Saturday, November 23, 2024
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कोबरा को सप्ताह भर रखा भूखा, फिर सोती पत्नी पर छोड़ दिया: हत्या को हादसा बताने वाले पति को ऐसे मिली सजा

“हमारे पास ऐसे कई कारण थे, जिससे इस बात का संदेह होता था कि यह एक सुनियोजित हत्या थी। हमने पशु चिकित्सा विज्ञान और पशु विज्ञान के कई विशेषज्ञों के साथ इस मामले पर चर्चा की। कुछ कारक अजीब लग रहे थे। ”

केरल के कोल्लम की एक अदालत ने सोमवार को कोबरा साँप से कटवाकर उसकी हत्या करने के मामले में दोषी ठहराया। कोर्ट ने इस कुकृत्य को जघन्य अपराध बताते हुए कहा कि दोषी किसी भी तरह की सहानुभूति का पात्र नहीं है। इस मामले में उसे कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई है।

इस जघन्य अपराध के मामले में भारतीय दंड संहिता की धारा 302 (हत्या), 328 (नुकसान के लिए दवा देना), 307 (हत्या का प्रयास) और 201 (सबूत नष्ट करने) के तहत दोषी पाए गए आरोपित कोल्लम जिले के 32 वर्षीय सूरज कौ मौत की सजा देने की माँग की है। 17 महीने में पूरे किए गए ट्रायल में चूँकि कोई चश्मदीद नहीं था, इस कारण से यह केस काफी जटिल था। हालाँकि, उथरा की मौत की जाँच के लिए बनाई गई एसआईटी की टीम ने वैज्ञानिक तरीके से इस मामले को सुलझाया।

17 महीने में ट्रायल पूरा हुआ। हत्या के चश्मदीद न होने के कारण जाँच दल ने वैज्ञानिक दृष्टिकोण अपनाया। एसआईटी की गहन जाँच और वैज्ञानिक दृष्टिकोण के लिए अधिकारियों द्वारा प्रशंसा की गई है। अभियोजन पक्ष ने सूरज के लिए मौत की सजा की माँग की है।

उल्लेखनीय है कि केरल में हर साल हजारों सर्पदंश के मामले दर्ज होते हैं। इसी क्रम में 06 मई, 2020 को कोल्लम अंचल की रहने वाली उथरा की मौत साँप का काटने से हो गई थी। उथरा को इससे पहले भी कोबरा ने काट लिया था और उनका इलाज चल रहा था। इस बीच एक बार और कोबरा ने उन्हें काट लिया। इससे उनके परिवार को शक हुआ तो उथरा के पिता विजयसेना ने इस मामले में उस दौरान कोल्लम के ग्रामीण एसपी एस हरिशंकर से मिलकर मामले की शिकायत की।

उन्होंने बताया कि मरने से दो महीने पहले उनकी बेटी को 02 मार्च 2020 को पहली बार साँप ने काटा था। इसके बाद 28 फरवरी को उसके घर में सीढ़ियों के नीचे एक साँप पाया गया था। बाद में मई में अप्राकृतिक तरीके से उथरा को मई में एक बार फिर से साँप ने काट लिया, जिससे उसकी मौत हो गई। इस मामले में पुलिस ने 7 मई को अप्राकृतिक मौत का मामला दर्ज किया था। हरिशंकर ने मीडिया को दिए एक बयान में कहा, “ऐसे कई कारक थे जिन्होंने प्रारंभिक रूप से इस धारणा के लिए प्रेरित किया कि यह एक आकस्मिक सर्पदंश का मामला नहीं था।”

उथरा को दो बार साँप ने काटा

इस केस को लेकर हरिशंकर ने कहा, “हमारे पास ऐसे कई कारण थे, जिससे इस बात का संदेह होता था कि यह एक सुनियोजित हत्या थी। हमने पशु चिकित्सा विज्ञान और पशु विज्ञान के कई विशेषज्ञों के साथ इस मामले पर चर्चा की। कुछ कारक अजीब लग रहे थे। ”

कथित तौर पर उथरा को पहली बार 02 मार्च, 2020 को सूरज (उथरा का पति) के घर की पहली मंजिल पर स्थित बेडरूम में एक साँप ने काट लिया था। हालाँकि, इसने जाँच के दौरान संदेह पैदा किया क्योंकि ‘रसेल्स वाइपर (एक स्थलीय प्रजाति) है और शायद ही कभी ऐसा होता है कि वो ऐसी जगहों पर पाया जाता है।

वहीं दूसरी बार उथरा को 06 मई 2020 की रात को सोते वक्त एक कोबरा ने काट लिया। लेकिन यह ‘दुर्घटनावश मृत्यु’ के सिद्धांत पर फिट नहीं बैठता है। क्योंकि कोबरा आमतौर पर शाम 5 से 8 बजे के बीच ही सक्रिय होता है। हरिशंकर ने कहा, “कोबरा का देर रात तक सक्रिय रहना बेहद असामान्य है।”

इसके अलावा कमरे के दरवाजे और खिड़कियाँ भी बंद थे क्योंकि उथरा ने एसी चालू किया हुआ था। अधिकारी ने कहा, “इसलिए साँप घर में कैसे घुसा इसे तर्कसंगत रूप से समझाया नहीं जा सकता है।”

साँप से जबरन कटवाया

एसआईटी टीम ने जाँच का दायरा आगे बढ़ाया तो पोस्टमार्टम से पता चला कि उथरा के शरीर पर दो घाव करीब-करीब 2.3 सेंटीमीटर और 2.5 सेंटीमीटर गहरे पाए गए थे। जबकि, वैज्ञानिक अध्ययनों से पता चलता है कि भारतीय कोबरा के नुकीले निशान 2 सेमी से अधिक गहरे नहीं होते हैं।

पुलिस अधिकारी ने कहा, “दो बार लगातार काटने से होने वाले घाव समान गहराई के होने चाहिए। लेकिन, दोनों में भिन्नता (0.5 सेमी) से प्रतीत होता है कि संभवतः बल का इस्तेमाल किया गया था। अगर कोबरा के सिर पर कोई बाहरी बल लगाया जाता है, तो इससे नुकीला और गहरा प्रवेश हो जाएगा।” इससे ये पता चलता है कि काटने के निशान प्राकृतिक नहीं थे। उसे किसी ट्रेंड व्यक्ति के जरिए कटवाया गया था।

फॉरेन्सिक विभाग के विशेषज्ञों ने कोबरा पर किए टेस्ट से पता चला है कि उसे घर में ही एक प्लास्टिक बोतल में मारकर रखा गया था। रिपोर्ट्स के मुताबिक, बोतल के अंदर मिली पपड़ी का डीएनए मरे हुए कोबरा के डीएनए से मेल खाता है।

इस मामले की जाँच के लिए पशु चिकित्सा विज्ञान, फोरेंसिक मेडिसिन, हर्पेटोलॉजी, साइबर फोरेंसिक, डीएनए फिंगरप्रिंटिंग और फार्माकोलॉजी के विशेषज्ञों की मदद ली गई थी। साँप से जबरन कटाया गया, इस तथ्य की पुष्टि के लिए जाँच दल ने एक जीवित साँप और एक डमी ‘पीड़ित’ के साथ एक प्रयोग भी किया।

साँप की ऑटोप्सी में यह भी पाया गया कि उसे और अधिक आक्रामक बनाने के लिए उसे कम से कम एक सप्ताह तक भूखा रखा गया था।

दहेज के मामले ने पति पर शक को किया पुख्ता

पुलिस टीम जब उथरा की मौत की जाँच कर रही थी तो उसे पता चला कि ससुराल में उसके साथ घरेलू हिंसा और दहेज की माँग की जाती थी। यही वो बात थी, जिसने जाँच अधिकारियों को सूरज पर शक के लिए विवश किया। सर्पदंश की दोनों घटना जब हुई उस दौरान सूरज भी घर पर ही था। खास बात यह थी कि सूरज को वन्यजीवों के प्रति लगाव था और वो वन्यजीव क्लबों का सदस्य भी था।

जाँच दायरा आगे बढ़ा और पुलिस कोल्लम के कल्लुवथुक्कल के चावरुकावु सुरेश नाम के एक व्यक्ति तक पहुँची। वो सूजर को जानता था। सुरेश ने पुलिस को बताया कि घटना वाले दिन सूरज ने दो जहरीले साँप खरीदे थे, इनमें से एक वाइपर साँप था तो दूसरा कोबरा था। फिर क्या था जैसे ही उसे पुलिस ने पकड़ा तो उसने अपना जुर्म कबूल कर लिया।

बिना तलाक के उथरा से छुटकारा पाना चाहता था सूरज

सूरज ने उथरा से दहेज के तौर पर अच्छी रकम पाने की लालच में शादी की थी। लेकिन, जब उसे मनचाहा दहेज नहीं मिला तो जल्द ही उसने तलाक के बिना अपनी पत्नी से छुटकारा पाने के तरीके ढूँढने शुरू कर दिए। इसी दौरान साँपों के जरिए हत्या करने का आइडिया आया।

पहली बार हुआ था असफल

सूरज ने पहली बार सोते वक्त उथरा के ऊपर वाइपर साँप गिरा दिया, लेकिन वो जाग गई, जिसके बाद सूरज मजबूरन उसे अस्पताल ले गया। लेकिन, दूसरी बार उथरा नींद से न जाग सके, इसके लिए सूरज ने उसे जूस में नींद की दवा मिलाकर पिला दिया।

इस बार वो अपने मंसूबों में सफल हो गया। हरिशंकर के मुताबिक, “कोबरा का जहर न्यूरोटॉक्सिक होता है। यह सीधे केंद्रीय तंत्रिका तंत्र पर हमला करता है, जिससे बचने की संभावना काफी कम हो जाती है।” इसके अलावा सूरज के मोबाइल की फॉरेन्सिक जाँच से ये स्पष्ट हुआ है कि उसने साँपों के व्यवहार को जानने के लिए कई वीडियो देखे और साहित्य को पढ़ा था।

पुलिस चीफ ने थपथपाई SIT की पीठ

इस जटिल केस को सॉल्व करने के लिए केरल पुलिस प्रमुख अनिल कांत ने जाँच के दौरान वैज्ञानिक दृष्टिकोण और पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने के लिए विशेष जाँच दल (एसआईटी) की सराहना की है। उन्होंने कहा कि यह एक उदाहरण है कि कैसे एक मर्डर मिस्ट्री को सुलझाने के लिए वैज्ञानिक तरीके अपनाए जा सकते हैं। एस हरिशंकर के नेतृत्व वाली टीम ने बहुत अच्छा काम किया।

वहीं कोर्ट के फैसले से खुश उथरा के पिता ने कहा, “मैं खुश हूँ कि आखिरकार मेरी बेटी को न्याय मिला। हम सूरज के लिए अधिकतम सजा की उम्मीद करते हैं। हम प्रार्थना करते हैं कि किसी अन्य माता-पिता को हमारे अनुभव से गुजरना न पड़े।”

उल्लेखनीय है कि सूरज के माता-पिता को भी दहेज प्रताड़ना का दोषी ठहराया गया है। उन्होंने जाँच को पटरी से उतारने के लिए उथरा के भाई के खिलाफ जवाबी शिकायत दर्ज कराई थी।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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