केरल में 41 वर्षीय महिला CPI-M कैडर ने पार्टी कार्यालय के अंदर फाँसी लगाकर आत्महत्या कर ली। मृत माकपा कार्यकर्ता का नाम आशा बताया जा रहा है। पुलिस ने मौके पर से आशा द्वारा लिखा गया सुसाइड नोट बरामद किया है। इसमें आशा ने दो सीपीआई (एम) सदस्यों पर मानसिक रूप से प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है। इसके साथ ही आशा ने सुसाइड नोट में पार्टी को उसकी शिकायत पर ध्यान नहीं देने के लिए दोषी ठहराया है।
आशा के परिवार वालों का कहना है कि वो आशा कार्यकर्ता के रूप में काम करने के साथ ही माकपा की सदस्य भी थीं। उसने कुछ दिन पहले भी पार्टी की एक समिति की बैठक में हिस्सा लिया था। हालाँकि, पार्टी ने आशा के सदस्य होने की बात से इनकार किया है। फिलहाल पुलिस यह पुष्टि नहीं कर पा रही है कि वह पार्टी की सदस्य थी या फिर सिर्फ समर्थक।
गुरुवार (सितंबर 10, 2020) को वह कभी वापस न आने की बात कहकर पार्टी ऑफिस के लिए निकली थी। इससे चिंतित परिजन जब आशा की खोज में पार्टी ऑफिस पहुँचे तो वहाँ उसे फाँसी के फंदे से लटकते पाया।
बरामद किए गए सुसाइड नोट में, आशा ने उल्लेख किया कि पार्टी के दो नेता – स्थानीय समिति के सदस्य कोट्टमन राजन और शाखा सचिव अनाथारविलाकम जॉय, उसे लंबे समय से उसे मानसिक रूप से परेशान कर रहा था, जिसके कारण वह डिप्रेशन का शिकार हो गई। सुसाइड नोट में यह भी कहा गया है कि उसने इस मामले को पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के सामने कई बार उठाया, मगर हर बार उसे अनसुना कर दिया गया।
आशा की मौत से खलबली मच गई। आशा के परिजनों ने शव लेने से इनकार कर दिया और कार्यालय के बाहर विरोध प्रदर्शन किया। बाद में, पुलिस ने उन्हें शांत करा दिया और शव को पोस्टमार्टम के लिए तिरुवंतपुरम मेडिकल कॉलेज भेज दिया।
कॉन्ग्रेस के वरिष्ठ नेता और विधानसभा में विपक्ष के नेता रमेश चेन्निथला ने कहा कि सीपीआई-एम पार्टी में महिलाएँ सुक्षित नहीं है। उन्होंने डीजीपी से निष्पक्ष जाँच के लिए कहा है। उन्होंने यह भी सवाल किया कि जब महिला ने राजन और जॉय द्वारा प्रताड़ित किए जाने का मामला उठाया गया था, तो ‘वरिष्ठ कॉमरेड’ कार्रवाई करने में विफल क्यों हैं। बता दें कि राजन और जॉय के खिलाफ अब तक कोई मामला दर्ज नहीं किया गया है।
पुलिस प्रथम दृष्टया मानती है कि यह आत्महत्या का मामला है। सीनियर इंस्पेक्टर रतीश कुमार ने TNM से कहा कि राजन और जॉय के खिलाफ अब तक कोई मामला दर्ज नहीं किया गया है। उन्होंने कहा, “सुसाइड नोट के आधार पर उनके खिलाफ मामला दर्ज नहीं किया जा सकता है। हम जाँच कर रहे हैं कि क्या आत्महत्या में उनकी कोई भूमिका थी। अगर ऐसा पाया जाता है तो उनके खिलाफ मामला दर्ज किया जाएगा।”