ओलंपिक खिलाड़ी मयूखा जॉनी ने सोमवार (28 जू 2021) को उनकी एक दोस्त के साथ वर्ष 2016 में हुए कथित बलात्कार मामले की जाँच को लेकर केरल पुलिस और राज्य महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष पर गंभीर आरोप लगाया। उन्होंने बलात्कार और उत्पीड़न के आरोपित बिजनेसमैन को बचाने की कोशिश करने का आरोप लगाया। इस बीच सोमवार को ही त्रिशूर पुलिस ने मामले की नए सिरे से जाँच के लिए महिला अधिकारियों के साथ नई टीम का ऐलान किया।
त्रिशूर में मीडिया से मुखातिब होते हुए ओलंपियन ने कहा के वो पीड़िता की तरफ से बोल रही हैं। उन्होंने कहा कि पीड़िता (उनकी दोस्त) को त्रिशूर के आरोपित बिजनेसमैन से अभी भी खतरा है।
महिलाओं के ट्रिपल जंप में नेशनल रिकॉर्ड बनाने वाली जॉनी ने मीडिया को बताया कि उनकी दोस्त ने इस साल (2021) मार्च में पुलिस में शिकायत की थी, बाद में मजिस्ट्रेट ने भी उसका बयान दर्ज किया। शुरुआत में तो पुलिस बहुत तेजी से कार्रवाई की, लेकिन बाद में उनका रवैया उदासीन हो गया। पीड़िता त्रिशूर ग्रामीण के एसपी जी पूंगुझाली से भी मिली थी। उन्होंने शुरुआत में मामले में काफी दिलचस्पी दिखाई, लेकिन बाद में इस केस को ढंडे बस्ते में डाल दिया।
नई जाँच टीम गठित की गई
इस मामले में एसपी जी पूंगुझाली ने सोमवार (28 जून 2021) को कहा, “मैंने मामले की समीक्षा की है और अब तक हुई जाँच में किसी प्रकार की कोई चूक नहीं मिली। शिकायत घटना के कई सालों के बाद की गई है, इसलिए मामले में कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। हम हालात के मुताबिक सबूतों के आधार पर आगे बढ़ रहे हैं और इस तरह के कदमों में कुछ समय लगेगा”
उन्होंने कहा, “मैंने महिला पुलिस अधिकारियों के साथ एक नई जाँच गठित की है और केस की जाँच को स्थानीय पुलिस से लेकर जिला क्राइम ब्रांच को सौंप दिया है। साथ ही मयूखा द्वारा लगाए गए आरोपों को इंटेलीजेंस विंग की स्पेशल ब्राँच देख रही है।”
मयूखा के आरोप
जॉनी मयूखा ने आरोप लगाया है कि त्रिशूर के कैथोलिक बिशप ने पुलिस को बुलाकर आरोपित का साथ दिया। इसके अलावा पिछली एलडीएफ सरकार के एक मंत्री ने भी कथित तौर पर जाँच को प्रभावित करने की कोशिश की। हालाँकि, एसपी पूंगुझाली ने किसी भी तरह के राजनीतिक या अन्य दवाबों से इनकार करते हुए कहा कि हम मामले की स्वंतत्र रूप से जाँच कर रहे हैं।
जॉनी ने आरोप लगाया है कि उन्होंने महिला आयोग से भी शिकायत करने की कोशिश की थी। लेकिन जब हमें यह पता चला कि महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष जोसेफिन ने ही कथित तौर पर पुलिस को जाँच रोकने के लिए कहा था, तो हम रुक गए।
वहीं पिछले हफ्ते आयोग के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने वाली जोसेफिन ने इन आरोपों पर कोई जवाब नहीं दिया है।
जॉनी ने मीडिया से कहा, “मैं ये खुलासा इस आस में कर रही हूँ कि ये लोग इस मामले से दूर रहेंगे। आरोपित अभी लोकल लीडर्स और बिशप का समर्थन पाकर आजाद घूम रहा है।”
जॉनी मयूखा ने कहा, “आरोपित और पीड़िता दोनों ही त्रिशूर जिले के रहने वाले हैं। साल 2016 में आरोपित ने लड़की के घर में घुसकर उसके साथ बलात्कार किया था। उसने उसके न्यूड वीडियो बना लिए थे। उस दौरान पीड़िता अविवाहित थी और अपने बीमार माता-पिता की बदनामी के कारण चुप रह गई। हालाँकि, 2018 में शादी के बाद भी आरोपित फोन पर उसे धमकाता और परेशान करता रहा।”
उन्होंने कहा, “पिछले हफ्ते पीड़िता ने मुख्यमंत्री से भी मामले की शिकायत की थी, लेकिन बाद में पुलिस अधिकारियों ने उन्हें बताया कि सबूत नहीं होने के कारण इस केस को आगे नहीं बढ़ाया जा सकता है। हम चाहते हैं कि महिला को इंसाफ मिले और आरोपित को बचाने वाले पुलिस अधिकारियों को मामले की जाँच से दूर रखा जाए।”