दिल्ली दंगों की साज़िश के मामले में एसआईटी ने खालिद सैफी (Khalid Saifi) को गिरफ्तार किया है। खालिद सैफी (Khalid Saifi) को चाँद बाग में हुई हिंसा की साजिश में शामिल होने के आरोप में अरेस्ट किया गया है।
खालिद सैफी की गिरफ्तारी के बाद भाजपा नेता कपिल मिश्रा ने कहा कि ये वही खालिद सैफी है जो उमर खालिद पर गोली चलने का अकेला गवाह था।
खालिद सैफी की गिरफ्तारी के बाद भाजपा नेता कपिल मिश्रा ने ANI की एक पुरानी खबर का स्क्रीनशॉट शेयर करते हुए लिखा है –
“ये हैं खालिद सैफी – दिल्ली दंगो में हथियार लाने और ताहिर हुसैन को हथियार और पैसे दिलवाने के लिए गिरफ्तार। जब उमर खालिद पर गोली चलने की झूठी खबर आई थी। तब मीडिया में गोली चलने का अकेला विटनेस ये खालिद सैफी ही था। मैंने ये बात 13 अगस्त 2018 को ही बताई थी।”
ये हैं खालिद सैफी –
— Kapil Mishra (@KapilMishra_IND) June 9, 2020
दिल्ली दंगो में हथियार लाने और ताहिर हसैन को हथियार और पैसे दिलवाने के लिए गिरफ्तार
जब उमर खालिद पर गोली चलने की झूठी खबर आई थी
तब मीडिया में गोली चलने का अकेला विटनेस ये खालिद सैफी ही था
मैंने ये बात 13 अगस्त 2018 को ही बताई थी pic.twitter.com/BAULcWf7Ju
दरअसल, JNU छात्र नेता उमर खालिद पर कथित रूप से गोली लगने का यह मामला 13 अगस्त 2018 को सामने आया था। तब कॉन्स्टिट्यूशन क्लब में ‘खौफ से आजादी’ नाम के कार्यक्रम का आयोजन ‘यूनाइटेड अंगेस्ट हेट’ और ‘नॉट इन माई नेम’ नाम की संस्थाओं के बैनर तले किया गया था।
इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए उमर खालिद भी पहुँचे थे। इस मौके पर मौजूद एक प्रत्यक्षदर्शी ने कहा था कि कार्यक्रम शुरू होने के पहले कॉन्स्टिट्यूशन क्लब के बाहर उमर अपने कुछ साथियों के साथ चाय पी रहे थे, इतने में हाथ में पिस्तौल लिए सफेद शर्ट पहने एक शख्स आया और उसने उमर को मारने के लिए जैसे ही पीछे दबोचा तो उनके साथियों ने उसे पकड़ने का प्रयास किया।
उस प्रत्यक्षदर्शी ने कहा था कि हमलावर ने वहाँ से भागते हुए उमर खालिद पर गोली चलाई थी। यह प्रत्यक्षदर्शी और कोई नहीं बल्कि दिल्ली दंगों के पहले इसी JNU छात्र उमर खालिद (Umar Khalid) और ताहिर हुसैन के बीच शाहीनबाग (Shaheen Bagh) में मीटिंग करवाने वाला खालिद सैफी ही था। 08 जनवरी को शाहीनबाग में हुई मीटिंग में उमर खालिद, ताहिर हुसैन और खालिद सैफी शामिल थे।