गुजरात में मुस्लिम कट्टरपंथियों द्वारा हिंदू युवक किशन भारवाड की हत्या (Kishan Bharwad Murder Case) का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। किशन भारवाड की हत्या के छठे दिन भी अहमदाबाद जिले के धंधुका, बोटाद और राणपुर में बंद जैसे हालात हैं। हिंदू संगठन जगह-जगह विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं और किशन के हत्यारों को फाँसी की सजा देने की माँग कर रहे हैं।
बताया जा रहा है कि सोमवार (31 जनवरी 2022) को राजकोट में किशन हत्याकांड के विरोध में भरवाड समाज और करणी सेना ने जमकर विरोध प्रदर्शन किया। ये सभी लोग कलेक्टर को ज्ञापन देने के लिए रेसकोर्स रोड से गुजर रहे थे। तभी कुछ लोग जबरन दुकानों को बंद कराने लगाने लगे, इसको लेकर जब दुकानदारों ने उनका विरोध किया तो प्रदर्शनकारियों ने तोड़फोड़ शुरू कर दी। पुलिस ने उन्हें रोकने की बहुत कोशिश की, लेकिन जब वो नहीं माने तो पुलिस को उन पर लाठीचार्ज करना पड़ा।
विरोध प्रदर्शन और लाठी चार्ज के बाद पूरे इलाके में भारी पुलिस बल तैनात किया है। वहीं, राजकोट के पुलिस कमिश्नर मनोज अग्रवाल ने शहर के लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है। मालूम हो कि हिंदू युवक किशन भरवाड की हत्या के मामले में गुजरात पुलिस और गुजरात ATS ने हाल में मौलाना कमर गनी उस्मानी को दिल्ली से पकड़ा है। उसकी गिरफ्तारी के बाद सोशल मीडिया पर एक वीडियो सामने आई है। इस वीडियो में दिल्ली पुलिस से सिर्फ इसलिए झगड़ रहा है, क्योंकि पुलिस उसे कट्टरपंथियों को भड़काने वाले प्रदर्शन में जाने से रोक रही है।
बता दें कि किशन ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो पोस्ट अपलोड किया था, जिसके बाद से वह इस्लामी कट्टरपंथी के निशाने पर था। बताया गया था कि किशन ने जो वीडियो सोशल मीडिया पर अपलोड किया था, वो मुस्लिमों के पैगंबर मुहम्मद से संबंधित था। किशन की पोस्ट पर कई लोगों ने आपत्ति भी जताई थी। पुलिस ने भी किशन के खिलाफ एक्शन लिया था। पोस्ट के बाद से ही किशन को जान से मारने की धमकियाँ मिल रही थीं। इस घटना के बाद से किशन अपने घर से नहीं निकल रहा था। मंगलवार को अचानक ही वो अपनी बाइक से निकला था, लेकिन कुछ ही दूरी पर उसकी हत्या कर दी गई।
एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया था कि किशन पर गोली चलाने वाले बाइक सवार उसके पीछे चल रहे थे, जैसे ही वो मोढवाड़ा मोड़ के पास पहुँचे तो किशन पर पहली गोली चलाई गई, लेकिन वह बच गया। इसके बाद उस पर दोबारा हमला किया गया और घटनास्थल पर ही उसकी मौत हो गई। इस घटना के बाद से हिन्दू संगठन बेहद आक्रोशित हैं। उन्होंने बीते दिनों धंधुका में बंद का ऐलान किया था। विश्व हिन्दू परिषद् (VHP) के इस आह्वान को स्थानीय लोगों और अन्य हिन्दू संगठनों का पूरा समर्थन मिला।