केरल में नन के साथ बलात्कार के आरोपित बिशप फ्रैंको मुलक्कल को पिछले साल मिली जमानत रद्द हो गई है। इससे साथ-साथ एक स्थानीय अदालत ने सोमवार (जुलाई 13, 2020) को उसके खिलाफ गैर-जमानती वारंट भी जारी किया है।
यह मामला पहले 1 जुलाई को सुनवाई के लिए निर्धारित किया गया था। हालाँकि, आरोपित ‘कोरोना वायरस कंटेनमेंट जोन में रहने’ का हवाला देते हुए अदालत में उपस्थित नहीं हुआ था।
Kerala: Kottayam Additional Dist Court cancels the bail granted to Franco Mulakkal, an accused in the nun rape case & has issued non-bailable arrest warrant against him. Order was passed by Judge G Gopakumar after Mulakkal repeatedly failed to appear before the court. (file pic) pic.twitter.com/6XrN3sWblN
— ANI (@ANI) July 13, 2020
सोमवार को, जब मामला फिर से उठाया गया, तो विशेष अभियोजक ने बताया कि जालंधर सिविल लाइन किसी भी कंटेनमेंट जोन का हिस्सा नहीं है। इसके बाद अदालत ने इस तर्क को स्वीकार करते हुए बिशप फ्रैंको मुल्क्कल की जमानत रद्द कर दी।
बता दें कि लॉकडाउन में छूट मिलने के बाद ट्रायल कोर्ट ने 10 जून को मामले को फिर से शुरू कर दिया था। उस समय अदालत ने बिशप की अनुपस्थिति पर गंभीर संदेह व्यक्त किया और उसे 1 जुलाई को पेश होने के लिए कहा था।
बिशप के वकील ने तब अदालत को सूचित किया था कि वह यात्रा करने में सक्षम नहीं है, क्योंकि जालंधर से कोई घरेलू उड़ान नहीं थी और उसे सरकारी गाइडलाइन्स के अनुसार 14 दिन के क्वरंटाइन से गुजरना होगा।
इससे पहले 7 जुलाई को केरल उच्च न्यायालय ने बलात्कार के आरोपित बिशप फ्रैंको मुलक्कल की याचिका को खारिज कर दिया था, जिसमें उसने नन द्वारा दायर यौन शोषण के मामले में बरी करने की अपील की थी।
न्यायमूर्ति वी शिरसी ने जालंधर क्षेत्र के बिशप को निर्देश दिया कि बलात्कार मामले में वह ट्रायल का सामना करे। केरल में उसी क्षेत्र की एक नन ने उसके खिलाफ बलात्कार का मामला दर्ज कराया था। अदालत ने बिशप की याचिका खारिज करते हुए अभियोजन के इस तर्क को स्वीकार किया कि बलात्कार मामले में मुलक्कल के खिलाफ प्रथम दृष्ट्या साक्ष्य मौजूद हैं।
इस वर्ष मार्च में निचली अदालत द्वारा बरी किए जाने की याचिका खारिज करने के बाद रोमन कैथोलिक गिरजाघर के वरिष्ठ पादरी ने समीक्षा याचिका दायर की। बिशप के खिलाफ कोट्टायम जिले में पुलिस ने बलात्कार का मामला दर्ज किया था।
गौरतलब है कि बिशप के खिलाफ कोट्टायम जिले में पुलिस ने रेप का मामला दर्ज किया था। हाई कोर्ट में दायर याचिका में पादरी ने कहा कि जब उन्होंने पीड़िता नन से वित्तीय लेन-देन को लेकर सवाल किया तो उसने उन्हें फँसा दिया।
उल्लेखनीय है कि इस मामले की प्रमुख गवाहों में से एक सिस्टर लिसी ने पिछले दिनों आरोप लगाया था कि उनके वरिष्ठ लोग लगातार उन पर फ्रैंको मुलक्कल के खिलाफ दिए गए बयान को बदलने के लिए दबाव डाल रहे हैं। वहीं आरोपित बिशप को नोटिस जारी करने के बाद केरल पुलिस के एक अधिकारी का तत्काल तबादला कर दिया गया था।