केरल में एक मुस्लिम लड़की ने पिनराई विजयन सरकार से अनुमति माँगी थी कि उसे स्टूडेंट पुलिस कैडेट (SPC) प्रोजेक्ट के लिए उसे हिजाब और पूरी बाँह की पोशाक पहनने की इजाजत दी जाए। वहीं गुरुवार (27 जनवरी, 2022) को केरल की पिनराई विजयन सरकार ने इस लड़की की माँग ठुकराते हुए स्पष्ट कर दिया है कि स्टूडेंट पुलिस कैडेट्स (एसपीसी) अपनी वर्दी के ऊपर हिजाब, स्कार्फ या पूरी बाजू की पोशाक नहीं पहन सकते हैं। सरकार की तरफ से कहा गया है कि इस कदम से राज्य की धर्मनिरपेक्षता प्रभावित होगी।
बता दें कि एसपीसी प्रोजेक्ट केरल पुलिस द्वारा सरकार के सहयोग से बच्चों को कानूनों, अनुशासन और नागरिक भावना के बारे में जागरूकता के लिए एक पहल है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, जीएचएसएस कुट्टियाडी (GHSS Kuttiady) की एक 8वीं कक्षा की छात्रा रिजा नाहन ने केरल उच्च न्यायालय का रुख किया, जिसमें आरोप लगाया गया था कि उसे हिजाब के साथ पूरी बाँह की वर्दी पहनकर परेड में भाग लेने की अनुमति नहीं दी गई थी। अपनी याचिका में, उसने दावा किया कि हिजाब और पूरी बाजू पहनना उसका ‘मौलिक अधिकार’ है। रिजा ने दावा किया था कि वर्दी में बदलाव के कारण उन्हें परेड में भाग लेने से रोक दिया गया था।
वहीं इस मामले में केरल उच्च न्यायालय ने मामले पर राज्य सरकार से जवाब माँगा था। केरल गृह विभाग के संयुक्त सचिव ने बताया कि एसपीसी की वर्दी में धार्मिक प्रतीकों को जोड़ना सही नहीं होगा। अधिकारी ने कहा कि एक मामले में धार्मिक छूट एक गलत संदेश जाएगा और अन्य समूहों द्वारा इसी तरह की माँगों को भी बढ़ावा देगी। बताया जा रहा है कि इस लड़की की याचिका केरल हाई कोर्ट की तरफ से खारिज कर दी गई थी। जिसके बाद इस लड़की ने केरल सरकार से माँग की थी कि स्टूडेंट पुलिस प्रोजेक्ट के तहत उसे हिजाब और पूरी बाँह की पोशाक पहनने की इजाजत दी जाए।
गौरतलब है कि केरल की इस मुस्लिम लड़की ने अदालत का दरवाजा तब खटखटाया था जब स्टूडेंट पुलिस कैडेट ने उन्हें बताया था कि इस्लामिक मान्यताओं के मुताबिक सिर पर हिजाब और पूरी बाँह की ड्रेस पहनने की इजाजत इस परेड में नहीं दी जाएगी।
केरल सरकार का कहना है, “मौजूदा स्थिति में धार्मिक मामलों को वर्दी के साथ जोड़ने से अन्य समान रूप से कार्यरत बलों में भी वही माँगे उठेंगी, जो बलों के अनुशासन और धर्मनिरपेक्ष अस्तित्व पर सवाल उठाएँगे… इसलिए, ऐसा कोई संकेत देना सही नहीं है कि स्टूडेंट पुलिस कैडेट परियोजना के तहत वर्दी में धार्मिक प्रतीकों को बढ़ावा दिया जाता है।” रिपोर्ट के अनुसार, सरकार की तरफ से बताया गया है कि पिछले 10 वर्षों में एसपीसी वर्दी में इस तरह के संशोधनों के बारे में ऐसी कोई माँग नहीं की गई थी।
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, गृह विभाग ने यह भी कहा कि छात्रों के लिए पुलिस कैडेटों में शामिल होना अनिवार्य नहीं था। साथ ही इस बात पर जोर दिया गया कि वर्दी में छूट देने से संस्था की धर्मनिरपेक्ष प्रकृति में हस्तक्षेप होगा। स्टूडेंट पुलिस कैडेट्स प्रोजेक्ट के निर्माण के पीछे एक उद्देश्य एक ऐसी पीढ़ी को तैयार करना है जो राष्ट्र को धार्मिक पृष्ठभूमि से आगे रखे।