केरल में बलात्कार के आरोपित बिशप फ्रैंको मुलक्कल के खिलाफ प्रदर्शन में भाग लेने वाली नन लूसी कलपूरा को
कैथोलिक क्रिश्चन सोसायटी फ्रांसिस्कन क्लेरिस्ट कॉन्ग्रिगेशन (FCC) ने कारण बताओ नोटिस जारी किया है। उनसे पुलिस से की गई शिकायत वापस लेने और माफ़ी माँगने को कहा गया है।
Kerala: Franciscan Clarist Congregation (FCC) issues showcause notice to expelled nun Sister Lucy Kalappura. FCC has demanded she withdraw her police complaint against local superior(Kalappura alleged superior locked her up in a room in the convent) and issue apology. 1/2
— ANI (@ANI) August 24, 2019
मामला सिस्टर लूसी को कॉन्वेंट में बंधक बनाने और प्रार्थना से रोके जाने से जुड़ा है। इस हफ्ते की शुरुआत में उन्होंने पुलिस से इस मामले में शिकायत की थी। उन्होंने कहा था कि सोमवार (अगस्त 19, 2019) की सुबह जब प्रार्थना के लिए तैयार हुई तो कॉन्वेंट से निकल नहीं पाई, क्योंकि उन्हें बाहर से बंद कर दिया गया था। सूचना मिलने के बाद पुलिस ने मौके पर पहुँच उन्हें बाहर निकाला था।
लूसी की शिकायत पर पुलिस ने आईपीसी की धारा 342 के तहत केस दर्ज किया। अब एफसीसी लूसी कलपूरा पर केस वापस लेने और माफी माँगने का दवाब बना रहा है।
गौरतलब है कि दुष्कर्म में आरोपित बिशप फ्रैंको मुलक्कल के खिलाफ पिछले साल सितंबर में हुए विरोध-प्रदर्शन में शामिल 5 ननों में से एक लूसी कलपूरा हैं। इसके कारण FCC ने उन्हें बर्खास्त कर 17 अगस्त तक कॉन्वेंट छोड़ने को कहा था। इसके खिलाफ उन्होंने वेटिकन में अपील कर रखी है। पिछले दिनों नन लूसी कलपूरा ने एक पादरी पर सोशल मीडिया पर फर्जी वीडियो फैलाकर खुद को अपमानित करने का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा था कि पुलिस से शिकायत के बाद उनकी छवि खराब करने के लिए चर्च फर्जी वीडियो फैला रहा है।