Friday, November 15, 2024
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जम्मू-कश्मीर के शोपियाँ में आतंकियों ने फिर कश्मीरी हिन्दुओं को बनाया निशाना, सुनील कुमार भट्ट की मौत, उनके भाई गंभीर रूप से घायल

कश्मीर में हिंदुओं को एक बार फिर निशाना बनाया जा रहा है। इसके कारण घाटी में बसे हिंदुओं में डर का माहौल है। वे यहाँ से पलायन करने को मजबूर हो रहे हैं।

जब देश आजादी के 75वें साल के जश्न में डूबा हुआ है, ऐसे में जम्मू-कश्मीर से टारगेट किलिंग की एक बुरी खबर आई है। घाटी में एक बार फिर से आतंकियों ने कश्मीरी हिन्दुओं को निशाना बनाया है। जम्मू कश्मीर के शोपियाँ के चोटीपोरा इलाके में आतंकियों ने आम नागरिकों पर गोलियाँ चलाईं। इस गोलीबारी में एक कश्मीरी हिन्दू सुनील कुमार भट्ट की मौत हो गई है। जबकि उनके भाई पिंटू कुमार भट्ट को गंभीर चोटें आई हैं।

कश्मीर जोन पुलिस ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से घटना की जानकारी दी है। पुलिस के अनुसार शोपियाँ के चोटीपोरा में आतंकियों ने मंगलवार, 16 अगस्त 2022 को सेब के एक बागान से आम नागरिकों पर गोलियाँ चलाई। इस दौरान एक अल्पसंख्यक कश्मीरी हिन्दू सुनील कुमार भट्ट की मौत हो गई। जबकि जबकि उनके भाई गंभीर रूप से घायल हो गए हैं। घायल को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

घटना के बाद से पुलिस और सुरक्षाबल अलर्ट मोड पर हैं। पूरे इलाके की घेराबंदी कर दी गई है। वहीं इस मामले में विस्तृत रिपोर्ट जल्द आने की बात कही जा रही है।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इससे पहले सोमवार 15 अगस्त के दिन ही आतंकियों ने आम नागरिकों पर ग्रेनेड से हमला किया था। इसमें हिन्दू समुदाय के दो लोग घायल हो गए थे। पुलिस ने जानकारी दी थी कि आतंकियों ने एक घंटे के अंदर दो ग्रेनेड हमले किए थे। पहला बडगाम जिले के चदूरा में अल्पसंख्यक कश्मीरी हिन्दुओं की बस्ती में किया गया था। वहीं दूसरा हमला श्रीनगर के पुलिस कंट्रोल रूम में किया गया था।

इससे पहले शुक्रवार को बांदीपोरा जिले में आतंकियों ने बिहार के मजदूर अमरेज की हत्या कर दी थी। घाटी में आतंकवादी लगातार टारगेट किलिंग की घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं। इससे पहले कई कश्मीरी हिन्दुओं को आतंकी मौत के घाट उतार चुके हैं।

गौरतलब है कि कश्मीर में हिंदुओं को एक बार फिर निशाना बनाया जा रहा है। इसके कारण घाटी में बसे हिंदुओं में डर का माहौल है। वे यहाँ से पलायन करने को मजबूर हो रहे हैं। धरती का स्वर्ग कहे जाने वाले कश्मीर में टारगेट किलिंग ने 90 के दशक की याद दिला दी है। यहाँ हिंदुओं को फिर से चुनचुन कर मौत के घाट उतारा जा रहा है। जो पिछले कई महीनों से जारी है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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