अयोध्या में नवनिर्मित राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा समारोह की तैयारियाँ चल रही हैं। प्राण प्रतिष्ठा का मुख्य समारोह 22 जनवरी 2024 को होगा। इस समारोह में गुजरात के गोधरा कांड में जान गँवाने वाले 59 ‘कारसेवकों’ से 19 के परिवारवाले भी शामिल होंगे। साल 2002 में गोधरा में कारसेवकों से भरे एक रेलवे डब्बे को जला दिया गया था। इसके बाद गुजरात में दंगे भड़क उठे थे।
गुजरात विश्व हिंदू परिषद (VHP) के महासचिव अशोक रावल ने शनिवार (20 जनवरी 2024) को इसकी जानकारी दी। उन्होंने बताया, “आमंत्रित लोगों में उन कारसेवकों के परिजन भी शामिल हैं, जो अयोध्या से अहमदाबाद लौट रहे थे और गोधरा रेलवे स्टेशन के पास उपद्रवियों द्वारा साबरमती एक्सप्रेस ट्रेन के दो डिब्बों में आग लगा दिए जाने से मारे गए थे।”
उन्होंने आगे कहा कि विश्व हिंदू परिषद के पास 39 कारसेवकों के नाम और संपर्क थे। इन लोगों के यहाँ संपर्क करने की कोशिश की गई, लेकिन सिर्फ 20 परिवारों से ही संपर्क साधा जा सका। अशोक रावल ने कहा कि इनमें से 19 परिवारों (कुछ रिपोर्ट में 18 परिवार) 22 जनवरी को अयोध्या में होने जा रहे समारोह में शामिल होने की बात कही है।
गोधरा के जिन लोगों को अयोध्या में होने वाले प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के लिए आमंत्रित किया गया है, उनमें एक ऑटोरिक्शा चालक हरीशभाई डाभी भी शामिल हैं। उन्होंने गोधरा कांड में अपनी माँ को खो दिया था। डाभी अयोध्या के कारसेवकपुरम में रह रहे हैं। वह अहमदाबाद की एक दलित बस्ती से हैं।
विश्व हिंदू परिषद के अधिकारी रावल का कहना है कि गोधरा कांड के पीड़ित परिवारों के अलावा, गुजरात से 320 संत और समाज के 105 प्रमुख सदस्यों को भी समारोह में शामिल होने का न्योता दिया गया है। ये संत एवं प्रबुद्ध लोग प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के दौरान अयोध्या में उपस्थित रहेंगे।
अशोक रावल ने कहा कि VHP ने राम मंदिर निर्माण के लिए 225 करोड़ रुपए इकट्ठे कर इस पुनित काम में अपना योगदान दिया है। बताते चलें कि 6 दिसंबर 1992 को अयोध्या में विवादित ढाँचे के विध्वंस के बाद 27 फरवरी 2002 को गुजरात के गोधरा में ट्रेन अग्निकांड भी देश के इतिहास में सदा के लिए दर्ज हो गया।
27 फरवरी 2002 में 59 ‘कारसेवकों’ को ट्रेन में जिंदा जला दिया गया था। इनमें औरतें और बच्चे भी शामिल थे। इसके बाद गुजरात के इतिहास में सबसे भयानक सांप्रदायिक दंगे भड़के थे। वीएचपी ने 22 जनवरी को अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के मौके पर गोधरा में जान गँवाने वालों के परिवालों को भी याद रखा है।
बताते चलें कि श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने कहा था कि मंदिर आंदोलन में बलिदान हुए लोगों के परिवारों को प्राण प्रतिष्ठा समारोह में आमंत्रित किया जाएगा। हालाँकि, ट्रस्ट का ये भी कहना है कि समाज के हर तबके के लोगों को समारोह में आमंत्रित किया गया है। उनका कहना है कि ‘राम सबके हैं और सभी राम के हैं’।