भाजपा से निलंबित नूपुर शर्मा (Nupur Sharma) के पैगंबर मुहम्मद (Prophet Muhammad) को लेकर दिए गए बयान के विरोध में शुक्रवार (10 जून 2022) को इस्लामिक कट्टरपंथियों द्वारा की गई हिंसा के खिलाफ शनिवार (11 जून 2022) को वाराणसी में काशी धर्म परिषद (Kashi religious Council) की बैठक हुई। इस दौरान जुमे की हिंसा के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पारित किया गया। संतों ने माँग की कि जिस भी मस्जिद से पत्थर चले थे, उसे पूरी तरह से सील किया जाए।
संतों की बैठक सुदामा कुटी हरतीरथ में पातालपुरी मठ के महंत बालक दास की अध्यक्षता में हुई। संतों ने इस्लामिक कट्टरपंथियों की हिंसा के खिलाफ 16 प्रस्तावों को पास किया। संतों ने एक सुर में कहा कि भारत में किसी भी तरह से तालिबानी मानसिकता को फैलने नहीं दिया जाएगा। धर्म परिषद में नूपुर शर्मा को रेप और हत्या की धमकी देने वालों को भी जेल भेजने की माँग की गई।
ऑपइंडिया से बात करते हुए महंत बालक दास ने कहा, “काशी में इस तरह की कोई घटना न घटे, इसको लेकर शांति की अपील की गई है। लेकिन, ये सोचने का विषय है कि आखिर जुमे की नमाज में ऐसा क्या पढ़ाया जा रहा है कि वहाँ से निकलते ही लोग उतने उग्र हो जा रहे हैं। 15-16 साल के उन्मादी लड़के पत्थरबाजी कर रहे हैं।”
उन्होंने इसके पीछे के उद्देश्यों पर आशंका जताते हुए कहा, “विरोध के नाम पर हिंसा कोई एक शहर नहीं, ऐसा कई शहरों में हो रहा है। कहीं ऐसा तो नहीं कि नूपुर शर्मा के बहाने ये लोग देश में अशांति फैलाने के लिए कुछ और तैयारी कर रहे हों?”
महंत ने आगे कहा, “नूपुर शर्मा ने तो माफी माँग लिया, लेकिन ये लगातार हमारे भगवान को अपमानजनक शब्द कह रहे हैं। नूपुर शर्मा ने वही बोला है, जो जाकिर नाइक ने बोला था। बैठक में हम लोगों ने ये निर्णय लिया है कि अगर दोबारा ऐसा कुछ होता है तो संत समाज कानूनी कार्रवाई करेगा। हम लोग पत्थर तो चला नहीं सकते, हम लोग तो प्रसाद बाँटने वाले लोग हैं। लेकिन, अगर मजबूर किया गया तो हमको सड़क पर उतरना ही पड़ेगा।”
पारित किए गए प्रस्ताव
बैठक में कट्टरपंथी नमाजियों की संपत्ति जब्त करने, उकसाने वाले संस्थानों पर प्रतिबंध लगाने, पथराव करने या कराने वाली मस्जिदों को सील करने, ज्ञानवापी से जुड़े मुस्लिम अफसर बाबा को सुरक्षा देने, नूपुर शर्मा को धमकी देने वालों पर NSA लगाने, फिल्मों में हिन्दू देवी-देवताओं का मजाक बनाने वालों को जेल भेजने, नफरत फैलाने वाले मौलानाओं को गिरफ्तार करने, हर मस्जिद में सीसीटीवी कैमरा लगाने की माँग की गई।
इसके अलावा, इस्लामिक देशों के साथ भारत के व्यापारिक संबंधों को तोड़ने, शहर स्तर पर संत समाज की इकाई गठित करने और इस्लामिक कट्टरपंथियों द्वारा राँची में हनुमान मंदिर में की गई तोड़फोड़ को लेकर निंदा प्रस्तावों को पारित किया गया।