उत्तर प्रदेश के कासगंज जिले में रविवार (3 सितंबर, 2024) को मोहिनी तोमर नाम की महिला वकील की हत्या कर दी गई थी। उनका शव एक नहर से बरामद हुआ था। महिला वकील के पति ने पुलिस में FIR दर्ज करके मुस्तफा कामिल, असद मुस्तफा, हैदर मुस्तफा, सलमान, मुनाजिर रफी के साथ केशव मिश्रा को नामजद किया था। अब इस मामले में पुलिस ने रविवार (15 दिसंबर 2024) को हत्या की सुपारी लेने वाले 2 आरोपितों को गिरफ्तार किया है। इन्हें वकील मुस्तफा कामिल और उसके बेटों ने 30 लाख रुपयों की सुपारी दी थी।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अधिवक्ता मोहिनी तोमर हत्याकांड में रविवार को कासगंज पुलिस ने सुनील फौजी और रजत सोलंकी नाम के 2 आरोपितों को गिरफ्तार किया है। पुलिस को ये दोनों सुबह 9 बजे उसी हजारा नहर के पास मिले जिसमें से मोहिनी का शव मिला था। दोनों पर प्रशासन ने 1-1 लाख रुपए का इनाम घोषित कर रखा था। तलाशी और पूछताछ के बाद इन दोनों के पास से हत्या में प्रयोग की गई कार, देसी पिस्टल, तमंचा, मृतका का मोबाइल फोन और मोहिनी के नाम की मोहर आदि बरामद हुई हैं।
पुलिस की पूछताछ में सुनील और रजत ने मोहिनी हत्याकांड में अपनी मिलीभगत की बात स्वीकार की। इन दोनों ने बताया कि 3 सितंबर 2024 को वो एक साथ कार से सुनील फौजी के साथ कासगंज कोर्ट गए थे। सुनील फौजी ने एक शादी कराने का बहाना लेकर मोहिनी को अपनी कार में बिठा लिया। बाद में इन सभी ने मोहिनी को गला दबा कर उन्हें मार डाला और लाश को नहर में फेंक दिया। इस साजिश में शामिल रहीं रेनू के साथ बॉबी को पुलिस पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है।
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— KASGANJ POLICE (@kasganjpolice) December 16, 2024
कासगंज के एडिशनल एसपी राजेश भारती ने मीडिया को बताया कि पूछताछ में सुनील फौजी ने कबूला है कि उसे वकील मुस्तफा कामिल, उसके बेटे हैदर मुस्तफा, असद मुस्तफा और मुस्तफा सलमान के साथ मुनाजिर रफी और केशव मिश्रा की तरफ से 30 लाख रुपए की सुपारी मिली थी। सुनील फौजी ने इस साजिश को अंजाम देने के लिए अपने साथ रजत सहित बॉबी और रेनू को भी शामिल कर लिया था। इन्हीं दोनों की कोर्ट मैरिज करने का झाँसा दे कर मोहिनी को अदालत से बाहर बुलवाया गया था।
बताते चलें कि मोहिनी तोमर को वकील मुस्तफा कामिल के बेटों की जमानत अर्जी का विरोध करने पर गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी मिली थी। तब मृतका ने अपने पति से भविष्य में खुद के साथ किसी अनहोनी की आशंका भी जताई थी। वकील कामिल के बेटों हैदर और सलमान ने 30 जुलाई 2024 को कासगंज की कचेहरी में शिवशंकर नाम के एक युवक को बेरहमी से पीट कर उसकी शिखा उखाड़ ली थी।
कामिल मुस्तफा के रुतबे की वजह से इस केस में शिवशंकर को कोई वकील नहीं मिल रहा था। तब मोहिनी तोमर ने शिवशंकर का केस लड़ने का ऐलान किया था। मोहिनी की वकालत के चलते कामिल मुस्तफा के बेटों को जमानत मिलने में देरी हुई। इसी बात से कामिल मुस्तफा नाराज था। आखिरकार उसने सुपारी दे कर मोहिनी की हत्या करवा दी। फिलहाल पुलिस इस केस में आगे की जरूरी कानूनी कार्रवाई कर रही है।