मुंबई क्रूज ड्रग्स मामले की जाँच से समीर वानखेड़े को हटा दिया गया है। अब इस केस की जाँच पूर्व सीबीआई अधिकारी संजय सिंह करेंगे। संजय सिंह 1996 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं। आपको जानकर हैरानी होगी, लेकिन यह सच है कि संजय सिंह सरकारी गाड़ी का इस्तेमाल सिर्फ सरकारी कार्यों के लिए ही करते हैं। इतना ही नहीं वो अपने कार के नंबर प्लेट पर तीन स्टार नहीं लगाते और सुरक्षा भी नहीं लेते हैं। एक बार उन्हें सुरक्षा लेने का ऑफर भी दिया गया था, लेकिन उन्होंने इनकार कर दिया। इस बात का खुलासा आईपीएस अधिकारी के एक बैचमेट ने ‘न्यूज 18’ से बातचीत में किया है।
एडीजी रैंक के अधिकारी ने बताया कि संजय सिंह CBI में कार्य करने के दौरान तत्कालीन सीबीआई निदेशक के पसंदीदा अधिकारियों में से एक थे। इस दौरान वो काफी संवेदनशील जगहों पर भी रहे। सीबीआई में रहते हुए उन्होंने कॉमनवेस्थ गेम्स घोटाला और सीआरपीएफ भर्ती घोटाला समेत कई अन्य मामलों की जाँच की। संजय सिंह इससे पहले भुवनेश्वर के कमिश्नर, ओडिशा के एडिशनल डीजी भी रह चुके हैं। बताया जाता है कि संजय सिंह ने कई ड्रग्स नेटवर्क पर कार्रवाई की है। वह इस पद पर 31 जनवरी, 2025 तक रहेंगे।
पदभार संभालने के बाद मुंबई में नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के डीडीजी संजय कुमार सिंह ने कहा, “हमने 6 मामलों के एक ग्रुप को अपने कब्जे में ले लिया है। वह (समीर वानखेड़े) मुंबई के जोनल डायरेक्टर हैं, हम निश्चित रूप से जाँच में उनकी सहायता लेंगे।”
बता दें कि ड्रग्स मामले में जाँच का नेतृत्व कर रहे जोनल अधिकारी समीर वानखेड़े को जाँच से हटा दिया गया है। समीर वानखेड़े पर वसूली के आरोप लगने के बाद से ऐसा किया गया है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, वानखेड़े को हटाए जाने के बाद मामले की जाँच वरिष्ठ पुलिस अधिकारी संजय सिंह के नेतृत्व में एसआईटी को सौंपी गई है।