Monday, November 18, 2024
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300 लीटर वाला फ्रिज खरीदा, बदबू दबाने के लिए जलाता था अगरबत्ती… जिस कमरे में रखे थे श्रद्धा के टुकड़े, वहीं Zomato से खाना मँगा कर खाता था आफताब

आफ़ताब को अपने किए का बिलकुल भी पछतावा नहीं है। उसके पड़ोसियों के मुताबिक दोनों में अक्सर झगड़े हुआ करते थे। उन्होंने बताया कि हत्या के दिन पड़ोसियों ने किसी प्रकार की चीख-पुकार नहीं सुनी थी।

देश की राजधानी दिल्ली में शनिवार (12 नवम्बर, 2022) को श्रद्धा वाकर नाम की दलित लड़की की हत्या के आरोप में पुलिस ने आफ़ताब को गिरफ्तार किया है। आफ़ताब पर शादी का दबाव बना रही अपनी प्रेमिका के शव के 35 टुकड़े कर के दिल्ली के अलग-अलग हिस्सों में फेंकने का आरोप है। बताया जा रहा है कि कटे हुए मांस को सड़ने से बचाने के लिए आफताब ने बाजार से 300 लीटर क्षमता वाले फ्रिज खरीदा था। इसी के साथ लाश से उठ रही बदबू को दबाने के लिए आफ़ताब अगरबत्ती का इस्तेमाल किया करता था। शव को वो महरौली के जंगल में ठिकाने लगाता था।

बताया जा रहा है कि आफ़ताब उसी कमरे से सोता था, जहाँ उसने श्रद्धा का कत्ल किया था। वो जोमैटो से खाना मँगवा कर इत्मीनान से खाता था। पुलिस की पूछताछ में आफ़ताब ने पहले कहा कि श्रद्धा वहाँ नहीं रहती और वो कई महीने पहले जा चुकी है। हालाँकि, बाद में वो टूट गया और सारे गुनाह उगल दिए। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कोर्ट ने आफताब को 5 दिनों की कस्टडी रिमांड पर भेज दिया है। इस दौरान उसके कई अन्य कारनामों की पोल खुलने का अनुमान लगाया जा रहा है।

बताया जा रहा है कि श्रद्धा के परिजन उसके आफ़ताब से रिश्तों के खिलाफ थे। आफ़ताब के साथ दिल्ली में रहने के दौरान वो अपने बचपन के दोस्त लक्ष्मण से सारी बातें शेयर किया करती थी। लक्ष्मण श्रद्धा के परिजनों को सारी जानकारी दिया करता था। बताया जा रहा है कि अपना घर छोड़ने से पहले श्रद्धा ने कहा था कि वो बड़ी हो चुकी है और अपने फैसले खुद ले सकती है।

बताया जा रहा है कि पिछले कई दिनों से लक्ष्मण श्रद्धा से संपर्क करने की कोशिश कर रहा था लेकिन उसका फोन संपर्क से बाहर बता रहा था। आख़िरकार यह जानकारी उसने श्रद्धा के पिता को दी, जिसके बाद उन्होंने दिल्ली में आफ़ताब के खिलाफ FIR दर्ज करवाई थी। पुलिस की पूछताछ में यह भी सामने आया है कि आफताब के कई लड़कियों से संबंध थे, जिसका श्रद्धा विरोध करती थी। दोनों के बीच अक्सर होने वाले झगड़ों में एक वजह यह भी थी।

एक अन्य रिपोर्ट के मुताबिक, आफ़ताब को अपने किए का बिलकुल भी पछतावा नहीं है। उसके पड़ोसियों के मुताबिक, दोनों में अक्सर झगड़े हुआ करते थे। उन्होंने बताया कि हत्या के दिन पड़ोसियों ने किसी प्रकार की चीख-पुकार नहीं सुनी थी। पड़ोसियों ने बताया कि उन्हें आफताब की करतूत तब पता चली जब 25-30 पुलिसकर्मी उसको साथ लाए और बिल्डिंग को घेर लिया गया था।

पड़ोसियों के मुताबिक, उन्हें भनक ही नहीं लगी कि उनके बगल एक युवक एक लड़की को 35 टुकड़ों में काट कर वहीं पर रह रहा है। बताया जा रहा है कि हत्या के बाद आरोपित लगातार ऑफिस भी जा रहा था और अपना जीवन सामान्य रूप में जी रहा था। आफ़ताब का घर काफी अस्त-व्यस्त और बिखरा हुआ था।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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