प्रवर्तन निदेशालय ने उनके अकाउंट को फ्रीज कर दिया था।
कर्नाटक में हिजाब को लेकर जारी विवाद के बीच 13 फरवरी 2022 को राणा अयूब ने बीबीसी को दिए इंटरव्यू में उडुपी के कॉलेज के छात्रों को आतंकी करार दिया था। इसके बाद 21 फरवरी 2022 को हिंदू संगठन ‘हिंदू आईटी सेल’ ने राणा अयूब के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी।
बीबीसी के साथ बातचीत में राणा अयूब ने शिक्षण संस्थानों में बुर्के का विरोध करने वाले हिंदू छात्रों को आतंकी करार दिया। अपने टिपिकल आक्रामक लहजे में डींगें हाँकते हुए कथित पत्रकार ने कहा, “… अचानक से ये निगरानी रखने वाले युवा हिंदुओं का समूह क्यों है- उस मामले के लिए हिंदू आतंकवादी जो कर्नाटक में शैक्षिक परिसर में भगवा झंडे लहरा रहे हैं?”
इंटरव्यू के दौरान राणा ने सवाल किया, “एक शिक्षण संस्थान में पुरुष छात्र भगवा ध्वज क्यों लहरा हैं? इसका क्या अर्थ है?”
According to @RanaAyyub Saffron Clad male students are ‘Hindu Terrorists’. This clearly is her Hate for Hindus. #ArrestRanaAyyub pic.twitter.com/z2LmoY8CpX
— Ramnik Singh Mann 🇮🇳 (@ramnikmann) February 18, 2022
हिंदुओं के प्रति नफरत फैलाने वाला राणा अयूब का यह वीडियों तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हुआ। इसके बाद राणा अयूब के खिलाफ एक्शन लेते हुए हिंदू आईटी सेल ने शिकायत दर्ज कराई। हिंदू आईटी सेल ने पुलिस से एंटी इंडिया एलीमेंट राणा अयूब के खिलाफ इंडियन पीनल कोड की धारा 124A (देशद्रोह), 153A (शत्रुता और विभाजन पैदा करना), 295A, 298 (धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुँचाने का जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण प्रयास) और 504 ( हिंदू समुदाय का जानबूझकर अपमान) समेत कई अन्य धाराओं के तहत केस दर्ज करने का अनुरोध किया था।
अयूब के खिलाफ केस दर्ज कराने के कुछ दिन पहले हिंदू आईटी सेल ने पुलिस पर शिकायत दर्ज करने से इनकार करने का भी आरोप लगाया था।
अपनी बात को साबित करने के लिए हिंदू आईटी सेल ने एक ट्वीट में पुलिस अधिकारियों के खिलाफ अपनी शिकायत को शेयर किया था। इसमें आरोप लगाया था कि पुलिस वालों ने उनकी शिकायत दर्ज करने से पहले 36 घंटे तक इंतजार कराया था। हिंदू संगठन का आरोप था कि पुलिस ने तो राणा अयूब के खिलाफ केस दर्ज करने से भी मना कर दिया था।
ATTN @DgpKarnataka @BJP4Karnataka @JnanendraAraga our volunteer @3dashwath made to wait 36 hours just to get recieving for a serious criminal complaint against Rana Ayyub. Police refusing to even take FIR. Is this the power of your voters and common man? pic.twitter.com/X3Ek8W7AIF
— Hindu IT Cell (@HinduITCell) February 22, 2022
विवाद बढ़ने के बाद अपनी सफाई में पुलिस के एसआई ने कहा कि उन्हें केस दर्ज करने से पहले उच्चाधिकारियों ने इसे वेरिफाई करने के लिए कहा था।
गौरतलब है कि इससे इस्लामिक प्रोपेगेंडा को बढ़ावा देने वाली अयूब के खिलाफ हिजाब मामले में मुबई के बांद्रा में केस दर्ज किया गया था। अयूब के खिलाफ यह केस बॉम्बे हाई कोर्ट के वकील आशुतोष जे दुबे ने दर्ज कराया था।
विदेशी प्लेटफॉर्म पर झूठ फैलाने वाली राणा अयूब अपने ही देश में वित्तीय धोखाधड़ी करने के कारण भी चर्चा में थीं। हाल में 1.77 करोड़ रुपए की संपत्ति ईडी द्वारा जब्त की गई। कथिततौर पर ये सारा पैसा उन्होंने केटो पर फंड इकट्ठा करने का नाम पर एकत्रित किया था। मगर, सारे पैसे का इस्तेमाल किए बिना उन पैसों को अयूब ने अपने अकॉउंट में रखे रखा। जब विवाद बढ़ा तो अयूब ने खुद को बेगुनाह बताया।