केरल के एक परिवार ने आरोप लगाया है कि लक्षद्वीप की फिल्म निर्माता आयशा सुल्ताना की आलोचना करने के लिए उनका पीछा किया जा रहा है और उन पर साइबर अटैक हुआ है। बता दें कि आयशा सुल्ताना लक्षद्वीप में लाए गए सुधार कानूनों से खासी नाराज हैं और उन्होंने इसके खिलाफ कई अयान भी दिए। केरल के परिवार ने बताया कि उन्हें कॉल कर के धमकियाँ दी जा रही हैं और प्रताड़ित किया जा रहा है।
आयशा सुल्ताना ने लक्षद्वीप के प्रशासक प्रफुल खोड़ा पटेल के लिए आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल किया था। इस परिवार ने उनके इसी बयान की आलोचना की थी। सोशल मीडिया पर परिवार का एक पोस्ट वायरल हो गया, जिसमें उन्होंने आयशा सुल्ताना की आलोचना की थी। इसके बाद अलग-अलग नंबरों से धमकी भरे कॉल्स आने शुरू हो गए। पति-पत्नी ने जून 9, 2021 को फेसबुक पर ये पोस्ट लिखा था।
‘रिपब्लिक वर्ल्ड’ की एक्सक्लूसिव खबर के अनुसार, परिवार ने बताया कि पोस्ट वाले दिन ही साइबर अटैक किया गया और उसके अगले दिन 12 नंबरों से धमकी भरे कॉल्स आए। पीड़ित ने बताया कि उनकी पत्नी ने आतंकी संगठन ISIS के प्रभाव को लेकर एक पुस्तक लिखने की घोषणा की थी, जिसका नाम ‘राइज ऑफ ISIS – सीक्रेट्स ऑफ इस्लामी स्टेट’ होगा। सोशल मीडिया पर उनके दिव्यांग बेटे तक को नहीं बख्शा गया।
पीड़ित परिवार ने केरल पुलिस के साथ-साथ NIA के समक्ष भी अपनी शिकायत दर्ज कराई है। ईसाई समुदाय से ताल्लुक रखने वाला ये परिवार कोल्लम जिले के कोट्टारक्करा में रहता है। यहाँ तक कि उन्हें बांग्लादेश से भी फोन कॉल कर के धमकी दी गई। उनकी गलती सिर्फ इतनी है कि उन्होंने फ़िल्म निर्माता और ‘एक्टिविस्ट’ आयशा सुल्ताना के खिलाफ पोस्ट लिखा। पीड़ित निक्सन और उनके परिवार ने मीडिया और लोगों से बी मदद माँगी है।
आयशा सुल्ताना पर उनकी आपत्तिजनक टिप्पणियों के लिए राजद्रोह का मुकदमा दर्ज किया जा चुका है। आयशा सुल्ताना ने कहा कि उन्होंने कुछ गलत नहीं किया है और वो लक्षद्वीप को ‘न्याय’ मिलने तक लड़ती रहेंगी। कवरत्ती पुलिस थाने ने उन्हें रविवार (जून 20, 2021) को पूछताछ के लिए समन किया है। उन्होंने लक्षद्वीप पुलिस के साथ सहयोग करने की बात कही है। केरल हाईकोर्ट में एक PIL दर्ज कर सुधार कानूनों को लागू होने से रोकने की माँग की गई थी, जिसे रद्द कर दिया गया।
आयशा सुल्ताना ने पुलिस पर ‘एकपक्षीय’ ढंग से काम करने का आरोप लगाते हुए कहा कि लक्षद्वीप को ‘सीज’ किए जाने के प्रयास का वो विरोध करती रहेंगी। उधर केंद्र शासित प्रदेश के प्रशासन ने सुधार कानूनों को सही ठहराते हुए कहा कि समान भौगोलिक लोकेशन और प्राकृतिक सुंदरता के साथ पर्यटन का हब बना हुआ है। मिनिकॉय, कदमत और सुहेली में नीति आयोग के साथ मिल कर इको-फ्रेंडली टूरिज्म वॉटर विला प्रोजेक्ट्स निर्मित किए जा रहे हैं।
कॉन्ग्रेस नेता की याचिका खारिज करते हुए कहा हाईकोर्ट ने कहा था कि सुधार के लिए उठाए जाने वाले कदम अभी मसौदा के चरण में हैं। इससे पहले इस मामले में हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार से जवाब माँगा था। जस्टिस एसवी भाटी और जस्टिस मुरली पुरुषोत्तम की बेंच ने कॉन्ग्रेस नेता नौशाद अली की याचिका पर सुनवाई की। बता दें कि इस याचिका में लक्षद्वीप विकास प्राधिकरण विनियमन 2021 और द्वीपों में असामाजिक गतिविधि अधिनियम (PASA) पर रोक की माँग की गई थी।