केरल की एक विशेष अदालत द्वारा दो साल पहले पलक्कड़ में दो नाबालिग लड़कियों से कथित बलात्कार और आत्महत्या के मामले में तीन आरोपितों को बरी कर दिया गया। इसके बाद पीड़ित लड़कियों की माँ ने पुलिस और प्रदेश की वामपंथी सरकार पर आरोपितों को सुरक्षा देने का आरोप लगाया।
बता दें कि आरोपित वी मधु, शिबू और एम मधु ने कथित तौर पर पलक्कड़ में एक 9 वर्षीय और एक 13 वर्षीय लड़की के साथ बलात्कार किया था। 13 वर्षीय लड़की ने साल 2017 में आत्महत्या कर ली थी, जबकि इसके लगभग दो महीने बाद 9 वर्षीय लड़की मृत पाई गई थी। पोस्टमॉर्टम में स्पष्ट हुआ था कि दोनों लड़कियों का यौन उत्पीड़न किया गया था।
Kerala: Protection of Children from Sexual Offences (POCSO) Court acquitted 3 accused in alleged suicide case of 2 minors in Palakkad,citing lack of evidence. In Jan 2017,a 13-year-old was found hanging in her house&2 months later her 9-year-old sister allegedly committed suicide
— ANI (@ANI) October 28, 2019
पुलिस ने तब मामले में तीनों आरोपितों को गिरफ्तार किया और उन पर पॉक्सो (POCSO) अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत कई आरोप लगाए थे। चार्जशीट में आरोपियों के खिलाफ पॉक्सो अधिनियम के अलावा दुष्कर्म और आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप भी लगाए गए थे। मगर शनिवार (अक्टूबर 26, 2019) को
पॉक्सो कोर्ट ने सबूत के अभाव में इन आरोपितों को बरी कर दिया।
जिसके बाद पीड़िता की माँ ने रविवार (अक्टूबर 27, 2019) को कहा कि पुलिस ने मामले की जाँच ठीक से नहीं की और आरोपितों को वामपंथी सरकार (LDF) का समर्थन प्राप्त है, क्योंकि वे स्थानीय स्तर पर वामपंथी दलों के लिए काम करते थे। और इसी वजह से वो छूट गए। उन्होंने कहा, “मेरी बेटियों को न्याय नहीं मिला। जिन लोगों ने उनकी हत्या की, वह खुले में घूम रहे हैं। मैंने अदालत को विस्तार से बताया था कि मेरी बेटियों के साथ क्या हुआ था।”
पीड़िता की माँ ने कहा कि उन्होंने आरोपित मधु को उनकी बड़ी बेटी के साथ दुर्व्यवहार करते देखा था। उन्होंने उसे चेतावनी भी दी थी कि वो उसके घर के आसपास नजर नहीं आना चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि जिस दिन उनकी लड़की मृत पाई गई थी, उस दिन उसकी बहन ने दो लोगों को घर से बाहर भागते हुए देखा था।
उनका कहना है कि उनके चेहरे कपड़े से ढके हुए थे, इसलिए उसे पहचान नहीं पाए। उन्होंने कहा, “हम इस मामले में नए सिरे से जाँच की माँग करते हैं। अपराधियों को दंडित किया जाना चाहिए।”