केरल में टीवी डिबेट के दौरान एक मौलाना ने उन महिलाओं के चरित्र पर सवाल उठाया जो हिजाब नहीं पहनतीं। उनकी इस टिप्पणी को लेकर 4 जनवरी 2024 को उनके खिलाफ केरल के कोझिकोड में एफआईआर दर्ज हुई। इस मामले में शिकायत प्रगतिशील मुस्लिम महिलाओं के मंच NISA की अध्यक्ष वीपी सुहरा ने की थी।
उनकी शिकायत के बाद ही 4 जनवरी को मौलाना के खिलाफ IPC की धारा 295ए (धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुँचाना) और 298 (धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुँचाने वाले शब्द बोलना) के तहत FIR दर्ज की गई। इस एफआईआर के होने के बाद सुहरा ने मौलाना के खिलाफ की गई पुलिस कार्रवाई पर खुशी जाहिर की।
उन्होंने कहा, “हमारे सामने ऐसी कई घटनाएँ हुई हैं। वे मुस्लिम समुदाय और महिलाओं को खराब तरीके से दिखाने चाहते हैं। वे महिलाओं को बुर्का पहनने वाली और न पहनने वाली में बाँटकर समुदाय में तनाव पैदा करना चाहते हैं। फैजी ने उन सभी महिलाओं का अपमान किया है जो हेडस्कार्फ़ नहीं पहनती हैं।”
सुहरा ने पुलिस पर शुरू में उनकी शिकायत पर कार्रवाई न करने का आरोप भी लगाया है। उन्होंने कहा, “जब मैंने 7 अक्टूबर को शिकायत दर्ज की, तो पुलिस ने कहा कि अगर उन्हें अदालत से निर्देश मिलेगा तो वे केस दर्ज करेंगे। बाद में हमें कानूनी राय मिली कि पुलिस शिकायत पर कार्रवाई कर सकती है।”
उन्होंने आगे कहा, “हम संजीदगी और जिद के साथ अपनी शिकायत पर टिके थे ताकि यह पक्का किया जा सके कि मौलवी पर उनकी आपत्तिजनक टिप्पणी के लिए केस दर्ज किया जाए।”
दरअसल, एक टेलीविजन बहस के दौरान एक मौलवी मुक्कम उमर फैजी ने ये कथित टिप्पणी की थी कि जो मुस्लिम महिलाएँ हेडस्कार्फ या हिजाब नहीं पहनती थीं, वे संदिग्ध चरित्र वाली होती हैं।
बताते चलें कि ये टेलीविजन बहस बीते साल अक्टूबर 2023 में समान नागरिक संहिता पर एक सेमिनार के दौरान सीपीआई (एम) नेता अनिल कुमार के बयान को लेकर हुई थी। कुमार ने कहा था,”कम्युनिस्ट पार्टी के असर की वजह मलप्पुरम में मुस्लिम लड़कियों ने हिजाब छोड़ दिया और इससे मुस्लिम समुदाय अधिक प्रगतिशील हुआ है।”
इस बयान के बाद वो सीपीआई (एम) के लोकसभा सांसद ए एम आरिफ और पार्टी के कई अन्य मुस्लिम नेताओं के निशाने पर आ गए थे। सीपीआई (एम) के राज्य सचिव और पोलित ब्यूरो सदस्य एम वी गोविंदन ने कहा था कि पार्टी कुमार के रुख से राजी नहीं है। वहीं मौलाना ने भी टीवी प्रोग्राम में इस पर अपनी राय दी थी, जिसे सुनकर सुहारा काफी नाराज हो गईं थीं। उन्होंने अक्टूबर में एक सार्वजनिक मंच पर अपने सिर से स्कॉर्फ को हटा दिया था।
न्यूज 18 की रिपोर्ट के मुताबिक, उन्होंने शहर के नल्लालम में कुदुम्बश्री के थिरिके स्कूलिल (बैक टू स्कूल) अभियान के उद्घाटन सत्र के दौरान फैजी की टिप्पणी पर निशाना साधाते हुए कहा था कि सिर ढंकना या नहीं ढंकना महिला की पसंद है ये स्कॉर्फ हटाते हुए कहा था- “मैं सिर पर स्कार्फ पहनकर बड़ी हुई हूँ। यह मेरी आदत का हिस्सा है इसलिए नहीं कि मैं मुस्लिम हूँ।” उनके हेडस्कॉर्फ हटाने का विरोध भी हुआ था जिसके बाद पुलिस के पास शिकायत भी पहुँची थी।